Madhya Pradesh में मौसम का मिजाज बदला, कहीं हल्की बारिश तो कहीं तेज गर्मी

Madhya Pradesh में मौसम का उतार-चढ़ाव जारी है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया जा रहा है। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती परिसंचरण एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं, जिससे राज्य के कुछ हिस्सों में मौसम का मिजाज बदल गया है। मंगलवार को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में हल्की बारिश हुई, जबकि भोपाल, इंदौर और उज्जैन में गर्मी का प्रभाव देखा गया। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को मौसम साफ रहेगा, लेकिन 21 फरवरी को राज्य के पूर्वी हिस्सों – सीधी, सिंगरौली, शहडोल, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश की संभावना है।
अधिकतर जिलों में तापमान 30 डिग्री के पार
राज्य के अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया। भोपाल में अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री, इंदौर में 31.5 डिग्री, उज्जैन और जबलपुर में 32 डिग्री रहा। वहीं, ग्वालियर में बादलों के कारण तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई और यहां तापमान 4.7 डिग्री लुढ़ककर 24.9 डिग्री पर पहुंच गया। बैतूल, धार, दमोह और सागर में तापमान 32 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रतलाम और मंडला में पारा 33 डिग्री या उससे अधिक रहा।
सोमवार-मंगलवार की रात भी कई शहरों में तापमान 15 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी में कई पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहते हैं और इस बार भी यही स्थिति बनी हुई है। इसी कारण तापमान में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। हालांकि, फिलहाल बारिश की संभावना कम है।
अगले दो दिनों तक ऐसा रहेगा मौसम
19 फरवरी: भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में मौसम साफ रहेगा। ग्वालियर संभाग में आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं।
20 फरवरी: दिन और रात के तापमान में वृद्धि होगी।
ग्वालियर-चंबल में बादल, भोपाल-इंदौर में तेज धूप
ग्वालियर-चंबल संभाग में मंगलवार को हल्की बारिश दर्ज की गई। दिनभर बादल छाए रहे, जिससे तापमान में गिरावट आई। ग्वालियर में सोमवार को जहां तापमान 29.6 डिग्री था, वहीं मंगलवार को यह 24.9 डिग्री पर आ गया। इसके विपरीत, भोपाल और इंदौर में तेज धूप देखने को मिली, जिससे गर्मी का अहसास बढ़ गया। उज्जैन और जबलपुर में भी तापमान सामान्य से अधिक रहा।
पश्चिमी विक्षोभ का असर, मार्च तक रहेगा मौसम में उतार-चढ़ाव
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। फरवरी में सक्रिय रहने वाले इन विक्षोभों के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक दिन के तापमान में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, रात का तापमान स्थिर रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में 21 फरवरी को हल्की बारिश देखने को मिल सकती है।
कब तक रहेगा ऐसा मौसम?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मध्य प्रदेश में मार्च तक मौसम का उतार-चढ़ाव बना रहेगा। फरवरी के अंत तक दिन और रात के तापमान में लगातार वृद्धि होगी, जिससे गर्मी का प्रभाव बढ़ने लगेगा।
जनता पर असर: गर्मी बढ़ी, स्वास्थ्य पर प्रभाव
तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही प्रदेश के कई शहरों में गर्मी महसूस की जाने लगी है। गर्मी बढ़ने से लोगों को दिन के समय तेज धूप का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि तापमान बढ़ने के कारण डिहाइड्रेशन और लू लगने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और हल्के कपड़े पहनने की सलाह दी जा रही है।
कृषि पर प्रभाव
मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है और यहां मौसम का सीधा असर फसलों पर पड़ता है।
- गेहूं की फसल: वर्तमान मौसम किसानों के लिए चिंता का विषय बन सकता है। तापमान में अचानक वृद्धि से गेहूं की फसल पर प्रभाव पड़ सकता है।
- सरसों और चना: चना और सरसों की फसल के लिए यह समय महत्वपूर्ण है। मौसम में अचानक बदलाव से इन फसलों की पैदावार प्रभावित हो सकती है।
- सब्जियों पर असर: बढ़ती गर्मी के कारण हरी सब्जियों की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
क्या कहते हैं मौसम विशेषज्ञ?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मध्य प्रदेश में इस तरह के मौसम परिवर्तन सामान्य हैं, लेकिन इस बार तापमान सामान्य से अधिक तेजी से बढ़ रहा है। IMD के विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान में और वृद्धि हो सकती है।
मध्य प्रदेश में मौसम लगातार बदल रहा है। जहां एक ओर ग्वालियर-चंबल में बादलों और हल्की बारिश ने ठंडक बढ़ाई, वहीं भोपाल, इंदौर और उज्जैन में तेज धूप के कारण गर्मी महसूस की गई। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवातीय परिसंचरण के चलते मौसम में यह उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। फरवरी के अंत तक तापमान में और वृद्धि होने की संभावना है, जिससे गर्मी का प्रभाव बढ़ सकता है।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अभी कुछ दिनों तक मौसम का यही मिजाज रहने वाला है। ऐसे में आम लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने, किसान भाइयों को फसल की निगरानी करने और मौसम पूर्वानुमान पर नजर बनाए रखने की जरूरत है।