लाइफस्टाइल

हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े खतरों का सच, क्या आप समय रहते संभल पाएंगे?

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम अपनी सेहत का ध्यान रखना भूल जाते हैं और इसका सबसे बड़ा असर हमारे ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन अब एक आम समस्या बनती जा रही है। यह बीमारी एक ‘साइलेंट किलर’ की तरह होती है क्योंकि यह बिना लक्षण दिखाए धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है। यह दिल और आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है और जब तक हमें इसका पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है। इसलिए हाई बीपी को लेकर जो गलत धारणाएं फैली हुई हैं उन्हें समझना और दूर करना बहुत जरूरी है ताकि हम समय रहते सतर्क हो सकें।

अक्सर लोग यह सोचते हैं कि जब तक कोई लक्षण नहीं दिखते तब तक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती। लेकिन सच यह है कि हाई बीपी एक साइलेंट बीमारी है जिसमें कई बार कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते फिर भी यह अंदर ही अंदर शरीर को नुकसान पहुंचा रही होती है। इसलिए जरूरी है कि हम नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें ताकि समय पर समस्या का पता लगाया जा सके। इसके अलावा यह भी गलतफहमी है कि हाई बीपी सिर्फ बुजुर्गों को होता है। आजकल गलत खानपान तनाव और आराम पसंद जीवनशैली के चलते युवाओं में भी हाईपरटेंशन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े खतरों का सच, क्या आप समय रहते संभल पाएंगे?

स्ट्रोक और हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण कई बार बिल्कुल नजर नहीं आते जिससे लोग इसे हल्के में ले लेते हैं। लेकिन अगर हाई बीपी को कंट्रोल नहीं किया गया तो यह हार्ट डिजीज और स्ट्रोक जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। यह सोच भी गलत है कि अगर कोई परेशानी नहीं हो रही तो हाई बीपी खतरनाक नहीं है। सच्चाई यह है कि अनकंट्रोल्ड हाईपरटेंशन आर्टरी को नुकसान पहुंचा सकता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है। इसके अलावा किडनी से जुड़ी बीमारियां और आंखों की रोशनी पर असर भी डाल सकता है। इसलिए इस बीमारी को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है।

लाइफस्टाइल बदलाव से बच सकते हैं हाई बीपी से

कई लोग मानते हैं कि सिर्फ नमक छोड़ देने से हाई बीपी से बचा जा सकता है लेकिन यह सच नहीं है। नमक यानी सोडियम की मात्रा कम करना जरूर फायदेमंद होता है लेकिन तनाव वजन और अनुवांशिक कारणों की भी इसमें अहम भूमिका होती है। हाई बीपी से बचने के लिए संतुलित आहार और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है। दवाइयां लेने के बावजूद नियमित रूप से बीपी चेक कराना और जीवनशैली में बदलाव करते रहना चाहिए ताकि लंबे समय तक हाई बीपी को कंट्रोल में रखा जा सके। कैफीन के असर को लेकर भी भ्रम है जबकि कैफीन अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है लेकिन यह लंबे समय तक हाई बीपी का कारण नहीं बनता। और अगर परिवार में हाई बीपी की हिस्ट्री है तो भी घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि लाइफस्टाइल में बदलाव कर इस जोखिम को कम किया जा सकता है।

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