Chhattisgarh में इस खरीफ सीजन में धान की रिकॉर्ड खरीदारी, किसानों को मिली भारी राहत
Chhattisgarh राज्य में इस खरीफ सीजन में धान की रिकॉर्ड खरीदारी की गई है। राज्य में धान खरीद का आंकड़ा 149 लाख मीट्रिक टन को पार कर चुका है। यह रिकॉर्ड इस वर्ष के किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आया है, क्योंकि पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक धान की खरीदारी की गई है। राज्य सरकार की तरफ से किसानों के लिए यह प्रक्रिया सुगम और लाभकारी बनायी गई है, जिससे किसानों को समय पर भुगतान भी हो रहा है और उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल रहा है।
धान खरीद का रिकॉर्ड
छत्तीसगढ़ में धान की खरीदारी हर साल खरीफ सीजन के दौरान की जाती है, और इस बार 149 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदारी ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। राज्य के खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह आंकड़ा 6:45 बजे तक का है, जो कि खरीदी के अंतिम दिन का था। इससे साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार किसानों को बेहतर समर्थन देने में सफल रही है और उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है।
पिछले साल, यानी 2023-24 में, 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई थी। इस बार 5 लाख मीट्रिक टन अधिक धान की खरीदारी हुई है, जो राज्य सरकार की योजनाओं और प्रयासों का स्पष्ट प्रमाण है।
किसानों का भुगतान
धान खरीद के बाद, किसानों को उनके धान की कीमत का भुगतान किया जाता है। इस साल अब तक कुल 31 हजार 89 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को बैंक लिंकिंग सिस्टम के जरिए किया गया है। यह भुगतान किसानों के खाते में सीधा जमा किया गया है, जिससे उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा है। बैंक लिंकिंग सिस्टम की वजह से किसानों को समय पर और पारदर्शी तरीके से भुगतान किया जा रहा है।
इस प्रकार का भुगतान प्रणाली किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि किसानों को अपनी मेहनत का सही मूल्य भी मिल रहा है। इससे किसानों में राज्य सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ा है और वे आगे भी अपनी उपज बेचने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
रजिस्टर किए गए किसान
इस खरीफ सीजन में अब तक 25 लाख 49 हजार किसानों ने धान बेचा है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से इस सीजन के लिए 27.78 लाख किसानों का पंजीकरण किया गया था, जिसमें से 1.59 लाख नए किसान थे। इसका मतलब यह है कि राज्य सरकार ने इस बार खरीफ सीजन में अधिक से अधिक किसानों को धान बेचने के लिए प्रोत्साहित किया है।
इसके साथ ही, खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस साल नए किसानों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है, जो उनके लिए एक सकारात्मक कदम साबित हुआ है। किसानों का पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल होना यह दर्शाता है कि राज्य सरकार किसानों को धान की खरीदी में शामिल करने के लिए सक्रिय है।
कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया
धान खरीदने के बाद, कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कस्टम मिलिंग के लिए अब तक 121 लाख मीट्रिक टन धान के लिए DO (डिलीवरी ऑर्डर) और TO (टेक्निकल ऑर्डर) जारी किए जा चुके हैं। इस प्रक्रिया के अंतर्गत, अब तक 100 लाख मीट्रिक टन धान उठाया जा चुका है।
कस्टम मिलिंग का उद्देश्य किसानों के द्वारा बेचे गए धान का मिलिंग कार्य सही समय पर करना है, ताकि धान की गुणवत्ता बनी रहे और उसे तुरंत उपयोग में लाया जा सके। इसके साथ ही, किसानों को उनका धान पूरी तरह से खरीदी प्रक्रिया के तहत मिल भी जाए, जिससे उनके द्वारा दी गई मेहनत का सही परिणाम सामने आए।
राज्य सरकार के प्रयास
राज्य सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाओं और सुविधाओं की शुरुआत की है, ताकि उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। इसके लिए राज्य सरकार ने खाद्य विभाग और अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर एक मजबूत प्रणाली तैयार की है, जो किसानों को सही समय पर भुगतान, उपज का सही मूल्य, और धान के कस्टम मिलिंग का कार्य सुनिश्चित करती है।
राज्य सरकार के इस प्रयास का परिणाम यह है कि छत्तीसगढ़ अब कृषि क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और राज्य के किसान भी अपनी उपज का अधिकतम लाभ उठा रहे हैं। इस वर्ष की रिकॉर्ड धान खरीदारी इसका साक्षात उदाहरण है, जो राज्य सरकार के कार्यों और योजनाओं की सफलता का प्रतीक है।
किसानों की स्थिति
यह बात साफ है कि छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए धान की खरीदारी का सीजन राहत लेकर आया है। किसान अब आत्मनिर्भर और राज्य सरकार के प्रति विश्वासपूर्ण हैं, क्योंकि उन्हें समय पर भुगतान और उनकी उपज का सही मूल्य मिल रहा है। इसके अलावा, किसानों को राज्य सरकार से मिलने वाली अन्य सुविधाएं और योजनाएं उन्हें और भी सशक्त बना रही हैं।
इसके साथ ही, यह भी जरूरी है कि राज्य सरकार इस प्रक्रिया को और भी बेहतर बनाने की दिशा में काम करे, ताकि आने वाले सालों में धान की खरीदारी और कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया और भी अधिक सुचारू रूप से चल सके और किसानों को उनका हक समय पर मिल सके।
छत्तीसगढ़ में इस साल धान की रिकॉर्ड खरीदारी न केवल राज्य सरकार की योजनाओं की सफलता का संकेत है, बल्कि यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत भी साबित हुई है। किसानों को समय पर और उचित मूल्य मिल रहा है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद कर रहा है। कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है, जिससे धान का सही उपयोग हो रहा है। आने वाले वर्षों में यह प्रयास और भी मजबूत होंगे, ताकि राज्य के किसान हमेशा खुशहाल रहें।