UP Politics: कांग्रेस पर मायावती का आरोप, ‘दलितों की अनदेखी कर रही है, आरक्षण खत्म करेगी’
UP Politics: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस दलितों के प्रति अपमानजनक रवैया अपनाकर उन्हें नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने दलित समुदाय से अपील की है कि वे कांग्रेस को वोट देकर स्थिति को खराब न करें और एकजुट होकर बीएसपी के समर्थन में वोट करें।
कांग्रेस पर आरोप
मायावती ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा है कि “हरियाणा में हो रहे विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस द्वारा दलितों की लगातार अनदेखी और अपमान इस बात का प्रमाण है कि अगर अभी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है, तो आगे क्या होगा?” उन्होंने दलित समाज के लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी वोट कांग्रेस और भाजपा को न देकर बर्बाद न करें।
आरक्षण के खिलाफ कांग्रेस का रवैया
मायावती ने कांग्रेस के नेताओं को “विरोधी आरक्षण” बताते हुए कहा, “कांग्रेस के नेता जो हमेशा आरक्षण के खिलाफ रहे हैं, अब कहते हैं कि जब समय आएगा तो आरक्षण समाप्त कर देंगे। इसलिए, दलितों को बीएसपी के लिए एकजुट होकर वोट देना चाहिए, क्योंकि यह पार्टी उनके हितों और कल्याण की रक्षा करते हुए उन्हें शासक वर्ग बनाने के लिए निरंतर संघर्ष कर रही है।”
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के दलितों को भी चेताया कि उन्हें कांग्रेस, भाजपा और अन्य गठबंधनों की झूठी वादों और अन्य भ्रामक बातों में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा, “दलितों को अपनी anti-Dalit इतिहास को ध्यान में रखते हुए बीएसपी के लिए एकजुट होकर वोट देना चाहिए, यह सभी के लिए एक मजबूत अपील है।”
बीएसपी और INLD का गठबंधन
मायावती ने यह भी बताया कि बीएसपी ने हरियाणा में इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के साथ गठबंधन किया है। इस स्थिति में, वह लगातार कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमले कर रही हैं। हाल ही में एक रैली में मायावती ने घोषणा की कि यदि INLD और बीएसपी का गठबंधन सरकार बनाता है, तो अभय सिंह चौटाला मुख्यमंत्री बनेंगे। साथ ही, एक उपमुख्यमंत्री दलित समुदाय से और एक पिछड़ी या उच्च जाति से होगा। हरियाणा में मतदान 5 अक्टूबर को होना है।
दलित समुदाय का महत्व
हरियाणा में दलितों की संख्या महत्वपूर्ण है और उनके वोट का प्रभाव चुनावी परिणामों पर सीधा होता है। मायावती ने हमेशा से दलित समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया है और इस बार भी उनका फोकस यही है कि दलितों को अपने अधिकारों की समझ हो और वे अपने मत का सही उपयोग करें। उनका यह भी मानना है कि अगर दलित समुदाय एकजुट होकर वोट करता है, तो उनकी स्थिति और अधिकारों में सुधार हो सकता है।
चुनावी रणनीति
मायावती का यह हमला न केवल कांग्रेस पर है बल्कि यह उनकी चुनावी रणनीति का भी हिस्सा है। दलितों को एकजुट करने और उन्हें बीएसपी की ओर आकर्षित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। चुनावी माहौल में इस तरह के बयान दलितों को जागरूक करने और उन्हें सही दिशा में वोट डालने के लिए प्रेरित करने का कार्य करते हैं।
राजनीतिक परिदृश्य
हरियाणा का राजनीतिक परिदृश्य भी दिलचस्प है। जहां एक ओर भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने तरीके से चुनावी मैदान में हैं, वहीं बीएसपी और INLD का गठबंधन एक नई राजनीतिक स्थिति को जन्म दे सकता है। मायावती की कोशिश है कि वह दलितों को अपने पक्ष में लाकर सत्ता की कुंजी हासिल कर सकें।