मध्य प्रदेश

Madhya pradesh news: उज्जैन के तीन गांवों के नाम बदले गए. सीएम मोहन यादव ने की घोषणा, अब ‘मौलाना’ नाम से जाने जाएंगे

Madhya pradesh news: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन जिले के तीन गांवों के नाम बदलने की घोषणा की। इस घोषणा के अनुसार, गजनीखेड़ी पंचायत का नाम अब ‘चामुंडा माता गांव’ होगा। इसी तरह, जहांगीरपुर को अब ‘जगदीशपुर’ के नाम से जाना जाएगा और मौलाना गांव को ‘विक्रम नगर’ नाम दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौलाना नाम बोलने और लिखने में उपयुक्त नहीं लगता, इसलिए अब इसे मौलाना विक्रम नगर के नाम से जाना जाएगा। उज्जैन के बड़नगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों और शहरों के नाम बदलने का निर्णय जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।

बड़नगर में ‘सीएम राइज स्कूल’ का उद्घाटन

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़नगर में ‘सीएम राइज स्कूल’ भवन और उप-स्वास्थ्य केंद्रों का उद्घाटन किया। इसके साथ ही, उन्होंने बड़नगर में 3500 करोड़ रुपये की लागत से एक औद्योगिक इकाई और फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेशकों के प्रस्ताव लगातार आ रहे हैं। अब तक राज्य को 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जो 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करेंगे।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ‘सीएम राइज स्कूल’ के पूर्व छात्र थे। इसलिए, इस स्कूल का नाम वाजपेयी जी के नाम पर रखा जाएगा।” इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि ‘सीएम राइज स्कूल’ की अवधारणा पर काम करके मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है।

शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव

बड़नगर में ‘सीएम राइज स्कूल’ का निर्माण 40 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार किया गया है। प्रहलाद जोशी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ऐसा निवेश किसी अन्य राज्य में देखने को नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस स्कूल में आधुनिक सुविधाएं और पाठ्यक्रम प्रदान किए जाएंगे।

औद्योगिक विकास को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने बड़नगर में एक औद्योगिक इकाई और फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। अब तक 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव राज्य को प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

उज्जैन के तीन गांवों के नाम बदले गए: सीएम मोहन यादव ने की घोषणा, अब 'मौलाना' नाम से जाने जाएंगे

विक्रम विश्वविद्यालय में भी पहुंचे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में भी पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत ‘डेयरी टेक्नोलॉजी’ व्यावसायिक पाठ्यक्रम के संदर्भ में आयोजित एक संगोष्ठी में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

नाम बदलने का महत्व

गांवों और शहरों के नाम बदलने के फैसले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनता की भावनाओं का सम्मान करने का प्रयास है। उज्जैन के तीन गांवों के नाम बदलने से क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को भी बढ़ावा मिलेगा। चामुंडा माता गांव का नाम धार्मिक स्थल चामुंडा माता मंदिर के नाम पर रखा गया है, जो क्षेत्र के लिए विशेष महत्व रखता है।

उज्जैन के विकास की नई पहल

मुख्यमंत्री की इस यात्रा के दौरान उज्जैन के विकास के लिए कई नई पहल की गईं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उज्जैन को शिक्षा, औद्योगिक विकास और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण का केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने उज्जैन में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं तैयार की हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव की इस घोषणा ने उज्जैन जिले में विकास और सांस्कृतिक उन्नति के लिए नई उम्मीदें जगाई हैं। गांवों और शहरों के नाम बदलने से क्षेत्र में सांस्कृतिक पहचान मजबूत होगी, जबकि शिक्षा और औद्योगिक विकास के प्रयास से युवाओं को रोजगार और आधुनिक शिक्षा के अवसर मिलेंगे। मध्य प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से उज्जैन जिले का भविष्य उज्ज्वल होने की संभावना है।

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