UP By-election: AIMIM ने चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से गठबंधन क्यों नहीं किया? ओवैसी ने दिया जवाब
UP By-election: उत्तर प्रदेश में चल रहे उपचुनावों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बार नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जिनमें AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने भी अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। AIMIM ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है, जिसमें कुंडरकी, मीरापुर और गाज़ियाबाद शामिल हैं। AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार तेज कर दिया है, और पार्टी के नेता शौकत अली ने चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन न बनाने की वजह भी बताई है।
AIMIM का चुनावी दांव
शौकत अली ने कहा कि AIMIM ने कुंडरकी सीट पर चुनावी दंगल में उतरने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार मुस्लिम और दलित मतदाता AIMIM के उम्मीदवारों के लिए वोट करेंगे और उन्हें जीत दिलाएंगे। AIMIM ने अपने उम्मीदवार हाफिज मोहम्मद वारिस को कुंडरकी सीट से खड़ा किया है। अली ने कहा कि चुनाव में 12 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 11 मुसलमान हैं।
चंद्रशेखर आजाद के साथ गठबंधन की बात
शौकत अली ने बताया कि AIMIM और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के बीच गठबंधन बनाने के लिए बातचीत चल रही थी। PDM (प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन) के नेताओं में यह तय हुआ था कि AIMIM केवल एक सीट पर चुनाव लड़ेगी और आजाद समाज पार्टी सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन चंद्रशेखर आजाद ने इस गठबंधन से इंकार कर दिया। अली ने कहा, “उन लोगों ने हमें अछूत माना, जबकि मुसलमानों ने उन्हें कभी अछूत नहीं माना।”
मुस्लिम मतदाताओं का अहमियत
उन्होंने आगे कहा कि जब जमींदारों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को अछूत कहा, तब मुसलमानों ने उन्हें अपने सबसे बड़े नेता के रूप में चुना था। अली ने इस बात पर जोर दिया कि मुसलमान और दलित दोनों समुदाय AIMIM को समर्थन देने के लिए एकजुट हो रहे हैं। AIMIM का कहना है कि अन्य पार्टियों ने मुसलमानों के वोटों का फायदा उठाया है, लेकिन अब मुसलमान केवल AIMIM के लिए वोट देंगे।
समाजवादी पार्टी पर हमला
शौकत अली ने सपा पर भी निशाना साधा और कहा कि हर पार्टी ने मुसलमानों का वोट लिया है और उन्हें धोखा दिया है। उन्होंने सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के रिश्तेदारों को लेकर भी सवाल उठाए। अली ने कहा, “अखिलेश यादव की भाभी अपर्णा भाजपा में हैं, और धर्मेंद्र यादव का भाई भाजपा के करहल सीट से उम्मीदवार है। ऐसे में सपा को यह अधिकार नहीं है कि वह हमें भाजपा का B टीम कहे।”
AIMIM की चुनावी रणनीति
AIMIM ने अपनी रणनीति के तहत कुंडरकी सीट पर हाफिज मोहम्मद वारिस को उतारा है, और वे भाजपा के रामवीर सिंह को अपना प्रतिद्वंदी मान रहे हैं। AIMIM का मानना है कि अगर उनका उम्मीदवार विधायक बनता है, तो वह कुंडरकी का विकास करेगा, जैसा कि AIMIM के अध्यक्ष ने संभल में विकास कार्य करवाने में सफलता हासिल की है।
मतदान की तारीख
कुंडरकी विधानसभा सीट पर मतदान 13 नवंबर को होगा। AIMIM ने पूरी ताकत के साथ इस सीट पर चुनावी प्रचार तेज कर दिया है। शौकत अली खुद इस सीट पर कैंप कर रहे हैं और मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि वे AIMIM को वोट दें ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
इस बार के उपचुनाव में AIMIM ने अपनी पहचान बनाने की कोशिश की है और यह देखना दिलचस्प होगा कि मुस्लिम और दलित मतदाता AIMIM को कितना समर्थन देते हैं। चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन न बनने का मामला AIMIM के लिए चुनौती बन सकता है, लेकिन पार्टी के नेता इसे एक अवसर के रूप में भी देख रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक समीकरण और भी जटिल होते जा रहे हैं। AIMIM के लिए यह चुनावी मुकाबला उनकी राजनीतिक ताकत को और मजबूत करने का एक मौका हो सकता है।