Madhya Pradesh news: महाकुंभ में मची भगदड़ में मध्यप्रदेश के 3 श्रद्धालुओं की मौत, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषित की मुआवजे की घोषणा

Madhya Pradesh news: प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मंगलवार रात को मची भगदड़ में मध्यप्रदेश के तीन श्रद्धालुओं की दुखद मौत हो गई। यह हादसा माघ माह की मौनी अमावस्या के अवसर पर हुआ, जब लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए संगम तट पर पहुंचे थे। इस हादसे में 60 लोग घायल हो गए, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का शोक और मुआवजे की घोषणा
सीएम मोहन यादव ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं जताई। उन्होंने कहा, “प्रयागराज महाकुंभ में मंगलवार को हुए इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की हुकम बाई लोधी और राज्य के दो अन्य श्रद्धालुओं की असमय मौत की खबर दिल दहला देने वाली है। मैं इस घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा करता हूं। इसके अलावा, जिला प्रशासन मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद प्रदान कर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूं कि वह मृतकों की आत्माओं को अपने कमल पदों में स्थान दें। इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”
भगदड़ के कारण और घटना का विवरण
महा कुम्भ मेला एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर है, जहां देशभर से लाखों लोग श्रद्धा और आस्था के साथ पवित्र स्नान के लिए आते हैं। इस वर्ष की मौनी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ संगम तट पर जुटी थी। इसी भीड़ में अचानक भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग गिर गए और दूसरों के ऊपर आकर कुचले गए।
घटना के समय, श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक थी कि कोई भी व्यक्ति खुद को संभाल नहीं पा रहा था। इस भगदड़ में 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
छतरपुर और रायसेन से श्रद्धालुओं की पहचान
सीएम ने मृतकों की पहचान की जानकारी दी। छतरपुर जिले के बक्सवाहा तहसील के सूरवाहा गांव से 10-15 लोग महाकुंभ में भाग लेने के लिए गए थे। इनमें से हुकम बाई लोधी (45) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उनके परिवार को अधिकारियों ने शव सौंप दिया।
इसके अलावा, रायसेन जिले के जैतपुर गांव से आठ लोग महाकुंभ के लिए गए थे। इस समूह में मोहलाल आहीरवार (55) और उनकी पत्नी रामकली (50) भी शामिल थे। भगदड़ में घायल होने के बाद मोहलाल आहीरवार की इलाज के दौरान मौत हो गई।
शवों की पहचान और परिवार को सौंपना
बक्सवाहा के तहसीलदार भारत पांडेय ने बताया कि उन्हें पवित्र तीर्थ स्थल के अधिकारियों से सूचना मिली कि हुकम बाई लोधी का शव उनके परिवार को सौंप दिया गया है। बाकी श्रद्धालु सुरक्षित हैं। इसके अलावा, रायसेन जिले के पुलिस उपाधीक्षक आलोक श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि जैतपुर गांव से गए श्रद्धालुओं में मोहलाल आहीरवार और उनकी पत्नी घायल हो गए थे, और मोहलाल की मौत हो गई। उनकी पत्नी रामकली की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
घायलों का इलाज और अस्पताल में भर्ती
घायलों का इलाज प्रयागराज के विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन की टीमें घटना स्थल पर मौजूद हैं, और घायलों को तत्काल उपचार देने का काम कर रही हैं।
मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से और प्रशासनिक उपाय
मध्यप्रदेश सरकार ने इस हादसे के बाद तत्परता से मदद की पेशकश की है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है और राज्य प्रशासन को घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों की पूरी सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। प्रशासन ने घायलों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अस्पतालों से संपर्क किया है और उनकी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए हैं।
सड़क और मेला सुरक्षा पर सवाल
महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में लाखों लोग एक साथ जुटते हैं, जिससे भगदड़ जैसी घटनाएं कभी-कभी हो जाती हैं। प्रशासन और सुरक्षा बलों को हर वर्ष इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता होती है। इस दुर्घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारी भीड़ को संभालने के लिए बेहतर व्यवस्था और सुरक्षा के उपायों की आवश्यकता है।
महाकुंभ में हुई इस दर्दनाक घटना ने देशभर में शोक की लहर पैदा कर दी है। मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं की असमय मौत ने सभी को गहरे दुख में डुबो दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने परिवारों को सहायता राशि देने की घोषणा की है, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में और भी कदम उठाए जाने चाहिए। प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों और श्रद्धालु सुरक्षित रूप से धार्मिक कार्यों में भाग ले सकें।