NICU में आग से 10 नवजातों की मौत, 37 बच्चों को सुरक्षित निकाला गया
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा कक्ष (NICU) में भीषण आग लग गई। इस आग में 10 नवजात बच्चों की जलने और दम घुटने के कारण मौत हो गई, जबकि 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस दुर्घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत संज्ञान लिया और जिला प्रशासन को मृतक बच्चों के परिवारों को 5 लाख रुपये की सहायता और गंभीर रूप से घायल बच्चों के परिवारों को 50 हजार रुपये की मदद देने का आदेश दिया। उन्होंने इस घटना की जांच करने के लिए अधिकारियों से 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट भी मांगी है।
आग पर काबू पाने के लिए सेना भी पहुंची
यह घटना रात करीब 10:40 बजे की है, जब NICU में लगभग 50 नवजात बच्चे भर्ती थे। अचानक आग के कारण यहां की स्थिति भयावह हो गई। जैसे ही धुआं फैलने लगा, बच्चों के परिजन अपने-अपने बच्चों को गोद में उठाकर भागने लगे, लेकिन धुआं और आग के कारण वे आगे नहीं बढ़ सके। इस दौरान अस्पताल में बिजली कट गई, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई। सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। दमकल कर्मियों ने खिड़की के शीशे तोड़कर अंदर प्रवेश किया और आग बुझाने की कोशिश की। देर रात तक सेना और दमकल की टीमों ने मिलकर आग पर काबू पा लिया।
आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया
प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। इस भीषण हादसे में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई और कई बच्चे बुरी तरह जल गए। इस घटना ने अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों और वहां उपस्थित परिवारों के बीच कोहराम मचाया। घायल बच्चों का इलाज अस्पताल में चल रहा है और उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
सीएम ने राहत और बचाव कार्यों के लिए दिए आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे के बाद जिलाधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तुरंत सक्रिय होने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस घटना में बच्चों की मौत अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। उन्होंने भगवान श्रीराम से दिवंगत आत्माओं को शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। सीएम ने यह भी सुनिश्चित किया कि मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये की सहायता दी जाए और गंभीर रूप से घायल बच्चों के परिवारों को 50 हजार रुपये की मदद दी जाए।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि दमकल विभाग की पर्याप्त टीमों को तैनात किया जाए और घायल बच्चों को समुचित उपचार मिले। मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त जिला आयुक्त (वित्त एवं राजस्व) वरुण पांडेय और पुलिस उपमहानिरीक्षक को इस हादसे की जांच करने और 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया।
अस्पताल की स्थिति और प्रशासन का समर्पण
इस घटना के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और बचाव कार्य तेज़ी से शुरू किया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद पूरे अस्पताल में एक आक्रोश और शोक की लहर दौड़ गई है। मृतक बच्चों के परिवारों को हर संभव मदद देने का वादा किया गया है और प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटा है।
झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई इस भीषण आग की घटना ने न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना यह दर्शाती है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुरक्षा इंतजामों की कितनी अधिक आवश्यकता है, ताकि ऐसी दुर्घटनाएं न हो सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा तत्काल राहत की घोषणा और प्रशासन के प्रयासों से प्रभावित परिवारों को कुछ हद तक मदद मिलने की उम्मीद है। यह हादसा हमें यह भी सिखाता है कि हमें हर परिस्थिति में सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा मानकों को और भी सख्ती से लागू करना चाहिए।