Madhya Pradesh: अशोकनगर जिले में बड़ा हादसा टला, कान्हा नेशनल पार्क में 11 मजदूर करंट से झुलसे
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Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। कान्हा नेशनल पार्क में क्रिकेट ग्राउंड निर्माण कार्य के दौरान 11 मजदूर करंट की चपेट में आ गए। यह घटना तब हुई जब मजदूर लोहे की सीढ़ी को शिफ्ट कर रहे थे और वह ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से टकरा गई। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद युवकों की सतर्कता से सभी मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया और तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
कैसे हुआ हादसा?
घटना कान्हा नेशनल पार्क के कोलुआ रोड पर स्थित निर्माण स्थल पर घटी। जानकारी के अनुसार, मजदूर क्रिकेट ग्राउंड का निर्माण कर रहे थे। कार्य के दौरान एक भारी लोहे की सीढ़ी को शिफ्ट किया जा रहा था, जिसमें कई मजदूर शामिल थे। जैसे ही सीढ़ी ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से स्पर्श हुई, सभी मजदूर करंट की चपेट में आ गए।
हादसे के तुरंत बाद वहां मौजूद कुछ युवकों ने अपनी सूझबूझ से बिजली विभाग को सूचना दी और मजदूरों को करंट के प्रभाव से बचाने का प्रयास किया। इसके बाद स्थानीय लोगों और प्रशासन की मदद से घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया।
घायलों की स्थिति स्थिर, डॉक्टरों की निगरानी में
घटना में घायल हुए मजदूरों में अशोकनगर जिले के विभिन्न इलाकों के लोग शामिल हैं। इनमें शंकर कॉलोनी के रामवीर (40), मनीष (19), आनंद सिंह (30), सुंदरम (18), धनपाल (24) और चरन सिंह (42), जमाखेड़ी के निलेश (30), मोतीलाल (40) और सुमित (17) तथा तुलसी सरोवर कॉलोनी के लाल्लीराम (26) शामिल हैं।
जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सभी घायलों की हालत स्थिर है, लेकिन उन्हें निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ मजदूरों को हल्की जलन और कमजोरी महसूस हो रही है, जिसका इलाज किया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
इस गंभीर घटना को लेकर स्थानीय प्रशासन ने संज्ञान लिया है और सुरक्षा मानकों की जांच के निर्देश दिए हैं। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि बिजली के तारों के पास काम करने से पहले सुरक्षा उपायों की अनदेखी की गई थी, जिससे यह हादसा हुआ।
अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा उपकरणों की कमी और लापरवाही के कारण मजदूरों की जान जोखिम में पड़ी। जिला कलेक्टर ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि यदि निर्माण एजेंसी की गलती पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
मजदूरों ने बताई हादसे की पूरी कहानी
घायल मजदूरों ने बताया कि सीढ़ी बहुत भारी थी, इसलिए इसे उठाने में कई लोग शामिल हुए। उन्होंने सोचा भी नहीं था कि ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन इतनी नजदीक होगी और इससे करंट फैल सकता है। अचानक झटका लगते ही सभी मजदूर जमीन पर गिर पड़े और कुछ देर तक होश में नहीं थे।
एक मजदूर ने बताया, “हमें पता ही नहीं चला कि करंट कैसे लग गया। अचानक तेज झटका लगा और सब लोग गिर गए। कुछ साथी होश में नहीं थे, लेकिन वहां मौजूद कुछ युवकों ने हमारी जान बचा ली।”
हाईटेंशन लाइन के नीचे काम करना क्यों खतरनाक?
हाईटेंशन लाइन के नीचे बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करना बेहद खतरनाक होता है। यदि कोई धातु से बनी वस्तु (जैसे लोहे की सीढ़ी) इस लाइन से संपर्क में आ जाए, तो करंट तेजी से प्रवाहित हो सकता है और जानलेवा साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार के निर्माण कार्यों से पहले उचित सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना चाहिए।
भविष्य में इस तरह के हादसों से कैसे बचा जा सकता है?
- सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल – मजदूरों को काम के दौरान सुरक्षा दस्ताने और इंसुलेटेड जूते पहनने चाहिए।
- सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन – निर्माण स्थल पर काम शुरू करने से पहले बिजली विभाग से अनुमति लेनी चाहिए।
- समय-समय पर निरीक्षण – निर्माण कार्य की निगरानी के लिए विशेषज्ञों को नियुक्त करना जरूरी है।
- मजदूरों को जागरूक बनाना – मजदूरों को बिजली से जुड़े खतरों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
स्थानीय लोगों ने दिखाई बहादुरी
इस हादसे में सबसे सराहनीय भूमिका स्थानीय युवकों की रही, जिन्होंने अपनी सतर्कता से मजदूरों की जान बचाई। उन्होंने न केवल बिजली विभाग को सूचना दी बल्कि घायलों को अस्पताल भी पहुंचाया।
स्थानीय प्रशासन ने भी इन युवकों की बहादुरी की सराहना की और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
अशोकनगर जिले में हुए इस हादसे ने एक बार फिर निर्माण कार्यों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी के गंभीर परिणामों को उजागर किया है। गनीमत रही कि इस घटना में किसी की जान नहीं गई, लेकिन यह हादसा बड़ा सबक बन सकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे कार्यों के लिए कड़े दिशा-निर्देश बनाए और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।