Chhattisgarh News: गणेश पूजा पंडाल में DJ संगीत को लेकर विवाद, व्यक्ति ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट जब्त
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक गंभीर और दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां 55 वर्षीय धन्नू लाल साहू ने गणेश पूजा पंडाल में चल रहे तेज संगीत के कारण आत्महत्या कर ली। धन्नू लाल साहू ने अपने दिल की बीमारी का हवाला देते हुए पंडाल के आयोजकों से संगीत की आवाज कम करने की अपील की थी, लेकिन उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
घटना की पूरी जानकारी
धन्नू लाल साहू, जो कि पुरानी भिलाई पुलिस थाना क्षेत्र के हटखोज इलाके में रहते थे, ने गणेश पूजा के दौरान तेज संगीत की आवाज से परेशान होकर आत्महत्या का कदम उठाया। साहू ने आयोजकों को बताया था कि उनकी दिल की बीमारी के कारण उन्हें तेज संगीत की आवाज से समस्या हो रही है। इसके बावजूद, पूजा पंडाल के आयोजकों ने उनकी अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया और संगीत की आवाज तेज ही रही।
साहू ने शिकायत दर्ज कराने के लिए आपातकालीन पुलिस हेल्पलाइन नंबर ‘112’ पर कॉल किया। पुलिस मौके पर पहुंची और संगीत की आवाज बंद कर दी, लेकिन इसके बाद भी विवाद शांत नहीं हुआ। विवाद के बढ़ने पर दोनों पक्ष पुलिस स्टेशन पहुंचे जहां देर रात तक हंगामा होता रहा। हालांकि, दोनों पक्षों ने कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई।
आत्महत्या की घटना
अगली सुबह, धन्नू लाल साहू ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा, तो साहू का शव कमरे में फांसी पर लटका हुआ पाया गया। पुलिस ने शव को फांसी के फंदे से उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। घटना के बाद इलाके में शोक और उथल-पुथल का माहौल बन गया।
पुलिस ने घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। सुसाइड नोट में, धन्नू लाल साहू ने पूजा पंडाल समिति के सदस्य गोल्डी वर्मा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। सुसाइड नोट में साहू ने लिखा कि गोल्डी वर्मा ने उनकी परेशानियों को नजरअंदाज किया और उन्हें मानसिक कष्ट पहुँचाया। पुलिस ने सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस की कार्रवाई और स्थानीय प्रतिक्रिया
पुलिस ने आत्महत्या के मामले में जांच शुरू कर दी है और सुसाइड नोट के आधार पर गोल्डी वर्मा से पूछताछ की जा रही है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरा दुख और आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि धन्नू लाल साहू की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए था और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए थी।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इस घटना को लेकर संवेदनशीलता दिखाते हुए पूरी स्थिति की समीक्षा की है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, प्रशासन ने गणेश पूजा जैसे आयोजनों के दौरान सार्वजनिक सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए नई दिशानिर्देश जारी करने की बात की है।
समाज पर प्रभाव
इस घटना ने समाज में गंभीर सवाल खड़े किए हैं कि कैसे सार्वजनिक आयोजनों में व्यक्तिगत समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता है। गणेश पूजा जैसे धार्मिक आयोजनों में अक्सर भीड़ और शोरगुल की स्थिति बन जाती है, लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि इस तरह की स्थितियों में संवेदनशीलता और समझदारी की कितनी आवश्यकता है।
धन्नू लाल साहू की आत्महत्या ने यह सवाल उठाया है कि आयोजक और संबंधित प्रशासन लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं और मानसिक स्थिति को लेकर कितना जागरूक और जिम्मेदार हैं। इस घटना के बाद, समाज को यह समझने की जरूरत है कि सार्वजनिक आयोजनों के दौरान व्यक्तिगत समस्याओं की अनदेखी करना किस हद तक खतरनाक हो सकता है।