US Presidential Election 2024: कमला हैरिस का बड़ा संबोधन, ट्रंप की नीतियों की तुलना

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर को होने वाले हैं, और इस बार की दौड़ काफी रोचक और नजदीकी मानी जा रही है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। इस बीच, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने 29 अक्टूबर को व्हाइट हाउस के समीप एलीप्स पार्क से जनता को संबोधित करने का निर्णय लिया है।
हैरिस का संबोधन: ट्रंप के साथ तुलना
कमला हैरिस अपने संबोधन में अपने प्रशासन की नीतियों की तुलना ट्रंप के प्रशासन से करेंगी। वे अपने मतदाताओं से नए दृष्टिकोण के साथ मतदान करने की अपील करेंगी। हैरिस का यह प्रयास है कि वे लोगों को यह बताएं कि उनकी सरकार कैसे बेहतर है और देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।
हैरिस ने कहा, “लोगों को एक नए दृष्टिकोण के साथ वोट देना चाहिए।” उनके संबोधन के दौरान हजारों समर्थकों की भीड़ जुटने की संभावना है। एलीप्स पार्क वही जगह है जहाँ ट्रंप ने 6 जनवरी 2021 को रैली की थी, जिसके बाद उनके समर्थक कैपिटल हिल की ओर बढ़े थे और वहाँ हिंसा की थी।
ट्रंप पर सीधा निशाना
कमला हैरिस ने ट्रंप पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वे देश के नेतृत्व के लिए अयोग्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली ने पुष्टि की है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए कहा था कि उन्हें “हिटलर जैसे जनरल” की जरूरत है। इस कथन के जरिए हैरिस ने ट्रंप के नेतृत्व की नीयत पर सवाल उठाया है और कहा है कि ट्रंप को ऐसी सेना चाहिए जो अमेरिका के संविधान के प्रति निष्ठावान न हो, बल्कि केवल उनकी प्रति वफादार हो।
विदेशी ताकतों का खतरा
इस बीच, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि चुनावों से पहले रूस, चीन और ईरान जैसे विदेशी शक्तियां अमेरिकी जनता को भड़काने और उन्हें विभाजित करने का प्रयास कर सकती हैं। इन अधिकारियों ने पत्रकारों को बताया कि ये ताकतें चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए अस्थिरता पैदा कर सकती हैं।
उन्हें आशंका है कि ये विदेशी शक्तियाँ हिंसा भड़काने के लिए धमकियों और प्रचार का उपयोग कर सकती हैं। खासकर रूस, ईरान और चीन इन साजिशों में जुटे हुए हैं, जिससे समाज में विघटन की स्थिति पैदा हो।
कमला हैरिस का यह संबोधन आगामी चुनावों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर जब राजनीतिक माहौल इतना गर्म है। उनका उद्देश्य न केवल अपने मतदाताओं को एकजुट करना है, बल्कि ट्रंप की नीतियों और उनके नेतृत्व पर सवाल उठाना भी है। इस चुनाव में जो भी परिणाम आएगा, वह न केवल अमेरिका की दिशा तय करेगा, बल्कि वैश्विक राजनीति पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।