गूगल मैप ने दिखाया ऐसा रास्ता, अधूरे पुल से गिरकर कार दुर्घटनाग्रस्त, तीन की मौत

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब एक कार गूगल मैप के सहारे चल रही थी और अधूरे पुल से नीचे गिर गई। यह हादसा खालपुर क्षेत्र के फरीदपुर थाना इलाके में हुआ।
गूगल मैप पर निर्भरता बनी जानलेवा
हादसे में शामिल लोगों के परिवार ने बताया कि कार में सवार लोग गूगल मैप की सहायता से रास्ता तय कर रहे थे। इस दौरान पुल अधूरा होने की जानकारी न होने के कारण कार पुल पर चढ़ गई और संतुलन खोकर नीचे गिर गई।
अधूरा पुल और प्रशासनिक लापरवाही
यह हादसा रामगंगा नदी पर फरीदपुर-बदायूं के दातागंज को जोड़ने वाले अधूरे पुल पर हुआ। यह पुल अधूरा था और यहां किसी प्रकार की बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। इस कारण कार सीधे पुल पर पहुंच गई और नीचे गिर गई।
दुर्घटना में मृतकों की पहचान
कार में सवार तीन लोग, विवेक कुमार, अमित और कौशल, फर्रुखाबाद के निवासी थे। तीनों शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे। गांववालों ने सुबह पुल के पास खून के धब्बे और क्षतिग्रस्त कार देखी। कार में सभी की मौत हो चुकी थी।
परिजनों का प्रशासन पर आरोप
मृतकों के परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, पुल अधूरा था और इस पर कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग नहीं थी। इसके अलावा, गूगल मैप पर भरोसा करने की वजह से यह हादसा हुआ।
50 फीट ऊंचे पुल से गिरी कार
यह पुल लगभग 50 फीट ऊंचा था। कार के गिरने के कारण तीनों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। गांववालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद फरीदपुर और बदायूं के दातागंज पुलिस मौके पर पहुंची।
गांववालों की प्रतिक्रिया
गांववालों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। पुल पर कोई संकेतक या चेतावनी नहीं होने से गूगल मैप उपयोग करने वालों को यह पता नहीं चला कि पुल अधूरा है।
पुलिस ने शव किए बरामद
पुलिस ने मौके से तीनों शवों को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। फरीदपुर और दातागंज पुलिस की टीम ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन की चुप्पी और सवाल
इस घटना ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुल अधूरा होने के बावजूद उसे असुरक्षित छोड़ देना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।
गूगल मैप पर निर्भरता: वरदान या अभिशाप?
गूगल मैप ने जहां लोगों की यात्रा को आसान बनाया है, वहीं ऐसी घटनाएं यह भी दिखाती हैं कि तकनीक पर अंधविश्वास कभी-कभी घातक हो सकता है।
क्या करना चाहिए?
- सुरक्षा संकेतक लगाना: अधूरे पुलों और खतरनाक स्थानों पर सुरक्षा संकेतक लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
- तकनीक का विवेकपूर्ण उपयोग: गूगल मैप जैसी तकनीकों पर पूरी तरह निर्भर होने से बचना चाहिए और अपनी सतर्कता बनाए रखनी चाहिए।
- प्रशासन की जिम्मेदारी: प्रशासन को अधूरे पुलों और निर्माण स्थलों की निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए।
सतर्कता ही सुरक्षा का आधार
यह घटना एक दुखद उदाहरण है जो प्रशासनिक लापरवाही और तकनीकी निर्भरता के खतरों को उजागर करती है। यह समय है कि सरकार और नागरिक दोनों ही सतर्कता बरतें और ऐसी घटनाओं से सबक लें।