छत्तीसगढ

बीजापुर के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ चार दिन से जारी जंग, हालात हुए बेहद गंभीर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यह ऑपरेशन बीजापुर और तेलंगाना सीमा पर किया जा रहा है। पिछले 72 घंटों से हमारे जवान लगातार गर्मी और मुश्किल हालातों के बीच बहादुरी से मोर्चा संभाले हुए हैं। इस ऑपरेशन में अब तक तीन नक्सली मारे जा चुके हैं जबकि दो जवान घायल हुए हैं। घायल जवानों को सेना के हेलीकॉप्टर से तेलंगाना के भद्राचलम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गर्मी और प्यास ने 40 से ज्यादा जवानों को किया बेहोश

लगातार चार दिनों से चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी में लड़ते हुए जवानों की हालत बिगड़ने लगी है। अब तक 40 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो चुके हैं। पानी की कमी ने हालात को और गंभीर बना दिया है। जंगलों में पानी के स्रोत सूख चुके हैं जिससे जवानों को लड़ाई के साथ-साथ प्यास से भी जूझना पड़ रहा है। सेना लगातार घायल जवानों को हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर भेज रही है ताकि उनका सही इलाज हो सके।

बीजापुर के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ चार दिन से जारी जंग, हालात हुए बेहद गंभीर

नक्सलियों ने सरकार से बातचीत की पेशकश की

इसी बीच नक्सलियों ने सरकार को एक चिट्ठी लिखकर बातचीत का प्रस्ताव दिया है। उनका कहना है कि वे पहले से ही शांतिपूर्ण बातचीत के पक्षधर थे लेकिन सरकार हिंसा का रास्ता अपना रही है। नक्सलियों ने भी माना कि जंगलों में पानी और खाने की भयंकर कमी है जिससे उनकी हालत भी खराब हो रही है। इस वक्त जंगल में करीब 500 से ज्यादा नक्सली छिपे हुए हैं और वे लगातार सुरक्षा बलों से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

दोनों पक्षों के लिए चुनौती बना जंगल का कठिन माहौल

जंगलों का सूखा और गर्म मौसम न केवल जवानों के लिए बल्कि नक्सलियों के लिए भी बड़ी चुनौती बन गया है। पानी की कमी से लड़ाई करना दोनों पक्षों के लिए बेहद मुश्किल हो गया है। जवानों का हौसला अब भी बुलंद है और वे ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। सरकार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि बातचीत के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा या नहीं। लेकिन इस संघर्ष ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले दिन और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

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