Chhattisgarh News: ‘अधिकार मांगने पर FIR दर्ज’, D.Ed उम्मीदवारों का BJP सरकार पर आरोप

छत्तीसगढ़ में D.Ed उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिसका नतीजा उन्हें भारी पड़ गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों पर केस दर्ज किया है। इस मामले में ओम प्रकाश साहू, मेघा पांडे, सतीश निषाद, कुलदीप वर्मा, संतोष साहू, कमल राजपूत, इनायत अली और अन्य शामिल हैं।
प्रदर्शन की पृष्ठभूमि
सोमवार को, D.Ed उम्मीदवार मुख्यमंत्री निवास के पास नियुक्ति की मांग करने के लिए जा रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन के साथ मिलकर अयोग्य व्यक्तियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है।
कांग्रेस सरकार के समय भर्ती
कांग्रेस सरकार के समय, 2023 में सहायक शिक्षक के 6285 पदों के लिए भर्ती की गई थी। D.Ed उम्मीदवारों का यह आंदोलन 2 अक्टूबर से चल रहा था। इस दौरान, उन्होंने सरकार को जगाने के लिए जल सत्याग्रह, मुंडन, और चाय देने जैसे कई तरीके अपनाए। साथ ही, अधिकारियों की समझदारी के लिए प्रार्थना और हवन पूजन भी किया गया।
पुलिस कार्रवाई और आरोप
जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन का कोई परिणाम नहीं निकला, तो प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिलने और एक ज्ञापन सौंपने के लिए आगे बढ़े। लेकिन पुलिस ने उन्हें मुख्यमंत्री निवास तक पहुँचने से पहले ही रोक दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें बलात पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
D.Ed उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद पुलिस ने बल प्रयोग किया। जब FIR दर्ज की गई, तो उनके गुस्से में और इजाफा हुआ। उन्होंने कहा कि यह सरकार के प्रशासन की विफलता को छुपाने के लिए किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार में अधिकार मांगने पर FIR दर्ज की गई है।
पुलिस ने D.Ed उम्मीदवारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 191(2), 126(2), और 221 के तहत मामला दर्ज किया है।
विरोध का उद्देश्य
D.Ed उम्मीदवारों का मुख्य उद्देश्य यह है कि सरकार को उनकी नियुक्तियों के प्रति गंभीर होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती है, तो वे आगे और अधिक उग्र प्रदर्शन करेंगे।
छत्तीसगढ़ की यह घटना यह दर्शाती है कि राज्य में युवाओं में नौकरी के प्रति कितनी गंभीरता है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है, जिससे उनकी निराशा और बढ़ गई है।
D.Ed उम्मीदवारों का यह आंदोलन छत्तीसगढ़ में शिक्षा प्रणाली की चुनौतियों को उजागर करता है। यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इस प्रकार की घटनाएँ न केवल उन छात्रों के भविष्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि सरकारें अपने नागरिकों की आवश्यकताओं का कितना ध्यान रखती हैं।