Madhya pradesh news: दबंगों ने पूरे परिवार पर बरपाया कहर, पीड़ित बोले- ‘बंधक बनाकर पूरी रात पीटा, यहां तक कि पेशाब तक पिलाया’

Madhya pradesh news: मध्य प्रदेश के गुना जिले के सिरसी थाना क्षेत्र के करिली गांव में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। दबंगों ने एक गरीब सहारिया परिवार पर न सिर्फ जानलेवा हमला किया, बल्कि उन्हें रातभर बंधक बनाकर अमानवीय व्यवहार भी किया। यह मामला पुरानी जमीन विवाद से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
घटना का विवरण
पीड़ित महिला ने बताया कि उनके परिवार के सभी सदस्य- पति हरि सिंह, बेटा सोनू, देवर ज्ञानी सिंह, भतीजा राजू और भाभी विद्दी बाई- एक झोपड़ी में सो रहे थे, जो बरखेड़ा नहर के पास उनकी जमीन पर बनी हुई थी। रात के करीब 2 बजे, गांव के पूर्व सरपंच, उनके दो बेटे और उनके 15-20 रिश्तेदार ट्रैक्टर लेकर वहां पहुंचे।
खड़ी फसल को नष्ट किया गया
दबंगों ने सबसे पहले परिवार की 10 बीघा खड़ी गेहूं की फसल को ट्रैक्टरों से कुचल दिया। इसके बाद उन्होंने झोपड़ी पर ट्रैक्टर चढ़ाकर उसे पूरी तरह तबाह कर दिया। जब परिवार के सदस्य अचानक इस हमले से जागे और भागने की कोशिश की, तो दबंगों ने उन्हें घेर लिया और दो घंटे तक बंधक बनाकर पीटा।
अमानवीयता की हदें पार: पेशाब पिलाने का आरोप
पीड़ित महिला ने रोते हुए बताया कि दबंगों ने बिजली के करंट से मारने की कोशिश की, लेकिन बिजली कट जाने के कारण वे अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके। इसके बाद, आरोप है कि एक दबंग ने उनके चेहरे पर पेशाब कर दी। यह घटना अमानवीयता और दबंगई की चरम सीमा को दर्शाती है।
पुलिस कार्रवाई और पीड़ित परिवार की दुर्दशा
घटना के बाद, पीड़ित परिवार ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और हरि सिंह, ज्ञानी सिंह और राजू को थाने ले गई। हालांकि, पीड़ित परिवार का आरोप है कि दबंगों ने उन्हें पूरी रात पीट-पीटकर घायल कर दिया, और वे दर्द में कराहते हुए खेत में पड़े रहे।
जांच और प्रशासन की प्रतिक्रिया
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मान सिंह ठाकुर ने कहा कि जमीन विवाद के मामले में दोनों पक्षों पर केस दर्ज किया गया है। हालांकि, पीड़ित परिवार पर पेशाब पिलाने और अन्य अमानवीय कृत्यों के आरोपों की जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और मामले की निष्पक्ष जांच होगी।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया और सामाजिक मुद्दा
इस घटना ने गांव में सनसनी फैला दी है। सहारिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इस परिवार पर हुआ अत्याचार समाज में व्याप्त असमानता और दबंगई को उजागर करता है। ग्रामीणों ने भी इस घटना की निंदा की और प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जमीन विवाद और अन्याय का लंबा इतिहास
करिली गांव में जमीन विवाद का यह कोई पहला मामला नहीं है। सहारिया समुदाय जैसे कमजोर वर्ग अक्सर दबंगों की दया पर निर्भर रहते हैं। जमीन से जुड़े मामलों में उनकी शिकायतों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
कानूनी और सामाजिक पहलू
इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं:
- कानूनी व्यवस्था पर सवाल: ऐसे मामलों में पुलिस की निष्क्रियता या पक्षपातपूर्ण रवैया अक्सर दोषियों को बढ़ावा देता है।
- सामाजिक असमानता: सहारिया जैसे आदिवासी समुदाय, जो पहले से ही हाशिए पर हैं, उनके अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
- न्याय की आवश्यकता: पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सुरक्षा प्रदान करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
घटना का प्रभाव
यह घटना केवल एक परिवार तक सीमित नहीं है। यह ग्रामीण समाज में व्याप्त अन्याय और दबंगों की दादागीरी का प्रतीक है। अगर प्रशासन समय पर कार्रवाई नहीं करता, तो यह अन्य पीड़ितों को न्याय पाने से रोक सकता है और अपराधियों के हौसले बुलंद कर सकता है।
सरकार और समाज के लिए संदेश
- सख्त कार्रवाई: सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई हो और दोषियों को सजा दी जाए।
- आर्थिक मदद और पुनर्वास: पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए ताकि वे अपनी फसल और जमीन का फिर से उपयोग कर सकें।
- जागरूकता अभियान: ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक समानता और न्याय के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।
गुना जिले की यह घटना मानवता को झकझोर देने वाली है। सहारिया परिवार ने जो सहा, वह किसी भी इंसान के लिए असहनीय है। अब यह प्रशासन और समाज की जिम्मेदारी है कि वे इस मामले में सख्त कदम उठाएं और पीड़ितों को न्याय दिलाएं। केवल कानूनी कार्रवाई ही नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और संवेदनशीलता के साथ ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।