मध्य प्रदेश

MPPSC छात्रों का प्रदर्शन खत्म, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तीन प्रमुख मांगों पर सहमति जताई

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के बाहर छात्रों का प्रदर्शन रविवार (22 दिसंबर) को खत्म हो गया। इस प्रदर्शन में राज्य के 2 हजार से अधिक छात्र शामिल हुए थे, जो करीब 70 घंटे तक जारी रहा। इंदौर प्रशासन और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच लगभग दो घंटे तक बातचीत चली, जिसके बाद प्रशासन और छात्रों के बीच समझौता हो गया। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने छात्रों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और एक सहमति पर पहुंचे, जिसके बाद छात्रों ने अपना विरोध समाप्त करने का निर्णय लिया।

कलेक्टर आशीष सिंह से वार्ता और सहमति

प्रदर्शनकारी छात्रों ने इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह से मुलाकात की और अपनी समस्याओं को उनके सामने रखा। आशीष सिंह ने छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनका समाधान निकालने की कोशिश की। इस बातचीत के बाद कलेक्टर ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तीन प्रमुख मांगों पर सहमति जताई है। इन मांगों को लेकर छात्रों का विरोध समाप्त हो गया।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की तीन प्रमुख मांगों पर सहमति

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने छात्रों की तीन प्रमुख मांगों पर सहमति जताई है, जो इस प्रदर्शन का मुख्य कारण थीं। ये तीन प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. 87% परिणामों का प्रदर्शन: मुख्यमंत्री ने यह तय किया कि MPPSC द्वारा घोषित सभी परिणामों को 87% से अधिक दिखाया जाएगा। छात्रों का आरोप था कि परिणाम में गड़बड़ी की वजह से उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हुआ था, और अब सरकार ने इसे सही करने की दिशा में कदम उठाने की बात कही है।
  2. मूल परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने का निर्णय: छात्रों ने यह मांग की थी कि मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं उन्हें दिखाई जाएं ताकि वे अपनी परीक्षा का सही मूल्यांकन कर सकें। इस पर भी सहमति बन गई है कि उत्तर पुस्तिकाएं छात्रों को दिखायी जाएंगी।
  3. प्रारंभिक परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं होगी: छात्रों का यह आरोप था कि प्रारंभिक परीक्षा में कई प्रकार की गड़बड़ियां हुई हैं, जिससे उनकी उम्मीदवारी पर असर पड़ा है। मुख्यमंत्री ने इस पर भी सहमति जताते हुए यह घोषणा की कि भविष्य में प्रारंभिक परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं की जाएगी।

आंदोलन के दौरान छात्रों की परेशानियां

इस प्रदर्शन के दौरान एक प्रमुख घटना भी घटी, जब छात्र अरविंद सिंह भदौरिया, जो कि अनशन पर बैठे थे, की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत ड्रिप लगाई गई, जिसके बाद उनकी स्थिति में सुधार आया। छात्रों की यह स्थिति बताती है कि उनकी परेशानी कितनी गंभीर थी और वे अपनी मांगों को लेकर कितने गंभीर थे। हालांकि, अब आंदोलन खत्म हो चुका है, लेकिन छात्रों के बीच अभी भी इस बात को लेकर आशंका है कि क्या उनकी समस्याओं का समाधान सही तरीके से होगा या नहीं।

MPPSC छात्रों का प्रदर्शन खत्म, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तीन प्रमुख मांगों पर सहमति जताई

मुख्यमंत्री से मिलने के लिए छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल तैयार

आंदोलन खत्म होने के बाद, छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलने के लिए तैयार है। वे मुख्यमंत्री से अपनी मांगों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और उनके समाधान की प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए बैठक करेंगे। यह बैठक छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, क्योंकि इससे उन्हें यह समझने का मौका मिलेगा कि सरकार उनके मुद्दों को कितनी गंभीरता से ले रही है और आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।

MPPSC के लिए सरकारी समिति गठित करने का निर्णय

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने छात्रों की मांगों को लेकर एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है। यह समिति छात्रों की समस्याओं का समाधान निकालेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि आगामी परीक्षाओं में कोई गड़बड़ी न हो। इसके अलावा, यह समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि परीक्षा के परिणाम पारदर्शिता से घोषित किए जाएं और छात्रों को उनके प्रदर्शन के अनुसार सही मूल्यांकन मिले।

प्रदर्शन के कारण छात्रों की शिक्षा पर प्रभाव

इस प्रदर्शन ने मध्य प्रदेश के छात्रों के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि क्या वे वास्तव में एक निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली के तहत अपनी मेहनत का फल प्राप्त कर पा रहे हैं। छात्रों का यह कहना था कि वे कई महीनों से तैयारी कर रहे थे, लेकिन परीक्षा के परिणाम और प्रक्रिया में गड़बड़ी के कारण उनका भविष्य संकट में पड़ गया। यह प्रदर्शन एक संकेत है कि अगर परीक्षा प्रणाली में सुधार नहीं किया गया तो आने वाले समय में और अधिक छात्रों को ऐसे प्रदर्शनों का हिस्सा बनना पड़ सकता है।

राज्य सरकार की ओर से सुधार की आवश्यकता

इस आंदोलन के बाद, राज्य सरकार को यह समझने की आवश्यकता है कि MPPSC जैसी परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बेहद महत्वपूर्ण है। छात्रों का विश्वास तभी बना रह सकता है जब वे यह महसूस करें कि उन्हें उनके प्रयासों के अनुरूप सही मूल्यांकन मिल रहा है। इसके लिए जरूरी है कि सरकार और MPPSC की ओर से परीक्षा की प्रक्रिया और परिणामों में सुधार किया जाए ताकि छात्रों का विश्वास बना रहे और भविष्य में ऐसे प्रदर्शनों की आवश्यकता न पड़े।

MPPSC छात्रों का यह प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकारी परीक्षा प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की तीन प्रमुख मांगों पर सहमति के बाद छात्रों का प्रदर्शन समाप्त हुआ, लेकिन इस आंदोलन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। उम्मीद की जाती है कि अब राज्य सरकार इस दिशा में सुधार के लिए ठोस कदम उठाएगी ताकि भविष्य में छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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