Sahara Desert में अचानक आई बाढ़, रेगिस्तान में बना झीलों का अद्भुत नजारा

Sahara Desert: क्या आपने कभी सुना है कि किसी रेगिस्तान में इतनी बारिश हो जाए कि वहां झीलें बन जाएं? सहारा रेगिस्तान, जो अपनी शुष्कता और गर्मी के लिए मशहूर है, वहां अचानक आई बाढ़ से झीलें बन गई हैं। यह नजारा न केवल दुर्लभ है, बल्कि ऐसा दृश्य जिसे देख कर कोई भी दंग रह जाए। मोरक्को के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित सहारा रेगिस्तान में इस बाढ़ ने न केवल पर्यटकों को हैरान कर दिया, बल्कि वहां की प्राकृतिक स्थिति को भी बदल दिया है।
सहारा रेगिस्तान: दुनिया का सबसे सूखा स्थान
सहारा रेगिस्तान दुनिया के सबसे बड़े और सबसे शुष्क रेगिस्तानों में से एक है। यहां साल भर में बारिश का औसत 250 मिमी से भी कम होता है। यह इलाका हमेशा से अपनी तपती धूप, सूखे और रेतीली आंधियों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस बार सितंबर महीने में यहां इतनी भारी बारिश हुई कि रेगिस्तान में न केवल बाढ़ आ गई, बल्कि वहां झीलें भी बन गईं। यह नजारा देखना जितना रोमांचक था, उतना ही अकल्पनीय भी।
बाढ़ से बना झीलों का अद्भुत दृश्य
मोरक्को के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित टागोनिट गांव में 24 घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। यह गांव राजधानी राबात से लगभग 450 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां आए पर्यटक, जो मोटर वाहनों के जरिए सहारा रेगिस्तान के समुदायों को देखने आए थे, वे भी इस दृश्य को देखकर आश्चर्यचकित हो गए। उन्होंने देखा कि रेत के टीलों के बीच झीलें बन गई हैं और उन झीलों के चारों ओर खजूर के पेड़ लगे हैं। यह नजारा पहले कभी किसी ने देखा नहीं था, और इसे देखकर लोग अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पा रहे थे।
दशकों बाद हुई इतनी भारी बारिश
मोरक्को के मौसम विभाग के जनरल डायरेक्टरेट के हुस्सीन यौआबेब ने कहा कि “पिछले 30-50 वर्षों में यह पहली बार है जब इतनी भारी बारिश इतनी कम समय में हुई है।” मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह बारिश एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान का परिणाम है, जो भविष्य में इस क्षेत्र के मौसम के बदलाव का कारण बन सकता है। इस तरह की बारिश से हवा में नमी की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे भविष्य में और अधिक वाष्पीकरण और तूफान आने की संभावना है।
सूखे की चुनौती और बारिश की राहत
मोरक्को में पिछले छह वर्षों से लगातार सूखे की स्थिति बनी हुई थी, जिससे यहां के किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। किसान अपनी फसलें नहीं बो पाते थे और गांवों में पानी की खपत को भी सीमित कर दिया गया था। लेकिन इस भारी बारिश ने रेगिस्तान के नीचे स्थित भूजल भंडारों को फिर से भरने में मदद की है, जिससे यहां के रेगिस्तानी समुदायों को पानी की आपूर्ति में राहत मिलेगी।
बाढ़ के कारण हुई जानमाल की हानि
हालांकि, इस भारी बारिश और बाढ़ ने कई स्थानों पर तबाही भी मचाई है। मोरक्को और अल्जीरिया में बाढ़ और ओएसिस के डूबने से 20 से अधिक लोगों की जान चली गई है। इसके अलावा, किसानों की फसलें भी नष्ट हो गईं, जिससे उनकी आजीविका पर बुरा असर पड़ा है। दोनों देशों की सरकारों को आपातकालीन राहत के लिए धनराशि आवंटित करनी पड़ी है ताकि प्रभावित क्षेत्रों को राहत पहुंचाई जा सके।
झील इरीकी का पुनर्जीवन
नासा के सैटेलाइट चित्रों ने दिखाया कि झील इरीकी, जो मोरक्को के ज़ागोरा और टाटा के बीच स्थित एक प्रसिद्ध झील है और पिछले 50 वर्षों से सूखी पड़ी थी, अब तेजी से पानी से भर रही है। यह झील रेगिस्तान के बीचों-बीच स्थित है और इसे भरता देखना एक अद्भुत अनुभव है। यह घटना इस बात का प्रतीक है कि प्रकृति कितनी अनिश्चित और शक्तिशाली हो सकती है।
क्या बदल सकता है सहारा का मौसम?
मौसम विज्ञानियों का मानना है कि इस तरह की भारी बारिश और तूफान भविष्य में सहारा के मौसम को बदल सकते हैं। हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से अधिक वाष्पीकरण होगा, जिससे और अधिक बारिश और तूफान की संभावना बढ़ेगी। अगर यह सिलसिला जारी रहा तो सहारा का शुष्क और तपता मौसम धीरे-धीरे बदल सकता है।
पर्यावरण पर प्रभाव
इस बाढ़ ने न केवल सहारा के भू-प्राकृतिक वातावरण को प्रभावित किया है, बल्कि यहां के पारिस्थितिकी तंत्र पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। रेगिस्तान के सूखे इलाके में अचानक झीलों का बनना यहां के वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के लिए भी आश्चर्यजनक बदलाव है। यहां की जलवायु में अचानक आए इस बदलाव से रेगिस्तान के जीव-जंतु और वनस्पतियों के जीवन चक्र में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।