Madhya Pradesh विधान सभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू, 24 मार्च तक चलेगा; 9 बैठकें होंगी

Madhya Pradesh विधान सभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होने जा रहा है और यह 24 मार्च तक चलेगा। इस सत्र में कुल 9 बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें प्रमुख रूप से विधायी कार्य और सरकारी कामकाज पर चर्चा की जाएगी। यह सत्र विधान सभा सचिवालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार आयोजित किया जाएगा। सत्र में विधायकों द्वारा विभिन्न विधेयकों और प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा और राज्य के वित्तीय वर्ष की योजनाओं के बारे में विस्तृत चर्चा होगी।
सत्र की तिथियां और कार्यसूची:
मध्य प्रदेश विधानसभा के इस बजट सत्र की शुरुआत 10 मार्च को होगी, जब राज्यपाल का अभिभाषण होगा और इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। सत्र की अवधि में कुछ प्रमुख तिथियाँ और छुट्टियाँ शामिल हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- सोमवार, 10 मार्च: राज्यपाल का अभिभाषण, अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव
- मंगलवार, 11 मार्च: प्रश्नोत्तरी, सरकारी कार्य
- बुधवार, 12 मार्च: प्रश्नोत्तरी, सरकारी कार्य
- गुरुवार, 13 मार्च: प्रश्नोत्तरी, सरकारी कार्य
- शुक्रवार, 14 मार्च: अवकाश (होली)
- शनिवार, 15 मार्च: अवकाश
- रविवार, 16 मार्च: अवकाश
- सोमवार, 17 मार्च: प्रश्नोत्तरी, सरकारी कार्य
- मंगलवार, 18 मार्च: प्रश्नोत्तरी, सरकारी कार्य
- बुधवार, 19 मार्च: अवकाश (रंगपंचमी)
- गुरुवार, 20 मार्च: प्रश्नोत्तरी, सरकारी कार्य
- शुक्रवार, 21 मार्च: प्रश्नोत्तरी, सरकारी कार्य (1.30 बजे तक), गैर-सरकारी कार्य
- शनिवार, 22 मार्च: अवकाश
- रविवार, 23 मार्च: अवकाश
- सोमवार, 24 मार्च: प्रश्नोत्तरी, सरकारी कार्य
इस सत्र की प्रमुख विशेषता यह होगी कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर विचार और चर्चा की जाएगी। साथ ही, राज्य सरकार की योजनाओं और बजट पर चर्चा भी की जाएगी।
नोटिस और प्रस्ताव:
मध्य प्रदेश विधानसभा के सचिवालय ने इस सत्र से पहले सभी संबंधित पक्षों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। निजी विधेयकों के नोटिस 19 फरवरी तक सचिवालय में प्राप्त किए जाएंगे और निजी प्रस्तावों के नोटिस 6 मार्च तक प्राप्त किए जाएंगे। इसके अलावा, सत्र के दौरान अधिस्थगन प्रस्ताव, ध्यान आकर्षण और नियम 267-A के तहत नोटिस 4 मार्च से प्राप्त किए जाएंगे।
सत्र का उद्देश्य और महत्व:
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र हमेशा राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य, सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों पर महत्वपूर्ण चर्चा का केंद्र बनता है। इस सत्र में राज्य के वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रस्तुत किया जाएगा और राज्य के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इस सत्र के दौरान कई सरकारी योजनाओं, वित्तीय प्रावधानों, और समाजिक सुरक्षा के मुद्दों पर विधायकों के बीच व्यापक चर्चा की उम्मीद है।
राज्य सरकार का उद्देश्य इस सत्र के माध्यम से राज्य में आर्थिक विकास के नए मार्ग खोलना और जनकल्याण के लिए ठोस कदम उठाना है। बजट सत्र में जहां सरकारी कार्यों पर चर्चा होगी, वहीं विपक्षी दलों द्वारा सरकार से सवाल भी पूछे जाएंगे।
नौकरशाही और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा:
बजट सत्र में कई प्रशासनिक और नौकरशाही मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा। मध्य प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों के कामकाज और प्रशासनिक सुधारों पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा, राज्य में कानून-व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और बुनियादी ढांचे जैसे अहम मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो सकती है।
विधानसभा के प्रति जनता की उम्मीदें:
मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान, राज्य की जनता भी काफी उम्मीदें रखती है कि राज्य सरकार विभिन्न मुद्दों पर पारदर्शिता से कार्य करेगी और विकास कार्यों में तेजी लाएगी। सत्र के दौरान पेश किए गए बजट और योजनाओं के माध्यम से जनता की भलाई और राज्य के समग्र विकास की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाने की उम्मीद की जाती है।
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र राज्य के विकास और आर्थिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इस सत्र में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने के साथ-साथ राज्य सरकार अपनी योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर जवाबदेह रहेगी। विपक्षी दल भी सरकार से सवाल करेंगे और राज्य के प्रशासनिक कार्यों में सुधार की दिशा में अपनी राय देंगे। यह सत्र राज्य के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य के लिए अहम होगा और इसके माध्यम से कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं जो राज्य के विकास को गति देंगे।
यह सत्र मध्य प्रदेश के नागरिकों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान जो निर्णय लिए जाएंगे, उनका प्रभाव राज्य के हर क्षेत्र पर पड़ेगा।