Russia-Ukraine War: रूस ने क्रूज मिसाइलों से यूक्रेन पर बरसाए हमले, ड्रोन से भी किया हमला

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब और भी भयावह रूप ले चुका है। रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के जरिए भीषण हमले किए हैं। इन हमलों में रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है। यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री हरमन हलुशचेंको ने इस बात की जानकारी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से दी। उन्होंने कहा, “दुश्मन का आतंक जारी है।“
यूक्रेनी वायुसेना ने बताया कि रातभर कई ड्रोन हमले किए गए और उसके बाद देश के हवाई क्षेत्र में क्रूज मिसाइलें भी दागी गईं। वायुसेना ने यह भी बताया कि रूस ने यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों के खिलाफ ‘किंझाल’ बैलिस्टिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया। इन हमलों के बाद, सर्दियों की शुरुआत में यूक्रेन की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को नष्ट करने के रूस के लक्ष्य को लेकर आशंकाएं बढ़ गई हैं।
पोकरोवस्क शहर के पास भीषण लड़ाई
इसी बीच, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बीच, यूक्रेन के शीर्ष सैन्य कमांडर ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन के एक प्रमुख शहर पोकरोवस्क के आसपास की लड़ाई रूस की लगातार आक्रामकता के कारण और अधिक भीषण हो गई है। रूसी सेना अब शहर से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। पोकरोवस्क का शहर यूक्रेन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमला
रूस ने अपने हालिया हमलों में यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों को प्राथमिकता से निशाना बनाया है। ऊर्जा मंत्री हरमन हलुशचेंको ने कहा कि इन हमलों का उद्देश्य यूक्रेन की ऊर्जा आपूर्ति को बाधित करना है, खासकर सर्दियों के मौसम में। ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमला करने से रूस यूक्रेन के नागरिकों को ठंड के मौसम में संकट में डालना चाहता है।
ड्रोन और क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल
यूक्रेनी वायुसेना के मुताबिक, रूस ने रातभर ड्रोन हमले किए और उसके बाद क्रूज मिसाइलों से हमला किया।
- ड्रोन हमले: इन ड्रोन हमलों में कई नागरिक इलाकों को भी निशाना बनाया गया।
- किंझाल बैलिस्टिक मिसाइल: रूस ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए ‘किंझाल’ बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया, जो बेहद उन्नत और शक्तिशाली मानी जाती है।
पोकरोवस्क की रणनीतिक महत्वता
पोकरोवस्क शहर पूर्वी यूक्रेन में स्थित है और यह रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
- इस शहर के आसपास की लड़ाई बेहद निर्णायक मानी जा रही है।
- रूसी सेना ने इस इलाके में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
- अगर रूस इस क्षेत्र पर कब्जा कर लेता है तो उसे पूर्वी यूक्रेन में और बढ़त मिलेगी।
रूस की आक्रामक रणनीति
यूक्रेनी सेना के चीफ जनरल ओलेक्ज़ांद्र सिरस्की ने बताया कि रूसी सेना अपनी पूरी ताकत झोंककर यूक्रेनी सुरक्षा तंत्र को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
- ग्लाइड बम का इस्तेमाल: रूसी सेना ग्लाइड बम का इस्तेमाल कर रही है, जो बेहद खतरनाक माने जाते हैं।
- सैनिकों की संख्या में कमी: जनरल सिरस्की ने यह भी बताया कि यूक्रेनी सेना के सैनिक संख्या में कम हैं, जिससे स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो रही है।
सर्दियों में ऊर्जा संकट का डर
रूस के इन हमलों के बाद यूक्रेन में सर्दियों के मौसम में ऊर्जा संकट गहराने की संभावना है।
- यूक्रेन की ऊर्जा आपूर्ति को बाधित करने के लिए रूस लगातार हमले कर रहा है।
- बिजली संयंत्र और अन्य ऊर्जा प्रतिष्ठान रूस के निशाने पर हैं।
- ऊर्जा संकट के कारण यूक्रेन के नागरिकों को ठंड में भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का मौजूदा परिदृश्य
Russia has launched a massive aerial attack against Ukraine involving dozens of cruise missiles and drones, reports AP
— Press Trust of India (@PTI_News) December 13, 2024
इस युद्ध में रूस ने अब तक कई बड़े हमले किए हैं।
- रूस की रणनीति यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने पर केंद्रित है।
- इसके अलावा, रूस ने कई बार यूक्रेनी सेना के मोर्चे को तोड़ने की कोशिश की है।
- दूसरी तरफ, यूक्रेन भी अपनी रक्षा करने और जवाबी हमले करने की पूरी कोशिश कर रहा है।
आंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस युद्ध को लेकर वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है।
- निंदा: कई देशों ने रूस की आक्रामकता की निंदा की है।
- सहायता: यूक्रेन को हथियार और अन्य सहायता प्रदान की जा रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। रूस द्वारा क्रूज मिसाइल और ड्रोन हमलों ने यूक्रेन की सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश की है। खासकर पोकरोवस्क शहर के आसपास की लड़ाई यूक्रेन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। इस युद्ध के परिणामस्वरूप नागरिकों को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। वैश्विक स्तर पर भी इस युद्ध के प्रभाव को महसूस किया जा रहा है।
यूक्रेन की रक्षा और रूस की आक्रामकता के बीच यह संघर्ष कब और कैसे समाप्त होगा, यह कहना मुश्किल है। लेकिन यह स्पष्ट है कि यह युद्ध न केवल इन दोनों देशों बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है।