अंतर्राष्ट्रीय

अमेरिकी चुनाव: अंतरिक्ष से वोट डालेंगी सुनीता विलियम्स, 27 साल पहले शुरू हुई थी यह परंपरा

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है और देश के हर कोने से लोग अपने मतदान का अधिकार निभाने के लिए तैयार हैं। इसी बीच एक खास समूह ऐसा भी है जो अपने वोट किसी पारंपरिक मतदान केंद्र से नहीं, बल्कि अंतरिक्ष से डालेंगे। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर तैनात अंतरिक्ष यात्री धरती से सैकड़ों मील ऊपर रहकर भी इस महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं।

इस बार बोइंग स्टारलाइनर मिशन के अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर और सुनीता विलियम्स ISS पर तैनात हैं। उनकी इस मिशन की समयावधि को सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है, और दोनों ने अंतरिक्ष से ही अमेरिकी चुनावों में मतदान करने की अपनी मंशा जाहिर की है। अब वे कम से कम फरवरी 2025 तक ISS पर रहेंगे और वहीं से मतदान करेंगे।

नासा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुनीता विलियम्स का बयान

सितंबर में नासा की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सुनीता विलियम्स ने अपनी इस इच्छा को प्रकट करते हुए कहा कि, “एक नागरिक के रूप में मतदान करना हमारी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और अंतरिक्ष से मतदान करने का यह अनुभव शानदार है।”

अंतरिक्ष से मतदान करने का यह सिलसिला 1997 में एक विशेष कानून के चलते शुरू हुआ था। यह कानून टेक्सास में पारित किया गया था ताकि टेक्सास के अंतरिक्ष यात्री, जो नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर से संबंधित होते हैं, अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकें।

अंतरिक्ष से वोटिंग की प्रक्रिया कैसे होती है?

नासा के अंतरिक्ष यात्री 1997 से स्पेस स्टेशन से मतदान करते आ रहे हैं। मतदान की यह प्रक्रिया पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक है। अंतरिक्ष यात्रियों को एक इलेक्ट्रॉनिक बैलेट भेजा जाता है जो उपग्रह की तरंगों के माध्यम से अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुँचता है। इसके बाद अंतरिक्ष यात्री अपना वोट डालते हैं, जिसे फिर से धरती पर भेज दिया जाता है।

अमेरिकी चुनाव: अंतरिक्ष से वोट डालेंगी सुनीता विलियम्स, 27 साल पहले शुरू हुई थी यह परंपरा

डेविड वोल्फ बने थे पहले अंतरिक्ष से मतदान करने वाले व्यक्ति

1997 में डेविड वोल्फ ने मीर अंतरिक्ष स्टेशन से पहली बार मतदान करके इतिहास रचा था। तब से लेकर आज तक कई अंतरिक्ष यात्रियों ने यह परंपरा निभाई है। पिछले चुनाव में, 2020 में, केट रूबिंस ने ISS से वोट डालकर इसे और भी यादगार बनाया था।

अंतरिक्ष से मतदान का महत्व और उद्देश्य

अंतरिक्ष से मतदान करने की परंपरा का उद्देश्य यह है कि जो अंतरिक्ष यात्री अपने देश से दूर रहकर अंतरिक्ष में अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं, वे भी अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारियों को निभा सकें। अमेरिका में इस व्यवस्था की शुरुआत उस समय हुई जब टेक्सास में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर ने इसे सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया लागू की। अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम तैयार किया गया, ताकि वे अपने स्थान से ही वोटिंग कर सकें।

अंतरिक्ष से मतदान की प्रक्रिया में सुधार

हाल के वर्षों में तकनीकी सुधारों के चलते अब यह प्रक्रिया पहले से अधिक सहज हो गई है। इलेक्ट्रॉनिक बैलेट अंतरिक्ष में स्थित ISS तक भेजे जाते हैं और सुरक्षित तरीके से मतदान का पूरा सिस्टम कार्य करता है। इसके लिए NASA और अमेरिका की विभिन्न चुनाव एजेंसियाँ मिलकर काम करती हैं ताकि मतदान में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

अंतरिक्ष से मतदान: एक प्रेरणादायक परंपरा

अंतरिक्ष से मतदान करने की यह प्रक्रिया न केवल अंतरिक्ष यात्रियों के लिए, बल्कि दुनिया भर के नागरिकों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह दिखाता है कि चाहे हम कहीं भी हों, मतदान का अधिकार और जिम्मेदारी का पालन करने का अवसर मिल सकता है। अंतरिक्ष से मतदान का यह सिलसिला यह भी याद दिलाता है कि कोई भी परिस्थिति ऐसी नहीं होती जो एक व्यक्ति को उसके नागरिक अधिकारों के पालन से रोक सके।

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