मध्य प्रदेश

Madhya Pradesh News: पड़ोसन से बदला लेने के लिए 28 कबूतरों की गर्दन मरोड़कर हत्या

Madhya Pradesh News:  ग्वालियर, मध्य प्रदेश में निर्दोष पक्षियों की हत्या का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, एक युवक ने अपनी पड़ोसन से बदला लेने के लिए निर्दोष कबूतरों की गर्दन मरोड़कर हत्या कर दी। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।

28 कबूतरों की एक-एक कर हत्या
इस निर्दयी घटना में, आरोपी युवक ने पड़ोस में रहने वाली एक महिला से बदला लेने के लिए 28 कबूतरों को एक-एक करके मार डाला। यह घटना तब हुई जब महिला ने रात के समय कबूतरों की आवाज सुनी और मौके पर पहुंची।

पड़ोसी महिला ने देखा आरोपी को
घटना के समय, महिला ने अपने पड़ोसी युवक को कबूतरों के पास देखा। यह घटना ग्वालियर के सिंधिया नगर इलाके की है, जहां काजल राय नाम की महिला सरकारी मल्टी में रहती हैं और उन्होंने कबूतर पाल रखे हैं।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दर्ज किया मामला
घटना की जानकारी मिलते ही, विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई की। थाना प्रभारी उपेंद्र चारी ने बताया कि आरोपी का नाम मोइन खान है, जो काजल राय के पड़ोस में रहता है। आरोपी ने कबूतरों की निर्मम हत्या कर दी और महिला के विरोध करने पर मौके से फरार हो गया।

कबूतरों की देखभाल में काजल राय का योगदान
काजल राय अपने घर में कबूतर पालने का शौक रखती हैं और उनकी देखभाल करती हैं। उनके पास बड़ी संख्या में कबूतर हैं, जिनके लिए वह समय-समय पर खाना और पानी का इंतजाम करती हैं। यह घटना उनके लिए काफी दुखद और आघातपूर्ण रही।

Madhya Pradesh News: पड़ोसन से बदला लेने के लिए 28 कबूतरों की गर्दन मरोड़कर हत्या

 

 

पड़ोसी के बीच विवाद की वजह
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि काजल राय और मोइन खान के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों के बीच आए दिन बहस होती रहती थी। हालांकि, मोइन खान का कबूतरों को मारने का यह कदम पूरी तरह से अमानवीय और चौंकाने वाला था।

आरोपी को किया गया गिरफ्तार
पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपी मोइन खान को गिरफ्तार कर लिया है। विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

समाज में रोष
इस घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश है। पशु प्रेमियों और स्थानीय लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि निर्दोष पक्षियों के खिलाफ इस प्रकार की क्रूरता अक्षम्य है।

पशु क्रूरता कानून का हवाला
इस मामले ने एक बार फिर पशु क्रूरता कानूनों की सख्ती से पालन की मांग को उजागर किया है। भारत में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत जानवरों के साथ क्रूरता करना दंडनीय अपराध है।

स्थानीय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय निवासियों और पशु प्रेमियों ने इस घटना को लेकर प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

ग्वालियर की यह घटना न केवल मानवता को शर्मसार करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समाज में पशु क्रूरता की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानूनों और जागरूकता की आवश्यकता है। निर्दोष पक्षियों की हत्या जैसी अमानवीय घटनाएं हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि हम किस दिशा में जा रहे हैं।

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