मध्य प्रदेश: ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़ी विवाद में नया मोड़, प्रदेश अध्यक्ष को करना पड़ा स्पष्टीकरण, बीजेपी ने की डैमेज कंट्रोल
मध्य प्रदेश में 2024 के विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार के बाद पार्टी नेताओं के बीच खलबली मच गई है। इस हार के बाद पार्टी के अंदर जो बयानबाजी हुई है, उसने बीजेपी के लिए संकट पैदा कर दिया है। विशेष रूप से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में राज्य संगठन के बयान ने पार्टी के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है। अब इस मुद्दे पर बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई पूरी तरह से बैकफुट पर है और उसे डैमेज कंट्रोल करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष को सामने आकर बयान देना पड़ा है।
राज्य अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दी सफाई
मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा को इस विवाद पर सफाई देने के लिए खुद सामने आना पड़ा। वीडी शर्मा ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सिंधिया परिवार का भारतीय जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक गहरा नाता रहा है। उनका बयान पार्टी के भीतर की स्थिति को स्पष्ट करने के उद्देश्य से आया। पार्टी के उच्च नेतृत्व ने भी राज्य संगठन को इस मुद्दे पर फटकार लगाई है और यही वजह है कि प्रदेश अध्यक्ष को सामने आकर यह स्पष्टीकरण देना पड़ा।
वीडी शर्मा का कार्यकर्ताओं को संदेश
वीडी शर्मा ने अपने प्रेस बयान में कहा, “कार्यकर्ताओं को बेबुनियाद और भ्रामक मुद्दों पर प्रतिक्रिया या टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं। सिंधिया परिवार का भारतीय जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक एक गहरा संबंध है।” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस विपक्षी दलों द्वारा विजयपुर विधानसभा चुनाव को लेकर जो झूठी और भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं, उन्हें फैलाने का काम कर रही है।
सिंधिया ने क्या कहा था?
विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार और मंत्री रामनिवास रावत की हार के बाद राज्य की राजनीति में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। सिंधिया के चुनावी प्रचार में शामिल न होने को लेकर पार्टी में चर्चा का माहौल बना हुआ था। सिंधिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि “अगर मुझे चुनावी प्रचार के लिए बुलाया जाता, तो मैं वहां जरूर जाता।”
भगवंदास सबनी ने किया बयान
इसके बाद, पार्टी के राज्य महासचिव भगेवंदास सबनी ने मीडिया में बयान दिया और कहा कि बीजेपी ने सिंधिया को विजयपुर प्रचार के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन वे अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण वहां नहीं जा सके। सबनी के इस बयान से यह साफ हो गया कि पार्टी ने सिंधिया को प्रचार के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उनकी व्यक्तिगत व्यस्तताओं के कारण वे वहां नहीं आ सके।
राज्य अध्यक्ष को करना पड़ा स्पष्टीकरण
राज्य अध्यक्ष वीडी शर्मा के बयान ने पार्टी के भीतर उत्पन्न हुई इस घबराहट को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को यह समझाया कि इस प्रकार के विवादों में उलझने के बजाय उन्हें पार्टी के सम्मान और कार्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी पार्टी नेता पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे पार्टी की एकता पर बुरा असर पड़ सकता है।
बीजेपी के भीतर का बवंडर
ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रचार में शामिल न होना बीजेपी के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। पार्टी के भीतर यह सवाल उठ रहा है कि क्या सिंधिया का चुनावी प्रचार में भाग न लेना उनकी प्राथमिकताओं के साथ मेल नहीं खाता है या फिर इसका संबंध उनके राज्य के नेताओं के साथ रिश्तों से था। विजयपुर उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है और अब बीजेपी नेताओं को यह एहसास हो रहा है कि इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझाना पड़ेगा, ताकि पार्टी की छवि पर कोई असर न पड़े।
कांग्रेस ने किया आलोचना
कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीजेपी के भीतर नेतृत्व की कमी और आपसी खींचतान स्पष्ट रूप से दिख रही है। उन्होंने कहा कि अगर सिंधिया चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हुए, तो यह पार्टी के भीतर की गहरी बुराई को दर्शाता है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी अपनी हार को स्वीकार करने के बजाय आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रही है।
बीजेपी का डैमेज कंट्रोल
विजयपुर उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद, राज्य बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए इस बयान को जारी किया। पार्टी चाहती है कि इस विवाद को जल्दी हल किया जाए ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की छवि पर कोई दाग न लगे। इसके लिए बीजेपी ने यह सुनिश्चित किया कि सिंधिया और अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीच कोई आपसी मतभेद नहीं हैं और पार्टी में एकता बनी रहे।
आगे क्या होगा?
अब यह देखना होगा कि इस विवाद के बाद बीजेपी में पार्टी की एकता कैसे बनी रहती है। क्या पार्टी इस मुद्दे को जल्दी हल कर लेगी या यह चुनावी नुकसान की तरह लंबा खींचेगा? इस बीच, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का बयान यह संकेत देता है कि बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच सामंजस्य बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रही है।
मध्य प्रदेश में विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद, पार्टी के भीतर जो हलचल मची है, उसने राज्य बीजेपी की स्थिति को कमजोर कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रचार में अनुपस्थिति को लेकर पार्टी की अंदरूनी राजनीति और विवाद अब खुलकर सामने आ चुके हैं। हालांकि, राज्य अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने बयान से स्थिति को संभालने की कोशिश की है, लेकिन आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस विवाद का पार्टी पर क्या असर पड़ता है।