Sehore Crime: स्कूल के बाथरूम में छात्रा का शव फांसी पर लटका मिला, भीम आर्मी प्रमुख ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
Sehore Crime: मध्य प्रदेश के सेहोर जिले की बुधनी विधानसभा क्षेत्र में स्थित एक सरकारी स्कूल के बाथरूम में एक छात्रा का शव फांसी पर लटका हुआ मिला। इस मामले में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट कर मध्य प्रदेश के डीजीपी से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
घटना का विवरण
कक्षा 9 की छात्रा, रीना गौर, बुधनी क्षेत्र के गाँव मोगरा के सरकारी स्कूल में पढ़ती थी। बुधवार को, छात्रा ने दोपहर 2 बजे लंच के बाद बाथरूम जाने का फैसला किया। जब छात्रा काफी देर तक नहीं लौटी, तो स्कूल के शिक्षकों ने उसे खोजने का निर्णय लिया। बच्चों ने बताया कि बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद है।
जब शिक्षिकाएँ बाथरूम के दरवाजे को खोलने में असमर्थ रहीं, तो उन्होंने बाथरूम की खिड़कियों से झाँका और देखा कि छात्रा एक दुपट्टे से लटकी हुई थी। दरवाजा खोला गया और छात्रा को नीचे लाया गया, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने छात्रा को अस्पताल पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चंद्रशेखर आजाद का बयान
इस घटना के बाद, उत्तर प्रदेश के दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने ट्विटर पर कहा कि “गाँव मोगरा में स्कूल के बाथरूम में कक्षा नौ की छात्रा का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी पर लटका मिला। यह घटना अत्यंत दुखद और चिंताजनक है। स्कूल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन मामले को नजरअंदाज कर रहे हैं, जबकि पीड़ित के परिवार को न्याय दिलाने के लिए डीजीपी को उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए।”
घटनास्थल पर पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक टीम को बुलाया और मामले की जांच शुरू की। छात्रा के परिवार वालों से भी पूछताछ की गई है। स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कई लोगों ने इसे एक संज्ञानात्मक मामला बताया है।
जांच और समुदाय की प्रतिक्रिया
इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग ने पूरे क्षेत्र में गुस्से और चिंता की लहर पैदा कर दी है। लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या यह आत्महत्या है या इसके पीछे कोई अन्य कारण है। छात्रा के सहपाठियों और परिवार वालों का कहना है कि रीना एक सामान्य छात्रा थी और किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं कर रही थी।
विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले में तेजी से न्याय की मांग की है और सुनिश्चित किया है कि इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों।
यह घटना केवल एक छात्रा की मौत का मामला नहीं है, बल्कि यह एक बड़े सामाजिक मुद्दे को उजागर करती है, जिसमें शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में यदि सही तरीके से जांच नहीं की जाती है, तो यह भविष्य में और गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
छात्रा के परिवार को न्याय दिलाने और इस मामले की गहराई से जांच करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसा फिर से न हो।