पाकिस्तान में 8 लाख अफगान नागरिकों की वापसी, क्या यह आतंकवाद से निपटने का तरीका है?

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर फैसल करीम कंडी ने कहा कि अफगान ज़मीन पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल हो रही है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह दावा किया कि पाकिस्तान सरकार ने इस मुद्दे को कई बार अफगान सरकार के सामने उठाया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। कंडी ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियार अब आतंकवादियों के हाथों में हैं और इनका इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्ते
गवर्नर फैसल करीम कंडी के बयान के कुछ समय बाद ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारियों के बीच काबुल में बातचीत शुरू हुई। यह बातचीत दोनों देशों के बीच रिश्तों को सुधारने के उद्देश्य से की जा रही थी, जो आतंकवाद, व्यापार, शरणार्थियों और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर तनावपूर्ण हो गए हैं। कंडी ने इस दौरान यह भी कहा कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने अफगानिस्तान का दौरा किया था, लेकिन उसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
अफगान नागरिकों की पाकिस्तान से वापसी का सिलसिला
इस बीच, पाकिस्तान सरकार ने अफगान नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान सरकार ने मार्च 31 तक सभी अवैध रूप से पाकिस्तान में रह रहे अफगान नागरिकों और अफगान नागरिक कार्ड धारकों को पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दिया है। इस संदर्भ में कंडी ने कहा कि अब तक पाकिस्तान से 8,74,282 अफगान नागरिक अपने देश वापस लौट चुके हैं।
इस प्रक्रिया को पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद से संबंधित चिंताओं को ध्यान में रखते हुए शुरू किया है। पाकिस्तान में अफगान नागरिकों के द्वारा किए गए कई आतंकवादी हमलों ने सुरक्षा एजेंसियों को चिंतित किया है। यह कदम इन आतंकी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
अफगानिस्तान की मदद की मांग
फैसल कंडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अफगान सरकार से बार-बार अनुरोध किया था कि अफगानिस्तान में अमेरिकी हथियारों के चलन को नियंत्रित किया जाए, ताकि ये हथियार आतंकवादियों के हाथ में न जाएं। कंडी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अफगान सरकार से मांग की थी कि आतंकवादियों को नियंत्रित करने के लिए गंभीर कदम उठाए जाएं, लेकिन अब तक इस पर कोई असरदार कार्रवाई नहीं हुई है।
आतंकी गतिविधियों की बढ़ती समस्या
पाकिस्तान के लिए अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान में कई बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें अफगान नागरिकों का नाम सामने आया है। इन हमलों ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है। कंडी के अनुसार, अफगानिस्तान की ज़मीन पर छिपे आतंकवादी पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, जिससे पाकिस्तान की स्थिति और बिगड़ रही है।
अफगान नागरिकों के खिलाफ कदम
पाकिस्तान में अफगान नागरिकों की बड़ी संख्या अवैध रूप से रह रही है, और सरकार का कहना है कि इन नागरिकों को पाकिस्तान में रहने का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया पिछले कुछ महीनों से चल रही है, और सरकार का दावा है कि यह प्रक्रिया आतंकवाद से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
पाकिस्तान सरकार के लिए यह एक बड़ा कदम है क्योंकि अफगानिस्तान से वापसी की प्रक्रिया से दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव और बढ़ सकता है। इस मुद्दे पर अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया देखना भी दिलचस्प होगा, क्योंकि यह कदम दोनों देशों के संबंधों पर प्रभाव डाल सकता है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते अब पहले की तुलना में और भी तनावपूर्ण हो गए हैं। गवर्नर कंडी के बयान और अफगान नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया से यह स्पष्ट हो रहा है कि दोनों देशों के बीच मतभेद और बढ़ सकते हैं। हालांकि, दोनों देशों के अधिकारी द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह देखना होगा कि क्या भविष्य में अफगानिस्तान पाकिस्तान के आतंकवाद से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाएगा।