UP News: “कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार हुई धीमी, कानपुर सेंट्रल से चलने वाली ट्रेने घंटों देरी से”
UP News: उत्तर भारत में इस समय कड़ाके की ठंड और कोहरे ने यात्रियों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। खासतौर पर कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को घंटों ट्रेन का इंतजार करना पड़ रहा है। इस स्टेशन से प्रतिदिन लगभग 200 ट्रेनें गुजरती हैं और यहां यात्रियों की संख्या भी काफी अधिक होती है। कई यात्री तो 7-8 घंटे तक ट्रेन का इंतजार करते नजर आए। इस स्थिति ने रेलवे प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रेलवे अधिकारियों ने किया था कोहरे में ट्रेन की गति बनाए रखने का दावा
कुछ दिन पहले रेलवे अधिकारियों ने दावा किया था कि ठंड और कोहरे के बावजूद भारतीय रेलवे की ट्रेनें अपनी सामान्य गति से चलेंगी। अधिकारियों के अनुसार, ट्रेनों में एंटी-फॉग ग्लास लगाए गए हैं और ट्रेनों, सिग्नल्स तथा रेलवे ट्रैक पर GPS सिस्टम की निगरानी रखी जा रही है। इसका उद्देश्य यह था कि ट्रेन के चालक (लोको पायलट) को स्टेशन की स्थिति और दृश्यता का स्पष्ट अनुमान मिले। इससे यह समस्या हल होने की उम्मीद थी, जिसमें पहले लोको पायलट को स्टेशन को सही से न देख पाने के कारण ट्रेन को रोकना पड़ता था। हालांकि, इसके बावजूद ट्रेनें प्लेटफॉर्म पर देरी से आ रही हैं, और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर यात्री घंटों इंतजार कर रहे हैं
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर हजारों यात्री अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। कई यात्री तो इस इंतजार के दौरान परेशान हो जाते हैं, क्योंकि यह इंतजार कुछ मिनटों का नहीं बल्कि घंटों का होता है। कई यात्रियों ने बताया कि वे ट्रेन का इंतजार करते-करते थक चुके थे और उन्हें उम्मीद नहीं थी कि ट्रेन जल्दी पहुंचेगी। ठंड और कोहरे के कारण कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से पहुंच रही हैं, जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर यात्री अपने-अपने सामान के साथ ठंड से बचने के लिए सर्दी में भीड़भाड़ में खड़े दिखाई दिए।
रेलवे अधिकारी अशुतोष सिंह ने क्या कहा?
कानपुर सेंट्रल के चीफ ट्रैफिक मैनेजर अशुतोष सिंह ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनके पास ट्रेन की देरी के बारे में कोई विशेष डेटा नहीं है, लेकिन हां, ट्रेनें देरी से आ रही हैं। उनका कहना था कि जब कोहरा ज्यादा बढ़ता है, तो ट्रेन की गति को नियंत्रित किया जाता है और इसे एक निश्चित गति पर ही चलाया जाता है। इसका कारण यह है कि अधिक कोहरे के कारण ट्रेन के चालक को सड़क की दृश्यता कम हो जाती है और इस स्थिति में ट्रेन की गति कम करनी पड़ती है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इस प्रकार, कोहरे में ट्रेन की गति को कम करने से देरी हो सकती है।
ट्रेनों में पानी और सफाई की समस्याएं भी
अशुतोष सिंह ने यह भी कहा कि कुछ ट्रेनों में पानी की समस्या थी, जिस पर काम किया जा रहा है। यात्रियों को सफाई और पानी की सही व्यवस्था मिलनी चाहिए, और इसके लिए रेल प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है। कुछ ट्रेनों में पानी की कमी की समस्या सामने आई थी, लेकिन अब इस पर काम हो रहा है। इसके अलावा, ट्रेनों की सफाई की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो।
कोहरे और ठंड से निपटने के लिए रेलवे का प्रयास
रेलवे अधिकारियों ने कोहरे और ठंड से निपटने के लिए कई उपायों पर काम करना शुरू किया है। उनके अनुसार, एंटी-फॉग सिस्टम के तहत ट्रेनें अब अधिक सुरक्षित तरीके से चल रही हैं। इसके अलावा, कोहरे के कारण देरी और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने कुछ विशेष कदम उठाए हैं। ट्रेनों के लिए ड्राइवरों को विशेष निर्देश दिए गए हैं, ताकि वे अधिक सावधानी से यात्रा कर सकें। इसके अलावा, रेलवे ने कुछ ट्रेनों में पानी और सफाई की समस्या का भी समाधान करने की दिशा में कदम उठाए हैं।
यात्रियों के लिए विशेष उपाय
कोहरे के मौसम में यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने कुछ खास कदम उठाए हैं। यह कदम यात्री सुविधाओं को बढ़ाने और यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के लिए हैं। रेलवे प्रशासन का यह प्रयास है कि ट्रेन की देरी के बावजूद यात्रियों को अन्य सुविधाओं का कोई नुकसान न हो। इसके लिए स्टेशन पर बेहतर इंतजार कक्ष, पानी की व्यवस्था और स्वच्छता की दिशा में काम किया जा रहा है।
कुल मिलाकर, उत्तर भारत में ठंड और कोहरे का असर रेलवे सेवाओं पर साफ नजर आ रहा है। जबकि रेलवे अधिकारियों ने कोहरे के कारण ट्रेन की गति में कमी न होने का दावा किया था, लेकिन देरी की समस्याएं अब भी बनी हुई हैं। यात्रियों को लंबे समय तक इंतजार करने की स्थिति से निपटने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा निरंतर सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, यात्री अभी भी ट्रेन की देरी और अन्य समस्याओं से परेशान हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में रेलवे प्रशासन इन समस्याओं का समाधान करेगा और यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करेगा।