BSP नेता को पार्टी से निष्कासित करने पर मायावती का बयान, ‘जहां चाहो रिश्ते करो’

हाल ही में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से एक नेता को निष्कासित किए जाने को लेकर काफी हलचल मच गई थी। अब इस मामले पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपना स्पष्टीकरण दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीएसपी ने एक नेता को इस वजह से पार्टी से बाहर कर दिया था कि उसने अपने बेटे की शादी समाजवादी पार्टी (एसपी) के विधायक की बेटी से कर दी थी। मायावती ने इन रिपोर्ट्स का खंडन किया और कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपनी पसंद से शादी करने की पूरी स्वतंत्रता है, भले ही वह पार्टी की लाइन से हटकर हो।
शादी का मुद्दा नहीं, बल्कि आपसी विवाद था कारण
मायावती ने इस मुद्दे पर ट्विटर (X) पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ पार्टी में एक आपसी विवाद का था, न कि शादी से संबंधित। उन्होंने कहा कि बीएसपी कार्यकर्ताओं को अपनी इच्छानुसार किसी से भी रिश्ते बनाने की स्वतंत्रता है। मायावती ने स्पष्ट किया कि पूर्व बीएसपी रामपुर जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र सागर के बेटे ने हाल ही में एसपी विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से शादी की थी, लेकिन इस शादी का पार्टी से निष्कासन से कोई लेना-देना नहीं है।
चुनाव को बताया निष्कासन का कारण
मायावती ने ट्वीट में कहा कि यह निष्कासन उस समय हुआ जब बीएसपी कार्यकर्ताओं को पूर्व बीएसपी सांसद मुनकद अली के बेटे की शादी में जाने से रोका गया था, क्योंकि मुनकद अली की बेटी ने मीरा पुर विधानसभा सीट से एसपी टिकट पर उपचुनाव लड़ा था। एसपी के उम्मीदवार सुम्बुल राना, जो मीरा पुर सीट से उम्मीदवार थीं, उनकी शादी शाह मोहम्मद से हुई है, जो पूर्व सांसद क़दीर राना के बेटे हैं। “बीएसपी ने इस सीट से चुनाव लड़ा था, इसलिए इस शादी में दोनों पार्टियों के लोगों के बीच टकराव की संभावना थी। इसे टालने के लिए पार्टी को यह कदम उठाना पड़ा, लेकिन इसे जिस तरह से प्रचारित किया जा रहा है, वह गलत है,” मायावती ने कहा।
शादी से कोई संबंध नहीं, आपसी विवाद था असल कारण
मायावती ने एक और पोस्ट में यह भी कहा कि सुरेन्द्र सागर और बीएसपी रामपुर के वर्तमान जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार के बीच चल रहे विवाद के कारण ही उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया। उन्होंने कहा कि यह विवाद इतना बढ़ गया था कि पार्टी का काम प्रभावित हो रहा था। इस कारण दोनों को एक साथ पार्टी से बाहर किया गया। मायावती ने साफ किया कि इसका शादी से कोई संबंध नहीं है।
रिश्तों पर मायावती का बयान
मायावती ने आगे कहा, “किस पार्टी के लोगों से रिश्ते बनाए जा रहे हैं, इसका पार्टी से कोई संबंध नहीं है। लोग जहां चाहें रिश्ते बना सकते हैं, यह उनकी सोच पर निर्भर करता है। लेकिन ऐसे लोगों से सतर्क रहना चाहिए, जो इस मुद्दे पर गलत प्रचार फैला रहे हैं।”
मायावती का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि बीएसपी में पार्टी के भीतर के विवादों और कार्यकर्ताओं के व्यक्तिगत मामलों को पार्टी के निर्णयों से अलग रखा जाना चाहिए। उनके अनुसार, पार्टी से निष्कासन का कारण व्यक्तिगत विवाद था, न कि किसी नेता के परिवार के सदस्य की शादी से। मायावती का यह स्पष्टीकरण यह दर्शाता है कि पार्टी के अंदर किसी भी प्रकार के गलत प्रचार और अफवाहों से बचना चाहिए और पार्टी कार्यकर्ताओं को अपनी व्यक्तिगत पसंद का आदान-प्रदान करने की पूरी स्वतंत्रता है।