Uttar Pradesh news: कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के नेता को लोगों ने पीटा, क्या वह बाइक चोर का समर्थन कर रहे थे?

Uttar Pradesh news: उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के राज्य उपाध्यक्ष अखिलेश शर्मा को कुछ लोगों द्वारा बुरी तरह पीटा गया। यह घटना शनिवार को सुलतानपुर के सिविल कोर्ट परिसर में हुई। घटना को लेकर यह जानकारी मिली है कि जिस व्यक्ति के लिए अखिलेश शर्मा सिविल कोर्ट गए थे, वह बाइक चोरी के आरोप में पकड़ा गया था। हालांकि, अखिलेश शर्मा का कहना है कि जब उन्हें बाइक चोरी के बारे में पता चला, तो उन्होंने उस आरोपी से खुद को दूर कर लिया था, फिर भी उन्हें पीटा गया।
बाइक चोरी में फंसा व्यक्ति
अखिलेश शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को वह सिविल कोर्ट में अपने वकील के रूप में पेश हो रहे थे, तभी उनके दूर के रिश्तेदार ने उन्हें फोन करके बताया कि वह मुसीबत में हैं। अखिलेश शर्मा तुरंत वहां पहुंचे, और उन्हें जानकारी मिली कि उनके रिश्तेदार को बाइक चोरी करते पकड़ा गया था। इस पर उन्होंने इस मामले से तुरंत खुद को अलग कर लिया और आरोपी से कोई संबंध न रखने का निर्णय लिया। इसके बावजूद, कुछ लोग ने उन्हें कोर्ट परिसर में घेर लिया और उन पर बाइक चोर का समर्थन करने का आरोप लगाया।
पीटने की घटना
अखिलेश शर्मा ने बताया कि कोर्ट परिसर में कुछ लोग उनसे बात करने के लिए आए, लेकिन बात करने के दौरान ही कुछ हिंसक लोगों ने उन पर हमला बोल दिया और उन्हें बुरी तरह से पीट दिया। आरोप है कि इन लोगों ने अखिलेश शर्मा पर आरोप लगाया कि वह बाइक चोर का समर्थन कर रहे थे। पिटाई के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए।
पुलिस की कार्रवाई
पिटाई के बाद, अखिलेश शर्मा सुलतानपुर के सिटी पुलिस स्टेशन पहुंचे और पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने पुलिस से कहा कि जैसे ही उन्हें बाइक चोरी के बारे में जानकारी मिली, उन्होंने खुद को मामले से अलग कर लिया था, फिर भी उन्हें पीटने की घटना हुई। उनका कहना था कि उनकी पार्टी और वह खुद किसी भी अपराधी का समर्थन नहीं करते हैं।
विवाद और सफाई
अखिलेश शर्मा ने कहा कि यह घटना एक गलतफहमी का नतीजा हो सकती है, लेकिन वह इस मामले से खुद को पूरी तरह से अलग कर चुके थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) कभी भी किसी भी गैरकानूनी गतिविधि का समर्थन नहीं करती और वह हमेशा समाज में न्याय और शांति बनाए रखने की कोशिश करते हैं।
मेडिकल जांच और पुलिस की कार्रवाई
अखिलेश शर्मा को पीटने के बाद पुलिस ने उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी इस मामले में आरोपी लोगों की तलाश कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और संबंधित आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
सुधारात्मक कदम
पुलिस द्वारा कार्रवाई शुरू करने के बावजूद, यह घटना सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के लिए एक बड़ा विवाद बन गई है। पार्टी के नेताओं ने कहा है कि इस घटना से यह साबित हो जाता है कि उनकी पार्टी और उनके नेता किसी भी अपराधी को बचाने का काम नहीं करते। पार्टी ने इस मामले की पूरी जांच की मांग की है और यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
समाज में संदेश
यह घटना समाज में एक संदेश देती है कि किसी भी प्रकार के अपराध से बचने के लिए पूरी जानकारी हासिल करना जरूरी है। बिना किसी प्रमाण के किसी पर आरोप लगाना और उसे पिटाई का शिकार बनाना गलत है। अखिलेश शर्मा ने भी इस मामले में समाज को यह संदेश दिया कि जब वह किसी मामले से जुड़े नहीं थे, तो ऐसे आरोपों का उन पर लगना ठीक नहीं था।
अखिलेश शर्मा पर हुई इस पिटाई की घटना से यह साफ होता है कि बिना सही जानकारी के किसी भी व्यक्ति को परेशान करना और हिंसा का सहारा लेना समाज के लिए खतरनाक हो सकता है। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, समाज में शांति और न्याय बनाए रखने के लिए हर व्यक्ति को जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए।