Tirupati Prasadam case: तिरुपति प्रसादम विवाद पर जे.पी. नड्डा का बयान, ‘जो भी कानून के दायरे में आएगा, कार्रवाई की जाएगी’

Tirupati Prasadam case: तिरुपति बालाजी के लड्डू में पशु वसा मिलाने का मामला अब दिल्ली तक पहुँच चुका है। इस मुद्दे पर आज केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। उन्होंने कहा, “जैसे ही मुझे इस मामले की जानकारी मिली, मैंने चंद्रबाबू नायडू से बात की और इस मामले की जानकारी ली। मैंने उनसे कहा कि वे मुझे जो रिपोर्ट है, भेजें। मैं इसकी जांच करूंगा और राज्य नियामक से भी बात करूंगा ताकि यह पता चल सके कि उनकी क्या राय है।”
कार्रवाई का आश्वासन
तिरुपति प्रसादम विवाद पर आगे बढ़ते हुए नड्डा ने कहा, “रिपोर्ट की पूरी जांच करने के बाद, सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी। जो भी कानून और हमारी एफएसएसएआई के दायरे में आएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।”
चंद्रबाबू नायडू का खुलासा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस मामले में कहा कि तिरुपति बालाजी के लड्डू में भी मिलावट की गई है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि बार-बार शिकायतें की गईं लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “इसने बालाजी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया है। (जगनमोहन सरकार) का कार्य बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, खाद्य मानक अन्य प्रसादों में भी ढीले हैं। भगवान के प्रसाद में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता में कमी आई है। यह दुखद है कि प्रसाद में घी के बजाय पशु वसा का उपयोग किया गया।”
नायडू ने आगे कहा, “अब हम प्रसाद की गुणवत्ता पर काम करना शुरू कर चुके हैं। शुद्ध घी का उपयोग प्रसाद बनाने के लिए किया जा रहा है। यह हमारी किस्मत है कि भगवान बालाजी हमारे राज्य में हैं। दुनिया भर से लोग यहाँ आते हैं, इसलिए हमें तिरुपति जी की शुद्धता का पूरा ध्यान रखना है।”
लैब रिपोर्ट में क्या आया सामने?
लड्डू के नमूने की जांच गुजरात के नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की लैब में की गई। परीक्षण में पाया गया कि प्रसाद के लिए लड्डू बनाने में उपयोग किया गया घी पशु वसा से मिलकर बना था। जांच से यह स्पष्ट हुआ कि लड्डू में मछली के तेल और गाय के वसा (बीफ) के अंश मिले। इसके साथ ही इसमें कुछ मात्रा में लार्ड भी पाया गया। आगे की लैब रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रसाद लड्डू बनाने में शुद्ध घी के बजाय पशु वसा का उपयोग किया गया।