छत्तीसगढ

कोरबा के कुुसमुंडा कोल प्रोजेक्ट में बड़ा हादसा, ग्रेडर मशीन की चपेट में आकर कर्मचारी की मौत

कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले स्थित एसईसीएल के कुुसमुंडा कोल प्रोजेक्ट में एक बड़ा हादसा हुआ है। इस हादसे में एक कर्मचारी की मौत हो गई, जिससे कंपनी में कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया। हादसा कुुसमुंडा खदान के नीलकंठ फेस में हुआ, जहां एक ठेकेदार कर्मचारी को भारी ग्रेडर मशीन ने टक्कर मार दी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में कर्मचारी और लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

हादसे का विवरण

सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को दोपहर 1 बजे के करीब कुुसमुंडा खदान के नीलकंठ फेस में यह दुर्घटना हुई। मृतक कर्मचारी सरवेश कुमार (42) बिहार के सुलतानगंज का निवासी था और पिछले कई वर्षों से कुुसमुंडा खदान में काम कर रहा था। बताया जा रहा है कि सरवेश कुमार ने सुबह पहली शिफ्ट में काम शुरू किया था, और काम के दौरान वह ग्रेडर मशीन की चपेट में आ गए। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। सरवेश कुमार कंपनी के मेस में काम करते थे और हादसे के समय वह खदान में किसी कार्य के लिए गए थे।

कर्मचारियों का आक्रोश

इस हादसे के बाद कर्मचारियों में गहरा आक्रोश फैल गया और उन्होंने कंपनी अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और नौकरी नहीं दी जाती, तब तक कोई भी कार्यवाही नहीं होने दी जाएगी। इस मामले में कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी को मृतक के परिवार के लिए उचित मुआवजा और उनके परिवार के सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए।

कोरबा के कुुसमुंडा कोल प्रोजेक्ट में बड़ा हादसा, ग्रेडर मशीन की चपेट में आकर कर्मचारी की मौत

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

हादसे की सूचना मिलते ही कुुसमुंडा पुलिस स्टेशन के प्रभारी रूपक शर्मा अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने घटना की जानकारी ली और आगे की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। मृतक के परिजनों को हादसे के बारे में सूचित कर दिया गया है और अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

कुुसमुंडा खदान में हुई इस घटना के बाद कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच तनातनी की स्थिति बन गई है। कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए खदान में कामकाजी माहौल में संकट उत्पन्न हो गया है। कर्मचारी उचित मुआवजे और न्याय की मांग कर रहे हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे कामकाजी परिस्थितियों में कोई बदलाव करने की अनुमति नहीं देंगे।

कंपनी और सरकार की जिम्मेदारी

इस हादसे ने एक बार फिर से खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा किया है। एक तरफ जहां कर्मचारियों के लिए काम के दौरान सुरक्षा उपायों की कमी महसूस की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ कंपनी और सरकार पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाएं। कर्मचारियों का कहना है कि मुआवजा और नौकरी के अलावा, खदानों में सुरक्षा व्यवस्था को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

भविष्य के लिए सबक

यह हादसा हम सभी को यह याद दिलाता है कि खदानों में काम करने वाली मजदूरों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार और कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कर्मचारियों को सुरक्षित कार्य वातावरण मिले और उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। साथ ही, दुर्घटनाओं में मारे गए कर्मचारियों के परिवारों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए ताकि वे अपने जीवन को फिर से सामान्य बना सकें।

यह घटना न केवल कुुसमुंडा खदान बल्कि पूरे राज्य में खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। कर्मचारियों का हक है कि उन्हें काम के दौरान सुरक्षा और उचित मुआवजा मिले, और यह सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।

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