Ladli Behna Yojana पर सियासी घमासान, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने उठाए बड़े सवाल
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मध्य प्रदेश की चर्चित Ladli Behna Yojana को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस योजना के भविष्य पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा बहनों को हर महीने 3000 रुपये देने का वादा महज एक छलावा है। उनका दावा है कि यह योजना सिर्फ दो-चार महीने तक ही चलेगी और फिर किसी न किसी बहाने इसे बंद कर दिया जाएगा।
सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
सज्जन सिंह वर्मा ने दावा किया कि बीजेपी सरकार चुनाव से पहले जनता को गुमराह करने के लिए इस योजना को लागू कर रही है, लेकिन हकीकत में यह ज्यादा समय तक नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ समय तक तो बहनों के खातों में पैसा भेजेगी, लेकिन बाद में इसे कोर्ट के फैसले या अन्य बहाने बनाकर बंद कर देगी।
“12.5 सौ रुपये की राशि भी नहीं मिलेगी”
पूर्व मंत्री वर्मा ने कहा कि अभी सरकार बहनों को 1250 रुपये दे रही है, लेकिन जल्द ही इसे भी रोकने की योजना बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट से ऐसा आदेश पास करवाएगी, जिससे बहनों के खातों में जाने वाली राशि भी बंद हो जाए। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से इस मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रही है और भविष्य में इसका सच सबके सामने आ जाएगा।
“चुनाव तक पैसा मिलेगा, उसके बाद सरकार बहाना बनाएगी”
वर्मा ने कहा कि लाड़ली बहना योजना को लेकर बीजेपी सरकार की रणनीति पूरी तरह से चुनावी एजेंडे पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य में राजनीतिक माहौल गरम रहेगा और चुनावी फायदे की जरूरत होगी, तब तक बहनों को पैसा दिया जाएगा। लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म होंगे, सरकार अपने इस वादे से पीछे हट जाएगी।
बीजेपी का जवाब: योजना जारी रहेगी
सज्जन सिंह वर्मा के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि लाड़ली बहना योजना पूरी तरह से राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है और इसे किसी भी हाल में बंद नहीं किया जाएगा। सरकार की मंशा राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की है और इस योजना को आगे भी जारी रखा जाएगा।
योजना का उद्देश्य और लाभ
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना को महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1250 रुपये दिए जा रहे हैं और सरकार ने आगे इस राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये तक करने का वादा किया है। इस योजना का लाभ 18 से 60 वर्ष की गरीब एवं मध्यमवर्गीय महिलाओं को दिया जा रहा है।
कांग्रेस ने पहले भी उठाए थे सवाल
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने लाड़ली बहना योजना पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले भी कांग्रेस ने इस योजना को लेकर बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे और इसे सिर्फ चुनावी स्टंट बताया था। कांग्रेस का कहना है कि अगर बीजेपी सरकार सच में महिलाओं के हित में काम कर रही है, तो इसे चुनावों के बाद भी चालू रखना चाहिए।
क्या सच में योजना पर संकट मंडरा रहा है?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लाड़ली बहना योजना को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक संकट नहीं दिख रहा है, लेकिन राजनीतिक बयानबाजी से जनता के मन में संशय जरूर पैदा हो रहा है। सरकार ने अब तक इस योजना को सुचारू रूप से चलाया है, लेकिन भविष्य में इसे जारी रखना राज्य की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करेगा।
आगे क्या होगा?
अब यह देखना होगा कि वाकई में बीजेपी सरकार इस योजना को लंबी अवधि तक जारी रखती है या नहीं। क्या विपक्ष के आरोप सही साबित होते हैं, या यह योजना महिलाओं के लिए स्थायी लाभ का जरिया बनेगी? यह सब आगामी महीनों में साफ हो जाएगा। फिलहाल, लाड़ली बहना योजना को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है और यह चुनावी मुद्दा भी बन सकता है।