Uttar Pradesh: यूपी विधानसभा में सीएम योगी का विपक्ष पर हमला, बोले- ‘सनातन आयोजनों का विरोध क्यों?’
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Uttar Pradesh विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को लेकर बड़ी बात कही और विपक्ष पर तीखा हमला बोला। सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग पहले दिन से ही महाकुंभ का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी (SP) और उनके सहयोगियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली बार जब विधानसभा में इस पर चर्चा के लिए कहा गया था, तब विपक्ष चर्चा से भाग गया था।
सीएम योगी ने कहा, “क्या भव्यता के साथ सनातन आयोजनों का आयोजन करना अपराध है? अगर यह अपराध है तो हमारी सरकार यह कर रही है, आगे भी करेगी।”
महाकुंभ पर समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि SP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहले ही बयान दिया था कि “महाकुंभ पर इतना पैसा खर्च करने और इसे इतना विस्तार देने की क्या जरूरत है?” उन्होंने आगे कहा कि अगर SP के सोशल मीडिया हैंडल्स को देखा जाए, तो वहां इस्तेमाल की गई भाषा उनके संस्कारों को दर्शाती है।
सीएम योगी ने कहा, “इन लोगों को अकबर का किला तो पता था, लेकिन अक्षयवट और सरस्वती कूप के बारे में जानकारी नहीं थी।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि SP के नेता महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या पर सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार को यह भी बताना चाहिए कि कितने लोग मरे।
SP के सहयोगियों पर भी हमला
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी के सहयोगी दलों, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “SP के सहयोगी लालू प्रसाद यादव को महाकुंभ बेकार लगता है। उनके एक और सहयोगी नेता ने महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ तक कह दिया।”
सीएम योगी ने कहा कि “Jaya Bachchan, जो SP की नेता हैं, उन्होंने कहा था कि गंगा में लाशें फेंकी जा रही हैं, जिससे पानी दूषित हो गया है।” उन्होंने इन बयानों की निंदा करते हुए कहा कि “ये बयान SP और उनके सहयोगी दलों के असली चेहरे को दिखाते हैं।”
महाकुंभ में पहुंचे ‘भतीजे’, लेकिन ‘चाचा’ नहीं जा सके
सीएम योगी ने अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “भतीजा तो महाकुंभ चला गया और स्नान भी कर लिया, लेकिन चाचा नहीं जा सके। अरे पांडे जी (माता प्रसाद), आप चाचा को ले जाओ, 2013 में नहीं गए थे तो 2025 में चले जाना।”
उन्होंने आगे कहा कि “सनातन धर्म के किसी भी आयोजन में कोई भी भूखा नहीं रहता। जो भी महाकुंभ में आता है, उसे भोजन और आतिथ्य मिलता है। प्रयागराज, काशी और अयोध्या ने ‘अतिथि देवो भव’ का प्रमाण दिया है।”
सीएम योगी ने कहा कि “कुछ लोग झूठा प्रचार कर रहे हैं, लेकिन जनता सब देख रही है और इन अफवाहों पर भरोसा नहीं कर रही।”
महाकुंभ के आयोजन पर सरकार का रुख
योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। सरकार का दावा है कि यह आयोजन अब तक का सबसे भव्य और ऐतिहासिक होगा। सरकार का मानना है कि महाकुंभ से न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक लाभ भी होंगे।
सरकार ने इस बार महाकुंभ को और भव्य बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
- इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार: महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में बेहतर सड़कें, पुल और टेंट सिटी बनाई जा रही हैं।
- आधुनिक सुविधाएं: स्नान घाटों को और विकसित किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
- स्वच्छता और सुरक्षा: महाकुंभ के दौरान गंगा की स्वच्छता बनाए रखने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया जा रहा है।
- वैश्विक पहचान: महाकुंभ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना बना रही है।
महाकुंभ के महत्व पर सीएम योगी का बयान
सीएम योगी ने कहा कि “महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि “कुछ लोग जो महाकुंभ का विरोध कर रहे हैं, वे वास्तव में सनातन संस्कृति पर हमला कर रहे हैं।”
उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा, “अगर वे महाकुंभ का विरोध कर सकते हैं, तो उन्हें जनता के सामने यह भी बताना चाहिए कि वे किन आयोजनों का समर्थन करते हैं।”
विपक्ष की रणनीति और जनता की प्रतिक्रिया
विपक्षी दल लगातार महाकुंभ के लिए किए जा रहे खर्च पर सवाल उठा रहे हैं। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में ज्यादा निवेश करना चाहिए।
हालांकि, जनता के बीच महाकुंभ को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। प्रयागराज और अन्य धार्मिक स्थलों पर हो रही तैयारियों को लेकर लोगों में सकारात्मकता है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह हमारी आस्था और संस्कृति का हिस्सा है। सरकार जो कर रही है, वह सराहनीय है।”
सीएम योगी के विधानसभा में दिए गए बयान ने महाकुंभ को लेकर छिड़ी बहस को और तेज कर दिया है। एक तरफ सरकार इसे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण मान रही है, तो वहीं विपक्ष इसे सरकारी धन की बर्बादी बता रहा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में महाकुंभ को लेकर यह राजनीतिक जंग और कितनी तेज होती है और जनता किसके पक्ष में अपना फैसला देती है।