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Israel Hezbollah War: हसन नसरल्ला की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने चुना नया प्रमुख, नाइम कासिम बने नए मुखिया

Israel Hezbollah War: हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्ला की मौत के बाद, जो एक इजरायली हमले में मारे गए थे, संगठन ने अब अपने नए नेता का चयन किया है। नाइम कासिम, जो हिजबुल्लाह के उप सचिव हैं, को हसन नसरल्ला का उत्तराधिकारी चुना गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नाइम कासिम इस समय ईरान में हैं। इजरायली हमले में हिजबुल्लाह के शीर्ष नेताओं में से कई की मौत हो गई है, जिनमें हसन नसरल्ला और हाशेम सफीद्दीन शामिल हैं। कासिम को इजरायल का अगला लक्ष्य माना जा रहा था।

हिजबुल्लाह के नेताओं की हत्या

इजरायल ने हिजबुल्लाह की शीर्ष नेतृत्व को लगभग समाप्त कर दिया है। जिन नेताओं की हत्या की गई है, उनमें हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्ला, संस्थापक सदस्य फुआद शुकर, शीर्ष कमांडर अली कराकी, केंद्रीय परिषद के उप प्रमुख नबील काउक, ड्रोन यूनिट के प्रमुख मोहम्मद सरूर, मिसाइल यूनिट के प्रमुख इब्राहीम कुवैसी, ऑपरेशंस कमांडर इब्राहीम अकील और वरिष्ठ कमांडर मोहम्मद नासिर शामिल हैं।

इजरायल को चेतावनी

हसन नसरल्ला की मौत के बाद, नाइम कासिम ने इजरायल को तीन भाषण दिए हैं। पहला भाषण बेरूत में रिकॉर्ड किया गया था, जबकि दूसरा और तीसरा भाषण तेहरान में दिया गया। 15 अक्टूबर को कासिम ने इजरायल को चेतावनी दी, यह संकेत देते हुए कि हिजबुल्लाह अपनी मुहिम तब तक नहीं रोकेगा जब तक संघर्ष विराम नहीं हो जाता।

Israel Hezbollah War: हसन नसरल्ला की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने चुना नया प्रमुख, नाइम कासिम बने नए मुखिया

नाइम कासिम कौन हैं?

नाइम कासिम हिजबुल्लाह के शुरुआती सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने 1970 के दशक में लेबनान के विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र का अध्ययन किया। इसके साथ ही, उन्होंने इस्लामी विद्वान आयतुल्लाह मोहम्मद हुसैन फज़लल्लाह के तहत धार्मिक अध्ययन भी किया। 1974 से 1988 के बीच, नाइम कासिम ने इस्लामिक धार्मिक शिक्षा के संघ के प्रमुख के रूप में कार्य किया। उन्होंने हिजबुल्लाह के स्कूलों के नेटवर्क की देखरेख की। 1991 में उन्हें संगठन का उप महासचिव चुना गया। वह हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद, जिसे शूरा काउंसिल कहा जाता है, के सदस्य भी हैं।

नाइम कासिम की भूमिका

नाइम कासिम के नेतृत्व में, हिजबुल्लाह ने अपनी रणनीतियों और अभियानों को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वह संगठन के राजनीतिक और सैन्य दृष्टिकोण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी पृष्ठभूमि और अनुभव ने उन्हें एक मजबूत नेता बनाया है, जो हिजबुल्लाह को कठिन परिस्थितियों में नेतृत्व करने के लिए सक्षम बनाता है।

भविष्य की चुनौतियां

नाइम कासिम के लिए अगली चुनौतियां यह होंगी कि वह अपने संगठन की एकता को बनाए रखें और इजरायल के साथ जारी तनाव के बीच हिजबुल्लाह की स्थिति को मजबूत करें। इजरायली हमलों के बाद, हिजबुल्लाह को अपने सहयोगियों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने और सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

हसन नसरल्ला की मौत के बाद नाइम कासिम का नेतृत्व हिजबुल्लाह के लिए एक नया अध्याय खोलता है। उनके अनुभव और प्रतिबद्धता के साथ, यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे वह हिजबुल्लाह को नए संघर्षों और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। कासिम की नियुक्ति से हिजबुल्लाह की रणनीतिक दिशा और उसके इजरायली संघर्ष में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

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