मध्य प्रदेश में चार नए फोर-लेन हाईवे की सौगात, जानिए किन जिलों को मिलेगा फायदा!

मध्य प्रदेश के चार जिलों को चार नए फोरलेन हाईवे की सौगात मिली है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस संबंध में घोषणा की और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि ग्वालियर, विदिशा, सागर और भोपाल जिलों में फोरलेन हाईवे बनाने के लिए फंड स्वीकृत किया गया है। ग्वालियर के लिए 28.516 किलोमीटर लंबा एक्सेस कंट्रोल्ड फोरलेन बाईपास बनाया जाएगा, जिसकी लागत 1347.6 करोड़ रुपये होगी। यह हाईवे मुरैना और ग्वालियर को जोड़ेगा और इस मार्ग पर आने वाले महत्वपूर्ण ब्लॉकों और तहसीलों को भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा, यह हाईवे NH-46 और NH-44 से जुड़ेगा और आगरा-ग्वालियर एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
सागर को मिलेगा 20 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड बाईपास
सागर जिले को भी फोरलेन हाईवे की सौगात मिली है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सागर जिले में 20.193 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड फोरलेन बाईपास बनाया जाएगा। यह बाईपास NH-146 के लहदरा गांव जंक्शन से शुरू होकर NH-44 के बड़खेडी गुरु गांव जंक्शन तक बनेगा। इस परियोजना पर 688.31 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सागर में वर्तमान में नेशनल हाईवे-146 घनी आबादी और भीड़भाड़ वाले इलाकों से होकर गुजरता है, जिससे अक्सर जाम की स्थिति बनती है। इस ग्रीनफील्ड बाईपास के निर्माण से शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या दूर होगी और यात्रा का समय भी कम होगा।
भोपाल को मिलेगा 43 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे
भोपाल जिले में भी सड़क परिवहन को और बेहतर बनाने के लिए 43.200 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे-146B के चौड़ीकरण की मंजूरी दी गई है। यह हाईवे संदलपुर से नसरुल्लागंज बाईपास तक फोरलेन बनाया जाएगा, जिस पर 1535.66 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह सड़क NH-47, NH-46 और NH-45 से कनेक्ट होगी, जिससे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले वाहनों और माल परिवहन की सुविधा बढ़ेगी। इस हाईवे का चौड़ीकरण होने से ट्रैफिक को सुचारू और सुरक्षित बनाया जाएगा और यात्रा का समय भी काफी कम होगा।
विदिशा और सागर को मिलेगा 10 किलोमीटर लंबा हाईवे
विदिशा और सागर जिले के बीच भी 10.079 किलोमीटर लंबी सड़क को फोरलेन में बदला जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 731.36 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह हाईवे भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा होगा और राहतगढ़ कस्बे को बायपास करेगा, जिससे इस घनी आबादी वाले क्षेत्र में ट्रैफिक की समस्या कम होगी। इस परियोजना से NH-44 और NH-346 से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके अलावा, सड़क के डिजाइन में ज्योमेट्रिक सुधार और रियलाइन्मेंट किए जाएंगे, जिससे मालवाहक और आम नागरिकों के लिए यह यात्रा अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक होगी।