गौतम बुद्ध नगर में दिवाली के दौरान शराब की बिक्री में 25 प्रतिशत की वृद्धि, लोगों ने 25 करोड़ रुपये की शराब पी!

दीवाली का त्योहार भारत में खुशियों और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार की दीवाली ने गौतम बुद्ध नगर जिले में शराब की बिक्री के आंकड़ों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। जिले में शराब की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि लोगों ने इस दीवाली के जश्न में खूब शराब का सेवन किया।
दीवाली का जश्न और शराब की बिक्री
गौतम बुद्ध नगर में दीवाली के दौरान शराब की बिक्री ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इस साल, जिले के निवासियों ने दीवाली के चार दिन के दौरान 25 करोड़ रुपये का शराब पीया। यह आंकड़ा पिछले साल के 18 करोड़ रुपये से 25 प्रतिशत अधिक है। दीवाली के जश्न में लोगों ने विदेशी, देसी शराब और बियर का खूब आनंद लिया।
जिला आबकारी अधिकारी सुभोध कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, अक्टूबर महीने के पूरे दौरान, जिले में शराब की बिक्री का आंकड़ा 250 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह 204 करोड़ रुपये था। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 564 शराब की दुकानें हैं, जिनमें विदेशी और देसी शराब, मॉडल दुकानें और बियर की दुकानें शामिल हैं।
दीवाली की खरीदारी का महत्व
दीवाली केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है जब परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियों का आदान-प्रदान किया जाता है। इस समय, लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं और विशेष भोजनों का आनंद लेते हैं। हालाँकि, शराब की बिक्री में हुई इस वृद्धि से यह भी साफ होता है कि लोग अब इन जश्नों को और अधिक उत्साह के साथ मनाने लगे हैं।
स्वास्थ्य और समाज पर प्रभाव
हालाँकि, इस तरह की शराब की बिक्री का स्वास्थ्य और समाज पर नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है। शराब का अधिक सेवन स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है और सामाजिक सौहार्द को भी प्रभावित कर सकता है। दीवाली के समय शराब की बढ़ती बिक्री पर विचार करते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि लोग जिम्मेदार तरीके से शराब का सेवन करें और इसके परिणामों के प्रति जागरूक रहें।
दीवाली के बाद का दृश्य
दीवाली के बाद, अब सभी की नजरें आने वाले त्योहारों और कार्यक्रमों पर होंगी। इस दौरान, लोगों को चाहिए कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और समाज में सकारात्मकता बनाए रखें। दीवाली के बाद शराब की बिक्री में आई इस वृद्धि को सिर्फ एक सांस्कृतिक प्रवृत्ति के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे समाज के लिए एक चुनौती के रूप में भी समझा जाना चाहिए।
गौतम बुद्ध नगर में दीवाली के जश्न में शराब की बिक्री में हुई वृद्धि ने इस बात को सिद्ध किया है कि त्योहारों का जश्न मनाने का तरीका बदल रहा है। जहां एक ओर ये आंकड़े त्योहार के उल्लास को दर्शाते हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी बताता है कि समाज में शराब के प्रति एक अलग नजरिया विकसित हो रहा है। यह समय है जब हमें इस पर विचार करने की आवश्यकता है कि कैसे हम त्योहारों को सुरक्षित और स्वास्थ्यकर तरीके से मनाएं।
इस प्रकार, गौतम बुद्ध नगर की दीवाली ने केवल एक नई बिक्री रिकॉर्ड नहीं बनाया, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि जश्न मनाने का तरीका कितना बदल गया है। हमें चाहिए कि हम त्योहारों का आनंद लेते हुए अपने स्वास्थ्य और समाज का भी ख्याल रखें।