मध्य प्रदेशरीवा

मुआवजे के बाद शासन ने नहीं लिया कब्जा तो सड़क की जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने जमाया डेरा, लोगों ने बना लिए पक्के मकान

दैनिक मीडिया ऑडीटर रीवा। चोरहटा से लेकर रतहरा तक बने बाईपास को लेकर  शासन ने जिस भूमि का अधिग्रहण किया है वह जमीन अब अतिक्रमणकारियों की जागीर बन गई है तथा बाईपास की सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा करते हुए अतिक्रमणकारियों ने अपना डेरा जमा लिया तथा सड़क के लिए चिन्हित रास्ते में लोगों ने अपने रहने के लिए भवन का निर्माण करा लिया है वहीं कई स्थानों पर तो कॉमर्शियल उपयोग भी शुरू हो गया है और प्रशासनिक अमले को अब तक इसकी कोई खबर ही नहीं है। जिससे प्रशासनिक अधिकारी अब भी बुलडोजर लेकर जाएं और शासन की जमीन में बने भवन को गिराकर उसे अपने कब्जे में कर लें।

सड़क के भूभाग से छेड़छाड़: दरअसल चोरहटा से रतहरा के लिए बने सड़क बाईपास के लिए शासन ने करीब 1992 में जमीनों का अधिग्रहण किया था फिर सड़क मार्ग का अंश भूभाग कुछ दिनों बाद परिवर्तित कर दिया गया जिसके कारण वर्ष 2004-05 में कुछ जमीनों का अधिग्रहण हुआ तथा इसके बाद सन 2007 – 08 में भी शेष भाग का अधिग्रहण किया गया जिसके बाद शासन ने 2 लेन बाईपास सड़क का निर्माण करा दिया और लोगों को आवागमन में सुगमता होने लगी परंतु इस सड़क के लिए शासन ने उसी समय पर करीब 4 लेन सड़क बाईपास बनाने के लिए जमीनों का अधिग्रहण किया था ऐसे में 2 लेन सड़क बनने के बाद भी जमीन का भाग शेष रह गया जहां सड़क निर्माण का कार्य नहीं किया गया और अब एक बार फिर लोगों की सड़क समस्या को दृष्टिगत रखते हुए शासन में उसी मार्ग को फोर लेन बाईपास सड़क बनाने की तैयारी की है परंतु अब उसमें अतिक्रमणकारी प्रशासन के लिए सबसे बड़ी अड़चन बन कर सामने आ रहे हैं। 

अधिग्रहित जमीनों पर बने पक्के मकान: बताया जा रहा है कि शासन ने बाईपास के लिए अधिग्रहीत जमीन के नक्शे में सुधार नहीं किया जिसकी वजह से लोगों के द्वारा वहां पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया गया और शासन द्वारा सड़क के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि पर लोगों ने अपने लिए आलिशान भवन निर्माण कर लिया वहीं कइयों ने तो सरकारी जमीन का कॉमर्शियल उपयोग शुरू कर दिया। और अब उस जमीन को खाली कराने में प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की रुचि नहीं दिखाई जा रही है जबकि शासन ने ऐसी जमीनों को चिन्हित भी कर लिया है। जिससे अतिक्रमणकारी भी सुकून में बैठे हैं। 

25 वर्षों बाद टूटी निद्रा: आपको बता दें अब जबकि जमीनों के अधिग्रहण के 25 वर्षों बाद लोगों की शिकायत पर प्रशासन की नींद टूटी है जिसके बाद राजस्व अमले ने सड़क के लिए चिन्हित जमीनों के रकवे में सुधार कर उस जमीन को मध्य प्रदेश शासन के नाम किया है बावजूद इसके अब भी उसे खाली करा पाने में भी प्रशासन की असमर्थता ही दिखाई दे रही तथा अधिग्रहित जमीनों पर किए गए अवैध अतिक्रमण पर अधिकारियों ने चुप्पी साधी है। 

वर्जन: हमने तमाम सरकारी भूमि को चिन्हित कर लिया है जहां नक्शा सुधार करना था वहां सुधार कार्य करते हुए भूमि को सरकारी नक्शे में दर्ज कर दिया गया है, जिन स्थानों में निर्माण कार्य हो चुके हैं अब उन्हें चिंहित किया जा रहा है तथा वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। 

वैशाली जैन एसडीएम 

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Media Auditor

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d