अंतर्राष्ट्रीय

Vladimir Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द भारत दौरे पर, तारीखों पर हो रही है चर्चा

Vladimir Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं। पुतिन के भारत दौरे को लेकर क्रेमलिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने बताया, “हम रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे के लिए तारीखों पर काम कर रहे हैं।” यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू होने के बाद से पुतिन ने अब तक केवल मंगोलिया और उत्तर कोरिया का दौरा किया है। ऐसे में उनका भारत दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

क्रेमलिन ने क्या कहा?

क्रेमलिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने पुतिन के भारत दौरे की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों देशों के अधिकारियों के बीच दौरे की तारीखों पर बातचीत जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन के इस दौरे का उद्देश्य भारत और रूस के बीच रिश्तों को और मजबूत करना है। पुतिन के इस दौरे को भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।

पुतिन का भारत दौरा कब होगा?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यह भारत दौरा 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद उनका पहला भारत दौरा होगा। इससे पहले पुतिन ने 6 दिसंबर, 2021 को दिल्ली में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। पुतिन के इस दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। पुतिन और मोदी के बीच अच्छे रिश्तों के कारण इस बार के दौरे में भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की संभावना है।

Vladimir Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द भारत दौरे पर, तारीखों पर हो रही है चर्चा

भारत-रूस संबंधों में मजबूती की ओर कदम

पुतिन के भारत दौरे से दोनों देशों के रिश्तों को और भी मजबूत बनाने की उम्मीद है। भारत और रूस के बीच पुराने समय से रणनीतिक और सैन्य संबंध रहे हैं। भारत ने रूस से रक्षा उपकरणों की आपूर्ति पर भरोसा जताया है, वहीं रूस ने भी भारत के साथ अपने आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को हमेशा महत्वपूर्ण माना है। पुतिन के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में कई समझौतों की उम्मीद जताई जा रही है।

रूस ने परमाणु नीति में किया बदलाव

इस बीच, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को अपनी नई परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। इस नीति में पारंपरिक मिसाइलों, ड्रोन या अन्य हवाई वाहनों से होने वाले हमलों को भी शामिल किया गया है। इस बदलाव के अनुसार, अगर रूस पर किसी ऐसे हमले का प्रयास किया जाता है, जिसे कोई गठबंधन सदस्य देश करता है, तो रूस इसे पूरी गठबंधन द्वारा किए गए हमले के रूप में मानने का फैसला करेगा। इसका मतलब यह है कि अगर रूस पर अमेरिका द्वारा किसी प्रकार का हमला किया जाता है, तो रूस नाटो गठबंधन के सभी देशों को इस हमले का जिम्मेदार ठहराएगा।

रूस और भारत के रिश्तों में बदलाव

रूस ने अपनी नई परमाणु नीति के तहत दुनिया भर के देशों को यह संदेश दिया है कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में भारत के साथ उसके संबंध और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं, क्योंकि भारत एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी है और रूस के लिए यह भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूती से बनाए रखना अत्यंत जरूरी है।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा। यह दौरा न केवल रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक राजनीति में रूस की स्थिति को भी प्रभावित करेगा। पुतिन का यह दौरा भारत और रूस के सहयोग को और बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। साथ ही, रूस की परमाणु नीति में हुए बदलाव से वैश्विक सुरक्षा स्थिति पर भी गहरा असर पड़ सकता है।

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