Madhya Pradesh: महाकालेश्वर मंदिर में हुआ भव्य श्रृंगार, श्रद्धालुओं ने लगाए जय श्री महाकाल के नारे
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Madhya Pradesh: आज सोमवार, त्रयोदशी तिथि, पौष मास के शुक्ल पक्ष में श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का भव्य श्रृंगार और पूजा अर्चना की गई। मंदिर के पुजारी पं. महेश शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल आज सुबह 4 बजे उठे। इसके बाद, मंदिर के द्वारों को वीरभद्र और मानभद्र से अनुमति प्राप्त करने के बाद खोला गया। जैसे ही मंदिर के द्वार खुले, पहले बाबा महाकाल को गर्म पानी से स्नान कराया गया और फिर उन्हें पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) और हरि ओम जल अर्पित किया गया। इसके साथ ही पहली घंटे की घंटी भी बजाई गई।
पंचामृत पूजन के बाद महाकाल का आकर्षक श्रृंगार
पंचामृत पूजा के बाद, बाबा महाकाल को पूजा सामग्री से एक आकर्षक रूप में सजाया गया, जिसमें महाकाल के त्रिनेत्र का दर्शन हुआ। श्रद्धालु बाबा महाकाल के इस रूप को देखकर भाव-विभोर हो गए और जय श्री महाकाल के उद्घोष करने लगे। इसके बाद, महाकाल को महा निरवाणी अखाड़ा के द्वारा भस्म से लिपा गया और फिर कपूर से आरती की गई।
भस्म आरती में महाकाल का भव्य श्रृंगार
आज सुबह 4 बजे आयोजित भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को पंचामृत से पूजा करने के बाद उन्हें आकर्षक रूप में त्रिनेत्र के रूप में सजाया गया। इस दौरान महाकाल को फूलों की माला अर्पित की गई और फिर उन्हें भस्म से लिपा गया। श्रद्धालुओं ने इस अद्भुत और दिव्य दर्शन का लाभ उठाया और जय श्री महाकाल के नारे लगाए।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में दान की परंपरा
श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का योगदान न केवल धार्मिक उत्सवों में बल्कि मंदिर के विभिन्न कार्यों के लिए भी निरंतर होता है। आज, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा संचालित निशुल्क भोजन वितरण केंद्र में एक महान भक्त ने एक लाख 65 हजार रुपये का नगद दान दिया। यह दान नई दिल्ली के मिथिलेश शर्मा और उनके परिवार ने दिया। इस मौके पर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जुंवाल और प्रभारी मिलिंद वैद्य ने दानदाता का सम्मान करते हुए उन्हें रसीद दी और धन्यवाद दिया।
मंदिर की कार्यवाहियों के लिए दान की अहमियत
ज्ञात हो कि श्री महाकालेश्वर मंदिर की सभी व्यवस्थाएँ दान से ही चलती हैं। लोग अपने विश्वास के अनुसार मंदिर में दान करते हैं, जो निशुल्क भोजन वितरण केंद्र, गौशाला आदि के संचालन में सहायक होता है। समय-समय पर, मंदिर अधिकारी, पुजारी, पुरोहित और प्रबंधन समिति के सदस्य श्रद्धालुओं से मंदिर के कार्यों के लिए दान देने की अपील करते रहते हैं। दानकर्ताओं की सहायता से ही मंदिर की सुविधाएँ सुचारु रूप से चल पाती हैं और यह परंपरा निरंतर जारी रहती है।
गुजरात के दीपक भाई पटेल ने किया दान
गुजरात के सूरत से आए दीपक भाई पटेल ने भी श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक लाख एक हजार रुपये का नगद दान किया। यह दान उन्होंने पुजारी नवनीत शर्मा और रुपम शर्मा के प्रेरणा से किया। दानकर्ता को मंदिर के श्री वीरेंद्र शर्मा ने रसीद देकर सम्मानित किया और महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से धन्यवाद दिया।
भव्य श्रृंगार और आरती के अवसर पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज के विशेष अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। त्रयोदशी तिथि पर बाबा महाकाल का भव्य श्रृंगार और भस्म आरती ने मंदिर परिसर में एक अद्भुत माहौल बना दिया। श्रद्धालु एक दूसरे के साथ बाबा महाकाल के दर्शन का लाभ उठाने के लिए मंदिर में जमा हुए और उनके दर्शन के बाद वे भावविभोर हो गए। श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों और दान की परंपरा को देखकर श्रद्धालुओं का विश्वास और भक्ति और भी गहरा हो जाता है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज का आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और सेवा का प्रतीक भी था। दानदाता और श्रद्धालु अपने योगदान के जरिए मंदिर के कार्यों को सुचारु रूप से चलाने में मदद करते हैं। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल मंदिर का महत्व बढ़ता है, बल्कि समाज में धार्मिक और मानवतावादी दृष्टिकोण को भी बढ़ावा मिलता है। महाकाल के प्रति श्रद्धा और आस्था को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि बाबा महाकाल का आशीर्वाद हर भक्त के जीवन में हमेशा बना रहे।