मध्य प्रदेश

Madhya Pradesh के शिवपुरी में वायुसेना का लड़ाकू विमान क्रैश, दोनों पायलट सुरक्षित

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में गुरुवार दोपहर एक बड़ा हादसा हुआ, जब भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिराज-2000 खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के बाद विमान में आग लग गई, जिससे वह पूरी तरह जलकर राख हो गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि विमान में सवार दोनों पायलट सुरक्षित हैं।

गांव के खेतों में गिरा लड़ाकू विमान

मिली जानकारी के अनुसार, यह हादसा शिवपुरी जिले के नरवर तहसील के डबरा सानी गांव में हुआ। जब यह विमान आसमान में उड़ान भर रहा था, तभी अचानक तकनीकी खराबी के कारण यह नीचे गिर गया और खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ग्रामीणों के अनुसार, विमान गिरते ही उसमें तेज धमाका हुआ और देखते ही देखते आग लग गई।

पायलटों ने समय रहते खुद को सुरक्षित निकाला

करैरा थाना प्रभारी विनोद छवाई ने बताया कि हादसे के दौरान विमान में दो पायलट सवार थे। दुर्घटना से पहले दोनों पायलटों ने खुद को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था, जिससे उनकी जान बच गई। हालांकि, उन्हें हल्की चोटें आईं, जिसके बाद वायुसेना के हेलिकॉप्टर से उन्हें ग्वालियर ले जाया गया।

Madhya Pradesh के शिवपुरी में वायुसेना का लड़ाकू विमान क्रैश, दोनों पायलट सुरक्षित

ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित निकले पायलट

जैसे ही हादसा हुआ, आसपास के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए। गांव के लोगों ने मौके पर पहुंचकर पायलटों को संभाला और प्राथमिक उपचार दिया। एक पायलट की तस्वीर भी सामने आई, जिसमें वह मोबाइल पर किसी से बात करते हुए नजर आ रहे हैं। इससे साफ हुआ कि उनकी हालत गंभीर नहीं है।

वायुसेना की टीम ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन

घटना की जानकारी मिलते ही वायुसेना की एक टीम तुरंत हेलिकॉप्टर से मौके पर पहुंची और दोनों पायलटों को सुरक्षित निकालकर ग्वालियर के लिए रवाना कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस टीम ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और जांच शुरू कर दी।

विमान के क्रैश होने के कारणों की जांच जारी

फिलहाल, विमान दुर्घटना के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। भारतीय वायुसेना ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक जांच में तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है, लेकिन विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारणों का पता चलेगा।

ग्वालियर एयरबेस से उड़ा था विमान

सूत्रों के अनुसार, यह मिराज-2000 विमान ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भर रहा था। ग्वालियर एयरबेस भारतीय वायुसेना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां मिराज-2000, सुखोई और अन्य अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तैनात रहते हैं।

ग्रामीणों में दहशत, खेतों में बिखरा मलबा

हादसे के बाद आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही विमान गिरा, जोरदार धमाके की आवाज आई, जिससे आसपास के लोग घबरा गए। खेतों में विमान का मलबा बिखरा पड़ा है और पूरी जगह जलकर राख हो गई। प्रशासन ने इलाके को सील कर दिया है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो।

वायुसेना के लिए बड़ी चुनौती

इस तरह की घटनाएं भारतीय वायुसेना के लिए हमेशा एक चुनौती रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई लड़ाकू विमानों के क्रैश होने की घटनाएं सामने आई हैं। हालांकि, पायलटों की सूझबूझ और सुरक्षा तकनीकों के कारण जान की हानि कम होती है। फिर भी, वायुसेना के लिए यह चिंता का विषय है कि आखिर ये दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे

यह पहली बार नहीं है जब कोई लड़ाकू विमान इस तरह क्रैश हुआ हो। इससे पहले भी कई बार मिराज-2000 और अन्य लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।

  • फरवरी 2019: बेंगलुरु में एक मिराज-2000 विमान क्रैश हुआ था, जिसमें एक पायलट की जान चली गई थी।
  • अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 बाइसन विमान क्रैश हुआ था।
  • मई 2023: पंजाब के मोगा में मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।

इन घटनाओं से यह साफ होता है कि वायुसेना को अपने विमानों की सुरक्षा जांच और रखरखाव पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

क्या कहते हैं रक्षा विशेषज्ञ?

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि लड़ाकू विमानों के क्रैश होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें तकनीकी खराबी, पक्षियों से टकराने की घटना, मानव त्रुटि या मौसम संबंधी समस्याएं शामिल हैं। मिराज-2000 एक अत्याधुनिक विमान है, लेकिन किसी भी तकनीकी खराबी की स्थिति में हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

सरकार और वायुसेना ने दिए जांच के आदेश

इस घटना के बाद रक्षा मंत्रालय और वायुसेना ने जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच में यह देखा जाएगा कि विमान में क्या खराबी आई थी और क्या इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सकता है। साथ ही, वायुसेना अपने पायलटों की सुरक्षा के लिए और बेहतर उपाय करने पर विचार कर रही है।

शिवपुरी में हुआ यह हादसा एक बार फिर वायुसेना के लिए एक बड़ा सबक है। हालांकि, राहत की बात यह रही कि दोनों पायलट सुरक्षित बच गए। अब देखना होगा कि जांच में क्या सामने आता है और क्या वायुसेना भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी। फिलहाल, गांव के लोग और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, और विमान के मलबे को हटाने का काम किया जा रहा है।

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