CG news: सारनाथ एक्सप्रेस तीन दिनों के लिए रद्द, यात्रियों में भारी नाराजगी
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CG news: दुर्ग से छपरा जाने वाली सारनाथ एक्सप्रेस 19, 20 और 21 फरवरी को नहीं चलेगी, छपरा से आने वाली ट्रेन भी 21, 22 और 23 फरवरी को रद्द
रेलवे प्रशासन ने दुर्ग से छपरा के बीच चलने वाली सारनाथ एक्सप्रेस को तीन दिनों के लिए रद्द कर दिया है। रेलवे के इस फैसले से पहले से टिकट बुक करा चुके यात्रियों को झटका लगा है, खासतौर पर उन श्रद्धालुओं को, जो महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए प्रयागराज जा रहे थे। रेलवे की ओर से यह आदेश मंगलवार दोपहर को जारी किया गया।
रोजाना 600 यात्री दुर्ग से सारनाथ के लिए रवाना होते हैं
सारनाथ एक्सप्रेस से रोजाना औसतन 600 यात्री दुर्ग से सारनाथ की यात्रा करते हैं। इन यात्रियों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी शामिल हैं, जो प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में भाग लेने के लिए सफर कर रहे थे। लेकिन रेलवे प्रशासन के अचानक ट्रेन को रद्द करने के फैसले से यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
इस रूट पर चलने वाली नौतनवा एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनों में पहले से ही वेटिंग लिस्ट लंबी चल रही है, जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है।
यात्री लगातार सारनाथ एक्सप्रेस की देरी और रूट डायवर्ट होने की कर रहे हैं शिकायत
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले का समापन नजदीक आ रहा है, लेकिन इस रूट की ट्रेनों में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। यात्रियों को ट्रेनों की देरी, रूट डायवर्जन और रद्द होने की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से बार-बार शिकायत की है कि सारनाथ एक्सप्रेस लगातार लेट हो रही है और कई बार बिना पूर्व सूचना के ही इसका रूट बदल दिया जा रहा है।
मडवारा स्टेशन पर रोकी गई ट्रेन, फिर बदला रूट
16 फरवरी को दुर्ग रेलवे स्टेशन से छपरा के लिए रवाना हुई सारनाथ एक्सप्रेस को अचानक कटनी के पास मडवारा स्टेशन पर रोक दिया गया। सुबह अचानक यात्रियों को सूचना दी गई कि ट्रेन को सागर, झांसी होते हुए लखनऊ के रास्ते भेजा जाएगा।
इससे यात्रियों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने रेलवे प्रशासन पर अव्यवस्था का आरोप लगाया। यात्रियों का कहना था कि रेलवे बिना किसी ठोस कारण के न सिर्फ ट्रेनों में देरी कर रहा है बल्कि रूट डायवर्ट करके उनकी यात्रा को और कठिन बना रहा है।
लगातार लेट हो रही सारनाथ एक्सप्रेस, 15 घंटे तक पहुंची देरी
सिर्फ सारनाथ एक्सप्रेस ही नहीं, बल्कि इस रूट पर चलने वाली अन्य ट्रेनें भी लगातार देर से चल रही हैं।
- छपरा से दुर्ग आने वाली सारनाथ एक्सप्रेस पिछले चार दिनों से लगातार देरी से चल रही है।
- कभी यह 2 घंटे, कभी 3 घंटे, तो कभी 9 घंटे तक देरी से पहुंच रही है।
- मंगलवार को छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस 15 घंटे की देरी से पहुंची।
इसके चलते सुबह पहुंचने वाली ट्रेन शाम को आ रही है, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यात्रियों ने जताई नाराजगी, कहा – रेलवे को यात्रियों की चिंता नहीं
यात्रियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन लगातार इस रूट की ट्रेनों में लापरवाही बरत रहा है। ट्रेनें या तो समय पर नहीं चल रही हैं या फिर उनका रूट डायवर्ट कर दिया जाता है।
रेलवे के इस कदम से खासतौर पर महाकुंभ मेले में शामिल होने जा रहे श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। उनका कहना है कि पहले ही इस रूट पर टिकट की भारी मांग थी, ऊपर से ट्रेनों को अचानक रद्द करना या उनका रूट डायवर्ट करना यात्रियों के लिए बहुत मुश्किल खड़ी कर रहा है।
छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस रहेगी रद्द, रेलवे ने दिया यह कारण
रेलवे के अनुसार, सारनाथ एक्सप्रेस को “ऑपरेशनल कारणों” से रद्द किया गया है। रेलवे द्वारा जारी आदेश के मुताबिक –
- ट्रेन संख्या 15160 (दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस) 19, 20 और 21 फरवरी को रद्द रहेगी।
- ट्रेन संख्या 15159 (छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस) 21, 22 और 23 फरवरी को रद्द रहेगी।
रेलवे ने यात्रियों को सुझाव दिया है कि वे अपनी यात्रा की योजना इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए बनाएं।
यात्रियों को चाहिए ठोस समाधान, वैकल्पिक व्यवस्था की मांग
यात्रियों ने रेलवे से मांग की है कि अगर ट्रेन को रद्द करना अनिवार्य है, तो उसकी जगह कोई अन्य ट्रेन चलाई जाए। यात्रियों का कहना है कि रेलवे को इस रूट पर विशेष व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि यात्रियों को टिकट बुकिंग, यात्रा और समय पर पहुंचने में कोई दिक्कत ना हो।
इस रूट पर यात्रियों की संख्या को देखते हुए रेलवे को जल्द से जल्द कोई वैकल्पिक ट्रेन या विशेष ट्रेन चलाने पर विचार करना चाहिए।
सारनाथ एक्सप्रेस को अचानक रद्द किए जाने से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर महाकुंभ मेले में जा रहे श्रद्धालुओं के लिए यह निर्णय मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह इस समस्या का जल्द समाधान निकाले और यात्रियों की सुविधा के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करे। अन्यथा, यात्रियों की नाराजगी रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर सकती है।