दुर्ग की सड़कों पर होगी युद्ध की रिहर्सल आम लोगों को मिलेगी जिंदगी बचाने की ट्रेनिंग

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में आज यानी बुधवार 7 मई को एक बड़ा सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित किया जा रहा है। केंद्र सरकार के निर्देश पर यह अभ्यास देश के 244 जिलों में एक साथ किया जा रहा है जिसमें आम लोगों को संभावित हमलों से बचने की ट्रेनिंग दी जाएगी। दुर्ग छत्तीसगढ़ का एकमात्र ऐसा जिला है जिसे इस अभ्यास की सूची में शामिल किया गया है। मंगलवार देर शाम तक जिला प्रशासन ने इस ड्रिल की तैयारी को लेकर एक अहम बैठक की और सभी जरूरी निर्देश जारी किए गए।
भारत-पाक तनाव के बीच सरकार की बड़ी तैयारी
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हमले में 22 अप्रैल को 26 नागरिकों की मौत हुई थी। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और युद्ध की आशंका भी जताई जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर यह मॉक ड्रिल कराने का फैसला लिया है। इसका मकसद है कि युद्ध या आपात स्थिति में आम लोग अपने जीवन और संपत्ति की रक्षा कर सकें। दुर्ग को इस लिस्ट में कैटेगरी-2 में रखा गया है जिसे मध्यम संवेदनशील जिला माना गया है।
मॉक ड्रिल में नागरिकों को क्या करना चाहिए
सभी नागरिकों को मॉक ड्रिल के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले स्थानीय प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और ड्रिल की समय व स्थान की जानकारी रखें। अपने घर में टॉर्च, दवाइयां और पानी जैसी जरूरी चीजों से एक इमरजेंसी किट तैयार रखें। परिवार के साथ एक योजना बनाएं कि किसी आपात स्थिति में कहां मिलेंगे और कैसे संपर्क करेंगे। जब एयर रेड सायरन बजे तो तुरंत किसी सुरक्षित स्थान जैसे बेसमेंट या मजबूत इमारत में चले जाएं और घबराएं नहीं।
अंधकार, सुरक्षा और भागीदारी है अहम
ड्रिल के दौरान सभी बाहरी लाइटें बंद रखें और खिड़कियों को मोटे पर्दों से ढंक दें ताकि रोशनी बाहर न जाए। गाड़ियों का कम से कम इस्तेमाल करें और अनावश्यक भीड़ से बचें। अगर किसी को विशेष चिकित्सा जरूरत है तो पहले ही प्रशासन को जानकारी दें। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें और उन्हें भी पूरी प्रक्रिया समझाएं। ड्रिल के बाद आयोजकों को अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव जरूर दें ताकि भविष्य में इसे और बेहतर बनाया जा सके। यह ड्रिल सिर्फ एक अभ्यास नहीं बल्कि संकट की घड़ी में आत्मविश्वास और सुरक्षा को मजबूत करने का जरिया है।