छत्तीसगढ

भूपेश बघेल के घर पर ED की छापेमारी, कांग्रेस ने बताया राजनीतिक साजिश

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल के निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार सुबह छापेमारी की। यह कार्रवाई भिलाई स्थित उनके आवास और उनके बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर की गई। जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हो रही है।

ED की 14 जगहों पर छापेमारी

ED की टीम ने राज्य में करीब 14-15 स्थानों पर छापेमारी की है, जिनमें भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, उनके कथित करीबी लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और अन्य लोगों के ठिकाने शामिल हैं।

जैसे ही छापेमारी की खबर फैली, बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भूपेश बघेल के घर के बाहर इकट्ठा हो गए और केंद्र सरकार व ED के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

भूपेश बघेल ने बताया ‘राजनीतिक बदला’

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस छापेमारी को भाजपा सरकार की राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने कहा,
“जब मेरे खिलाफ चल रहा फर्जी केस कोर्ट में खारिज हो गया, तभी से भाजपा बौखला गई है। अगर कांग्रेस को पंजाब में रोकने की साजिश की जा रही है, तो यह गलतफहमी है।”

ED का आरोप: शराब घोटाले में 2100 करोड़ का नुकसान

ED के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शराब घोटाला हुआ था, जिससे राज्य सरकार को 2100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले से जुड़े कई नेताओं और अधिकारियों ने करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाई।

इससे पहले ED ने जनवरी में इस मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व IAS अधिकारी अनिल तुतेजा और टेलीकॉम सर्विस ऑफिसर अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था।

भाजपा का पलटवार, कांग्रेस पर लगाए घोटालों के आरोप

भाजपा ने इस छापेमारी को जायज ठहराते हुए कांग्रेस पर घोटालों का आरोप लगाया।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा,
“कांग्रेस सरकार में कई घोटाले हुए हैं। जो भी दोषी है, उस पर कार्रवाई होगी।”

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा,
“भूपेश बघेल के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। ED की जांच लंबे समय से चल रही थी और अब सबूत मिलने के बाद कार्रवाई हो रही है। अगर कोई निर्दोष है तो उसे डरने की जरूरत नहीं।”

CBI कोर्ट से राहत, फिर ED की कार्रवाई

गौरतलब है कि हाल ही में सीबीआई की विशेष अदालत ने 2017 के कथित सेक्स सीडी मामले में भूपेश बघेल को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। इस केस में भाजपा के एक पूर्व मंत्री का नाम जुड़ा था।

अब, एक हफ्ते बाद, ED ने उनके बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर छापा मारा है। ED का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से जुड़े पैसों का लेन-देन किया था।

ED के खिलाफ कांग्रेस की रणनीति

कांग्रेस ने ED की कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया है।
कांग्रेस सांसद माणिकम टैगोर ने तीखा बयान देते हुए कहा,
“ED अब मोदी सरकार का पालतू कुत्ता बन चुका है। भाजपा इसे जब चाहे, जहां चाहे भेज सकती है। लेकिन हम भूपेश बघेल के साथ हैं और यह फर्जी नैरेटिव ज्यादा दिनों तक नहीं टिकेगा।”

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?

  • ED के अनुसार, कांग्रेस सरकार के दौरान शराब बिक्री में बड़ा घोटाला हुआ।
  • शराब बिक्री से होने वाले मुनाफे का बड़ा हिस्सा नेताओं, अधिकारियों और शराब माफिया के बीच बंटता था।
  • इस घोटाले में सरकारी अफसर, शराब कारोबारी और राजनीतिक नेताओं की मिलीभगत बताई जा रही है।
  • ED ने अब तक इस मामले में 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

क्या ED की कार्रवाई से कांग्रेस को नुकसान होगा?

विश्लेषकों का मानना है कि इस छापेमारी का असर छत्तीसगढ़ की राजनीति पर पड़ सकता है। कांग्रेस इसे भाजपा की रणनीति बता रही है, जबकि भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कह रही है।

भूपेश बघेल के घर पर ED की छापेमारी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को गरमा दिया है। कांग्रेस इसे बदले की कार्रवाई कह रही है, वहीं भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ जरूरी कदम बता रही है। आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है और इसकी गूंज लोकसभा चुनाव तक सुनाई दे सकती है।

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