Chhattisgarh news: बस्तर में नक्सलवाद का सफाया, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल और शांति की दिशा में कदम
Chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर क्षेत्र में लगातार हो रही नक्सलियों की आत्मसमर्पण की घटनाओं पर खुशी जताई है। उन्होंने इस बात का दावा किया कि बस्तर में जल्द ही शांति और सुख-शांति का माहौल बनेगा। मुख्यमंत्री साय ने नक्सलियों के बारे में स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार की नीति स्पष्ट है – शब्दों का जवाब शब्दों से और गोलियों का जवाब गोलियों से दिया जाएगा। मुख्यमंत्री का यह बयान बस्तर में सुरक्षा बलों के प्रभावी अभियान और सरकार की मजबूत नीति का प्रतीक है।
नक्सलियों के आत्मसमर्पण की बढ़ती संख्या
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि बस्तर के विभिन्न जिलों में नक्सली लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कांकेर जिले में 7 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जिन पर कुल 32 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इससे पहले नारायणपुर जिले के 27 और सुकमा जिले के 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिन पर 52 लाख रुपये का इनाम था। मुख्यमंत्री ने इन आत्मसमर्पणों को सरकार की आत्मसमर्पण नीति की सफलता और नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए जारी अभियानों का परिणाम बताया।
बस्तर में लगातार हो रहे आत्मसमर्पण को देखते हुए यह साफ नजर आ रहा है कि नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें ले रहा है। यह आत्मसमर्पण सरकार की नक्सलियों के लिए दी जा रही बेहतर जीवन और पुनर्वास सुविधाओं का परिणाम है, जिनका उद्देश्य नक्सलियों को हिंसा के रास्ते से हटा कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ना है।
नक्सलियों की आत्मसमर्पण और गिरफ्तारियां
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि अब तक कुल 941 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 1,112 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही, 265 नक्सलियों को नक्सली मुठभेड़ों में मार गिराया गया है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों का हिंसा के रास्ते से लौटना और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का यह कदम इस बात का संकेत है कि नक्सलवाद अब कमजोर हो चुका है और इसे समाप्त करने के प्रयास सफल हो रहे हैं।
यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि नक्सलवाद अब बस्तर और छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों में अपनी पकड़ खो रहा है और सरकार की सख्त नीति और सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों से नक्सलवाद की जड़ें कमजोर हो रही हैं। मुख्यमंत्री साय ने इस सफलता के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की और कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण यह संभव हो पाया है।
नक्सलियों की पुनर्वास नीति: एक नई शुरुआत
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए राज्य सरकार ने बेहतर जीवन और पुनर्वास सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। उनके लिए नए जीवन की शुरुआत करने के अवसर तैयार किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई बार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से मुलाकात की है और बातचीत के दौरान यह देखा है कि वे आज बेहतर जीवन जी रहे हैं और खुश हैं। यह उनके लिए एक नई शुरुआत है, जो पहले नक्सलवाद के रास्ते पर थे।
सरकार ने नक्सल प्रभावित गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया है। इन गांवों में सड़कों, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य जरूरी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है ताकि वहां के लोग बेहतर जीवन जी सकें। यह सरकार की पुनर्वास नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी शांति स्थापित करना है।
प्रधानमंत्री आवास योजना: नक्सल प्रभावित परिवारों के लिए एक बड़ी पहल
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह भी घोषणा की कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15,000 आवासों की स्वीकृति दी गई है, जो आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को दिए जाएंगे। इन आवासों के माध्यम से नक्सल प्रभावित परिवारों को सुरक्षित और आरामदायक जीवन प्रदान किया जाएगा। यह कदम न केवल बस्तर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगा।
नक्सलवाद की समाप्ति की दिशा में सरकार की नीति
मुख्यमंत्री साय ने नक्सलवाद के समाप्त होने के संकेत देते हुए कहा कि बस्तर और आसपास के क्षेत्रों में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान तेज किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद की समाप्ति के लिए समयबद्ध रूप से काम किया जा रहा है और राज्य सरकार के पास इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्पष्ट योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका विश्वास है कि बहुत जल्द बस्तर में शांति का वातावरण बनेगा और नक्सलवाद का आतंक समाप्त होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह बयान बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की मजबूत नीति और शांति की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को उजागर करता है। नक्सलियों के आत्मसमर्पण और सुरक्षा बलों के प्रयासों से यह स्पष्ट हो रहा है कि बस्तर में शांति का वातावरण जल्द ही बनेगा। सरकार की पुनर्वास नीति और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी पहलों से नक्सल प्रभावित परिवारों को एक नया जीवन मिलेगा। यह बस्तर और छत्तीसगढ़ के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है, और इस दिशा में मुख्यमंत्री साय की प्रतिबद्धता और नेतृत्व की सराहना की जानी चाहिए।