ताज के पीछे का ज़हर, क्यों लौटाया रैचेल गुप्ता ने मिस ग्रैंड इंटरनेशनल का खिताब?

21 साल की रैचेल गुप्ता ने जब मिस ग्रैंड इंटरनेशनल का खिताब जीता था तो पूरा देश गर्व से झूम उठा था। वह इस ताज को पहनने वाली पहली भारतीय थीं। लेकिन अब उन्होंने यह खिताब वापस लौटा दिया है। रैचेल ने एक यूट्यूब वीडियो के ज़रिए अपनी कहानी साझा की और बताया कि उन्हें इस प्रतियोगिता में कितना विषैला और अपमानजनक माहौल झेलना पड़ा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस प्रतियोगिता में न तो प्रतिभागियों की इज्जत होती है और न ही उनके जज़्बातों की कोई कद्र होती है।
रैचेल ने आरोप लगाया कि आयोजकों को उनकी परवाह नहीं थी। उन्होंने कहा, “सच कहूं तो उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं जिंदा हूं या मर गई हूं। बस मैं उनके शो में मुस्कराती रहूं। शरीर पतला रखूं और प्रोग्राम में भाग लेती रहूं। यही उनकी चाह थी।” उन्होंने बताया कि उन्हें TikTok Live करने और प्रोडक्ट बेचने के लिए मजबूर किया गया। आयोजकों को सिर्फ पैसा चाहिए था। उन्होंने कभी रैचेल का साथ नहीं दिया और उन्हें हर समय अकेला महसूस हुआ।
रैचेल को सस्ते सामान बेचने का दबाव बनाया गया
रैचेल ने यह भी खुलासा किया कि प्रतियोगिता के आयोजक उन्हें TikTok पर सस्ते उत्पाद बेचने के लिए मजबूर करते थे। उन्होंने कहा, “हमें बोला गया कि TikTok पर लाइव जाकर चीजें बेचो जैसे हम कोई सेल्सगर्ल हों। कोई रानी का ताज पहनकर देश का सम्मान बढ़ाने वाली लड़की क्या इस तरह की चीजें करेगी? हमें मजबूर किया गया और इनकार करने का कोई विकल्प नहीं था।” रैचेल का कहना है कि वह अपने करियर को लेकर गंभीर हैं और यह अनुभव उनके आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला रहा।
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शारीरिक शर्मिंदा करना और मानसिक उत्पीड़न
इस वीडियो में रैचेल बेहद भावुक हो गईं और रोते हुए बताया कि उन्हें बॉडी शेमिंग और शारीरिक अपमान का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “एक बार आयोजकों का एक प्रतिनिधि मेरे पास आया। उसने अलग-अलग जगहों पर मुझे चुटकी ली और कहा कि यहां से वजन घटाना चाहिए। मैं क्या कहती उस वक्त? बहुत शर्मिंदगी और अपमान महसूस हुआ। ऐसा लगा जैसे मैं कुछ भी नहीं हूं।” रैचेल के मुताबिक ये सब अनुभव मानसिक रूप से बेहद थकाऊ और दुखदायक थे। उन्होंने खुद को अकेला और असहाय महसूस किया।