अंतर्राष्ट्रीय

हाईकोर्ट में हाथियों की मौत के मामले की सुनवाई, ऊर्जा विभाग के सचिव और सीएसईडीसी के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी, अगली सुनवाई 20 नवंबर को

हाथियों की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की है। यह मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के घाघरोदा वन क्षेत्र में हाथियों की इलेक्ट्रोक्यूशन के कारण हुई मौतों से संबंधित है। हाईकोर्ट ने इस मामले में ऊर्जा विभाग के सचिव और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।

हाथियों की मौत का मामला

छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुई हाथियों की मौत ने एक बार फिर वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षण पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले कुछ महीनों में, राज्य के विभिन्न हिस्सों में हाथियों के मरने की कई घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं आमतौर पर बिजली के तारों के संपर्क में आने या अवैध रूप से बिछाए गए बिजली के जालों के कारण होती हैं। ऐसे मामलों ने वन्य जीवों के संरक्षण में राज्य के प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है।

मीडिया में रिपोर्टिंग

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय समाचार पत्रों में इस घटना की व्यापक रिपोर्टिंग की गई। हाथियों की मौत की घटनाओं को लेकर प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि वन्य जीवों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।

नोटिस जारी

हाईकोर्ट द्वारा ऊर्जा विभाग के सचिव और सीएसईडीसी के प्रबंध निदेशक को जारी नोटिस में यह पूछा गया है कि ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं और उनके रोकथाम के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। यह कदम इस दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि राज्य सरकार को हाथियों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

हाईकोर्ट में हाथियों की मौत के मामले की सुनवाई, ऊर्जा विभाग के सचिव और सीएसईडीसी के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी, अगली सुनवाई 20 नवंबर को

अगली सुनवाई की तारीख

हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी, जहां अधिकारियों को मामले से संबंधित जानकारी पेश करने का निर्देश दिया गया है। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि न्यायालय की कार्रवाई के परिणामस्वरूप हाथियों के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाएगा।

स्थानीय प्रतिक्रिया

स्थानीय वन्यजीव संगठनों और पर्यावरण प्रेमियों ने हाईकोर्ट के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। हाथियों की सुरक्षा के लिए उचित उपायों को लागू करना और जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है।

हाथियों के संरक्षण की आवश्यकता

हाथियों के संरक्षण के लिए राज्य में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करने की आवश्यकता है। हाथियों की जनसंख्या में गिरावट का मुख्य कारण उनके आवास का क्षय और मानव-हाथी संघर्ष है। इसके अलावा, बिजली के बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करना भी जरूरी है ताकि वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सरकार की जिम्मेदारी

राज्य सरकार को चाहिए कि वह हाथियों के संरक्षण के लिए ठोस नीतियां बनाएं और उन पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करें। साथ ही, बिजली विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिजली के तारों और जालों को सुरक्षित तरीके से स्थापित किया जाए ताकि हाथियों की जान को खतरा न हो।

हाथियों की मौतों का मामला न केवल वन्य जीवों के संरक्षण के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह मानवता के लिए भी एक चुनौती है। सरकार और संबंधित विभागों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें। हाईकोर्ट द्वारा लिया गया संज्ञान इस दिशा में एक सकारात्मक पहल है, और उम्मीद की जा रही है कि इससे हाथियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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