मध्य प्रदेश

Madhya Pradesh में इस बार सर्दी ने तोड़े रिकॉर्ड, अब मिल रही राहत, अगले 10 दिन तक मौसम रहेगा सामान्य

Madhya Pradesh में इस बार सर्दी ने कई रिकॉर्ड तोड़े, लेकिन अब पूरी राहत मिल रही है। नवंबर से शुरू हुआ यह सर्दी का दौर दिसंबर और जनवरी में अपने चरम पर था। फरवरी के शुरुआत में भी राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक दर्ज किया गया था। अब मौसम में बदलाव आ चुका है, और फिलहाल कोई मौसमी सिस्टम सक्रिय नहीं है, जिसके कारण दिन और रात के तापमान में वृद्धि देखी जा रही है। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह के अनुसार, अब राज्य में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से ऊपर रहने की संभावना है। साथ ही, आगामी 10 दिन तक बारिश का कोई भी अनुमान नहीं है। इसके बाद तापमान और बढ़ सकता है।

नवंबर-दिसंबर और जनवरी में सर्दी ने तोड़े रिकॉर्ड

इस सर्दी का सीजन नवंबर और दिसंबर में काफी सख्त था। इन दोनों महीनों में सर्दी ने कई रिकॉर्ड तोड़े। नवंबर में भोपाल में 36 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। इसके अलावा, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में तापमान सामान्य से 7 डिग्री कम रहा। दिसंबर में भी ठंड का आलम था और दिसंबर का महीना जनवरी से भी ज्यादा ठंडा रहा। पूरे राज्य में बर्फीली हवाओं ने सितम्बर और अक्टूबर की मिड-सीजन को भी ठंडा कर दिया।

Madhya Pradesh में इस बार सर्दी ने तोड़े रिकॉर्ड, अब मिल रही राहत, अगले 10 दिन तक मौसम रहेगा सामान्य

भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इस महीने में ठंड की लहर ने 9 दिनों तक अपना असर बनाए रखा। जनवरी में भी 10 से 15 दिनों तक सर्दी का दौर जारी रहा, हालांकि इसके बाद कुछ राहत मिल गई। मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेद प्रकाश सिंह के अनुसार, जनवरी में ठंड का असर था, लेकिन पिछले 10 वर्षों के मौसम के ट्रेंड को देखा जाए तो इस बार ठंड उतनी गंभीर नहीं थी। पश्चिमी विक्षोभ की कमी के कारण भारी बारिश का कोई दौर नहीं आया, जबकि जनवरी में कभी-कभी बारिश और ओलावृष्टि की घटनाएं आम होती हैं।

20 साल बाद लम्बे समय तक सर्दी का असर

मध्यप्रदेश मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार सर्दी का सीजन राज्य में 20 वर्षों के बाद सबसे लंबा रहा। इस बार सर्दी का प्रभाव 3 महीने के पूरे 90 दिनों में से 70 दिनों तक रहा। नवंबर, दिसंबर और जनवरी के बीच केवल 20 दिनों में राहत मिली। इसी तरह, फरवरी के पहले सप्ताह में भी ठंड का प्रभाव देखा गया। कुल मिलाकर इस बार 65 दिन ऐसे रहे जब सर्दी का प्रभाव अधिक था। मौसम विभाग का कहना है कि इस प्रकार का लंबा सर्दी का दौर पिछले 20 वर्षों में पहली बार देखा गया है।

फरवरी में बारिश का कोई अंदेशा नहीं

अगर हम पिछले 10 वर्षों के मौसम के रुझान को देखें तो मध्यप्रदेश में फरवरी महीने में रातें ठंडी और दिन गर्म रहते हैं। इस दौरान बारिश का भी रुझान देखने को मिलता है। लेकिन इस बार मौसम विभाग का कहना है कि इस महीने में बारिश की संभावना नहीं है। इसके साथ ही, भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से ऊपर रहने की उम्मीद है, जबकि रात में तापमान 10 से 14 डिग्री के बीच रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, ग्वालियर में फरवरी महीने में ठंड सबसे ज्यादा महसूस होती है। पिछले साल ग्वालियर में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच गया था, जबकि इससे पहले यह 5 डिग्री से नीचे भी जा चुका था। जबलपुर में दिन में गर्मी रहती है, लेकिन रात को ठंड का प्रभाव रहता है।

अब क्या होगा?

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी की उम्मीद है। खासकर दिन के तापमान में और वृद्धि हो सकती है, और रात का तापमान भी कुछ ज्यादा रहेगा। इस समय कोई सक्रिय मौसमी प्रणाली न होने के कारण बारिश की कोई संभावना नहीं है। लेकिन बाद में पश्चिमी विक्षोभ के असर से कुछ बदलाव हो सकते हैं।

इस सीजन की सर्दी में तापमान में भारी गिरावट आई थी, जिसके कारण लोगों को कड़ी ठंड का सामना करना पड़ा। लेकिन अब सर्दी का असर खत्म हो चुका है और मौसम सामान्य हो चुका है। जो लोग सर्दी के कारण परेशान हो रहे थे, उनके लिए अब राहत की खबर है।

हालांकि, मौसम में इस बदलाव को लेकर लोग थोड़े हैरान भी हैं, क्योंकि यह मौसम का अप्रत्याशित बदलाव है। इस बार सर्दी का असर लंबे समय तक रहा और अब मौसम गर्म हो गया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले कुछ दिनों में तापमान और किस दिशा में जाएगा और मध्यप्रदेश में गर्मी की शुरुआत कब से होती है।

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