Chhattisgarh News: बस्तर में बढ़ते अंधविश्वास के मामले, ग्रामीणों की जान पर बन आई

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक बार फिर अंधविश्वास की वजह से एक निर्दोष ग्रामीण की हत्या का मामला सामने आया है। यह दिल दहला देने वाली घटना गोदेलगुड़ा गांव की है जो पोलमपल्ली थाना क्षेत्र में आता है। ग्रामीणों ने सिर्फ जादू-टोना करने के शक में एक व्यक्ति की न केवल बेरहमी से पिटाई की बल्कि उसके सिर को ईंट से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। यही नहीं हत्या के बाद शव को जंगल ले जाकर जला दिया ताकि कोई सबूत न बचे। मृतक के परिवार वालों को धमकाया गया कि अगर उन्होंने पुलिस को बताया तो उनका भी अंजाम वही होगा।
इस मामले में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो उसी गांव के निवासी हैं। पुलिस ने बताया कि इन सभी ने अपने गुनाह को कबूल कर लिया है और स्वीकार किया है कि उन्होंने अंधविश्वास के कारण यह हत्या की। ग्रामीणों को शक था कि मृतक जादू-टोना करता है और गांववालों को नुकसान पहुंचा रहा है। यह मानसिकता अब भी बस्तर संभाग के कई ग्रामीण इलाकों में देखी जा रही है जहां आज भी लोग बीमारी या दुर्घटना के पीछे किसी टोनही या जादू-टोना करने वाले को दोषी मानते हैं और फिर खुद ही न्याय करने लगते हैं।
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि मृतक के बेटे ने दो दिन पहले थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी जिसमें बताया गया था कि उसके पिता की हत्या पूरे परिवार के सामने की गई है। हत्या करने के बाद आरोपियों ने मृतक को एक तख्त पर रखकर जंगल ले जाकर जला दिया ताकि शरीर की पहचान न हो सके और कोई सबूत न बचे। इस मामले में पुलिस ने ‘टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005’ के तहत केस दर्ज किया और साक्ष्य जुटाने के लिए फॉरेंसिक टीम की मदद ली गई।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी डिजिटल सबूतों के आधार पर की गई। मौके पर कुछ मोबाइल वीडियो और कॉल रिकॉर्डिंग भी मिली जिससे पुलिस को जांच में काफी मदद मिली। जांच में यह भी सामने आया कि हत्या सुनियोजित थी और गांव के कई लोग इसमें शामिल थे। आरोपियों को अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने यह भी बताया कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि लोग अंधविश्वास से दूर रहें और कानून का सहारा लें।