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Anura Dissanayake: श्रीलंका के संभावित राष्ट्रपति और चीन के नजदीकी संबंध

Anura Dissanayake: श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में अनुरा कुमारा डिस्सानायके की चर्चा जोरों पर है। वह देश के अगले राष्ट्रपति बनने की दौड़ में हैं, और हाल के चुनावों में उन्हें एक प्रभावशाली बढ़त मिली है। वहीं, मौजूदा राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस कठिन समय में, आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंकाई नागरिकों के लिए अनुरा एक ‘मसीहा’ की तरह उभरे हैं।

अनुरा डिस्सानायके का परिचय

अनुरा डिस्सानायके का जन्म 24 नवंबर 1968 को श्रीलंका के अनुराधापुर जिले के थंबुतेगामा गांव में हुआ। वह जनता विमुक्ति परिमुना (JVP) पार्टी के सदस्य हैं। अनुरा ने अपने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रखा था और 1987 में पूर्णकालिक सदस्यता प्राप्त की। उनके पिता एक श्रमिक थे, और 2000 में उन्होंने पहली बार संसद में प्रवेश किया।

अनुरा की राजनीतिक शैली

अनुरा डिस्सानायके एक मार्क्सवादी और लेनिनवादी नेता हैं। उन्हें श्रीलंका में ‘AKD’ के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी प्रभावशाली और भावुक भाषणों से जनता का दिल जीतने में सफलता प्राप्त की। विशेष रूप से 2022 में जब देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, तब उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी।

Anura Dissanayake: श्रीलंका के संभावित राष्ट्रपति और चीन के नजदीकी संबंध

चुनावी सफलता और रणनीति

हाल ही के चुनावों में, 75 प्रतिशत वोटरों ने मतदान किया, और अनुरा ने अपनी नीतियों के लिए एक सकारात्मक जन समर्थन प्राप्त किया है। उन्होंने गरीबों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए नीतियों का वादा किया है और कर राहत देने का भी आश्वासन दिया है।

वहीं, रनिल विक्रमसिंघे को केवल 16 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए, जिससे उनकी स्थिति तीसरे स्थान पर है। अनुरा के प्रति जनता की उम्मीदें बढ़ती जा रही हैं, और उन्हें ‘मसीहा’ के रूप में देखा जा रहा है।

चीन के प्रति अनुरा की नजदीकी

अनुरा की मार्क्सवादी विचारधारा के कारण उनकी चीन के प्रति झुकाव को स्वाभाविक माना जा रहा है। कई रिपोर्टों में यह उल्लेख किया गया है कि अनुरा की पार्टी चीन के करीब है और संभवतः उन्हें चीन से वित्तीय सहायता भी मिली है। हालाँकि, उनके सहयोगी एनपीपी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर अनिल जयंत ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी भारत के साथ सहयोग करने में विश्वास करती है, क्योंकि भारत एक महाशक्ति है।

राजनीतिक सफर के महत्वपूर्ण क्षण

अनुरा ने 2014 में पार्टी की कमान संभाली और 2019 में राष्ट्रपति चुनाव में भी भाग लिया, हालांकि उस समय उन्हें केवल 3 प्रतिशत वोट मिले। अब, 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में, राष्ट्रीय जनशक्ति (NPP) ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है।

शिक्षा और सामाजिक योगदान

अनुरा ने 1995 में केलानिया विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उसी वर्ष, उन्हें समाजवादी छात्रों के संघ का राष्ट्रीय आयोजक नियुक्त किया गया। 1998 में, उन्होंने पार्टी की पोलितब्यूरो में एक महत्वपूर्ण पद प्राप्त किया।

2004 में, वे राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगा के सरकार में कैबिनेट मंत्री बने, लेकिन 2005 में उन्होंने अन्य पार्टी मंत्रियों के साथ मिलकर LTTE के साथ संयुक्त समझौते के विरोध में इस्तीफा दे दिया।

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