सीहोर के दोहरे हत्याकांड में फैसला, आरोपी को दोहरी आजीवन कारावास की सजा

सीहोर जिले के बहुचर्चित ढाई साल पुराने दोहरे हत्याकांड में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश (अत्याचार निवारण) हेमंत जोशी की अदालत ने आरोपी छगनलाल (29) पिता कन्हैयालाल बघवान, निवासी इंदिरा कॉलोनी, आष्टा को दोषी करार देते हुए दोहरी आजीवन कारावास और दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
क्या था पूरा मामला?
जिला अभियोजन अधिकारी अनिल बादल ने बताया कि मृतक पूंजीलाल अपनी पत्नी पार्वतीबाई, छोटे बेटे बलराम और बहू संजना के साथ इंदिरा नगर, आष्टा में रहते थे। परिवार को इस बात पर आपत्ति थी कि मुकेश बघवान नामक युवक उनकी बहू संजना से फोन पर बातचीत करता था। इस मुद्दे को लेकर परिवार में नाराजगी थी।
घटना की रात का खौफनाक मंजर
17 जुलाई 2022 को शाम 7 बजे, पूंजीलाल, बलराम और पार्वतीबाई, मुकेश बघवान को समझाने के लिए उसके घर पहुंचे। लेकिन जब वे वहां पहुंचे तो मुकेश घर पर नहीं था, बल्कि उसके पिता कन्हैयालाल, मां लक्ष्मीबाई और बड़ा भाई छगनलाल मौजूद थे। जैसे ही पूंजीलाल ने मुकेश के व्यवहार को लेकर शिकायत की, तो परिवार के लोगों ने गाली-गलौज शुरू कर दी।
जब पूंजीलाल ने इसका विरोध किया, तो विवाद बढ़ गया। इसी दौरान, गुस्से में आकर छगनलाल ने घर से चाकू लाकर बलराम पर हमला कर दिया। जब पूंजीलाल और पार्वतीबाई ने बचाने की कोशिश की, तो छगनलाल ने पार्वतीबाई के पेट और चेहरे पर चाकू से वार किया, जबकि पूंजीलाल को भी दाहिने कंधे पर चाकू मार दिया। इसी दौरान, लक्ष्मीबाई ने भी पार्वतीबाई पर डंडे से हमला कर दिया।
गांववालों की सूचना पर पहुंची पुलिस
घटना स्थल पर चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी रमेश्वर राठौर और कालाबाई ने हस्तक्षेप किया और तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को आष्टा के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में डॉक्टरों ने बलराम को मृत घोषित कर दिया। वहीं, गंभीर रूप से घायल पार्वतीबाई को भोपाल रेफर किया गया, लेकिन 22 जुलाई को उसकी भी मौत हो गई।
पुलिस जांच और चार्जशीट
घटना के बाद आष्टा पुलिस ने आरोपी छगनलाल के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला और अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने सभी साक्ष्यों को इकट्ठा कर चार्जशीट कोर्ट में पेश की।
अदालत का कड़ा फैसला
न्यायालय ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत सबूतों और तर्कों को स्वीकार करते हुए आरोपी छगनलाल को दोषी पाया और उसे दोहरी आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, अदालत ने दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
परिवार में मातम, न्याय पर संतोष
इस फैसले से मृतकों के परिवार को न्याय मिला है, लेकिन घर का सहारा छिन जाने से वे अब भी सदमे में हैं। परिवार का कहना है कि अदालत ने सही फैसला लिया है, लेकिन उनके जख्म कभी नहीं भरेंगे। वहीं, स्थानीय लोगों ने भी इस फैसले का स्वागत किया और इसे न्यायपालिका की निष्पक्षता का उदाहरण बताया।
सीहोर जिले का यह मामला आपसी विवाद से उपजे क्रूर हत्याकांड का उदाहरण है, जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया था। अदालत के इस फैसले से यह संदेश गया है कि अपराध करने वाले बच नहीं सकते और कानून अपराधियों को उनकी सजा जरूर देता है।