Indore: राजवाड़ा और जवाहर मार्ग, इंदौर के व्यस्त इलाकों में ट्रैफिक की गंभीर समस्या
Indore को स्वच्छता के मामले में भले ही पूरे देश में एक मिसाल के रूप में देखा जाता हो, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था के मामले में यह शहर अभी भी पीछे है। पिछले कुछ महीनों में ट्रैफिक सुधार के लिए प्रशासन द्वारा कई प्रयास किए गए थे, लेकिन यह प्रयास फ्लॉप साबित हुए हैं। हालात ऐसे हैं कि इंदौर के प्रमुख इलाके, खासकर जवाहर मार्ग और राजवाड़ा के आसपास, में ट्रैफिक जाम एक सामान्य दृश्य बन चुका है। प्रशासन की ओर से किए गए कई निर्णयों को लागू नहीं किया जा सका, और शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की कोई खास उम्मीद नजर नहीं आ रही।
जवाहर मार्ग पर एक ओर विफलता
इंदौर प्रशासन ने जवाहर मार्ग को एकतरफा (वन-वे) बनाने का निर्णय लिया था, ताकि ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सके और वाहनों की आवाजाही में सुधार हो सके। इसके लिए एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था, लेकिन यह निर्णय एक महीने से अधिक समय तक सही से लागू नहीं हो सका। परिणामस्वरूप, अब जवाहर मार्ग पर दोनों दिशाओं से वाहन आ जा रहे हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति और भी खराब हो गई है।
इसके अलावा, राजवाड़ा के सामने ई-रिक्शा पर रोक लगाने का निर्णय भी अब तक प्रभावी नहीं हो पाया है। कई बार प्रयास किए गए, लेकिन ई-रिक्शा वहीँ खड़े होते हैं और यातायात में बाधा डालते हैं। इससे यह साफ हो जाता है कि प्रशासन की ओर से लिए गए फैसले धरातल पर लागू नहीं हो पा रहे हैं, जिसके कारण ट्रैफिक की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा।
फुटपाथों पर अतिक्रमण और बढ़ते वाहन
इंदौर में फुटपाथों के अतिक्रमण को लेकर अभियान चलाया जा रहा है, ताकि शहर की सड़कों पर यातायात व्यवस्था को बेहतर किया जा सके, लेकिन इसका असर अब तक बहुत कम नजर आया है। इस अभियान का उद्देश्य शहर के मुख्य सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराना था, ताकि पैदल यात्रियों को सड़क पर चलने में सुविधा हो और वाहन चालकों को ट्रैफिक के कारण रुकना न पड़े। लेकिन इसका असर न के बराबर ही नजर आ रहा है।
इसके अलावा, शहर के कई प्रमुख मार्गों पर फल और सब्जी बेचने वाले ठेले भी शाम के समय सड़कों पर खड़े हो जाते हैं, जो ट्रैफिक की गति को धीमा कर देते हैं। खासकर शाम सात बजे के बाद शहर के प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक की अधिकतम समस्या देखने को मिलती है। इस समय के दौरान नगर निगम का अतिक्रमण हटाने वाला दल भी शहर में सक्रिय नहीं होता, जिससे शहर की सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या और भी बढ़ जाती है।
ई-रिक्शाओं की बेकाबू स्थिति
इंदौर शहर में ई-रिक्शाओं की संख्या काफी बढ़ गई है, और इनकी वजह से ट्रैफिक में भारी बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। ई-रिक्शा चालक अक्सर अपनी रिकार्ड गति से वाहन चलाते हैं और यात्रियों को छोड़ने के लिए किसी भी स्थान पर रिक्शा खड़ा कर देते हैं। इससे अन्य वाहनों के लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। प्रशासन ने ई-रिक्शाओं के लिए मार्ग निर्धारित किए थे, लेकिन उन्हें शहर के किसी भी कोने में देखा जा सकता है, जिससे ट्रैफिक में और भी बाधा आती है। इन ई-रिक्शाओं की धीमी गति भी ट्रैफिक को जाम करती है, क्योंकि इनकी गति अन्य वाहनों की गति से मेल नहीं खाती।
ट्रैफिक पुलिस की कमी
इंदौर में ट्रैफिक की समस्या को और भी बढ़ाने में ट्रैफिक पुलिस की कमी भी एक बड़ा कारण है। शहर के कई प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक दबाव बढ़ गया है, लेकिन इन चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस का कोई भी संकेत नहीं दिखता। अन्य शहरों में देखा जाता है कि पुलिसकर्मी शाम के समय ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय रहते हैं, लेकिन इंदौर में यह प्रथा नहीं है।
रसोमा लैबोरेटरी, कलानी नगर चौक, अनोप टॉकीज चौक, चंद्रगुप्त मौर्य प्रतिमा चौक, मारुति नगर चौक जैसे प्रमुख चौराहों पर हर शाम ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस इन स्थानों पर नजर नहीं आती। यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस का अभाव होने से जाम के दौरान वाहन चालकों को कोई दिशा-निर्देश नहीं मिल पाता, और जाम की समस्या और अधिक गंभीर हो जाती है।
समीक्षा और समाधान की दिशा
इंदौर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए कई उपाय किए जाने की आवश्यकता है। सबसे पहले, प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन फैसलों को लागू किया जा रहा है, वे पूरी तरह से जमीन पर उतरें। जैसे कि जवाहर मार्ग को एकतरफा बनाने का फैसला यदि सही ढंग से लागू होता, तो यातायात की स्थिति में सुधार हो सकता था।
इसके अलावा, ई-रिक्शाओं की संख्या पर नियंत्रण और उनके लिए विशेष मार्गों का निर्माण बहुत आवश्यक है। ट्रैफिक पुलिस को शाम के समय प्रमुख चौराहों पर नियमित रूप से तैनात किया जाना चाहिए, ताकि जाम की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। अतिक्रमण हटाने के लिए एक सशक्त अभियान की जरूरत है, जो रात के समय भी सक्रिय हो।
इंदौर में स्वच्छता के मामले में भले ही सफलता मिल चुकी हो, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की दिशा में और भी प्रयासों की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए स्थायी कदम उठाए और उन फैसलों को लागू करे जो शहर की ट्रैफिक समस्या को हल कर सकें। ट्रैफिक पुलिस की तैनाती और नियमों के पालन के जरिए इंदौर को एक ट्रैफिक फ्री और सुव्यवस्थित शहर बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।