फ्रांस में शिक्षक की सिर कलम करने की जघन्य घटना, 8 आरोपी दोषी ठहराए गए
फ्रांस के आतंकवाद विरोधी न्यायालय ने 4 साल पहले एक शिक्षक की सिर काटकर हत्या करने के मामले में 8 आरोपियों को दोषी ठहराया है। इस जघन्य अपराध के बारे में जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
जानकारी के अनुसार, सैम्युएल पटि नामक शिक्षक की हत्या पेरिस के पास स्थित उनके स्कूल के बाहर कर दी गई थी। कोर्ट ने इस घिनौने कृत्य को अंजाम देने वाले 8 लोगों को दोषी ठहराया है। यह हत्या इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा की गई थी।
क्या हुआ था घटना के दिन?
पैटी (47) की हत्या 16 अक्टूबर 2020 को एक इस्लामिक चरमपंथी द्वारा उनके स्कूल के बाहर की गई। इससे कुछ दिन पहले, पैटी ने अपनी कक्षा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चर्चा करते हुए पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए थे। हमलावर एक 18 वर्षीय चेचन मूल का रूसी नागरिक था, जिसे पुलिस कार्रवाई में मार दिया गया। इस मामले में आरोपी को पेरिस की विशेष अदालत में ट्रायल किया गया। इन आरोपियों पर हत्या के मामले में अपराधी की मदद करने और हत्या से पहले ऑनलाइन नफरत फैलाने का आरोप था। अदालत के फैसले के दौरान 540 सीटों वाला कोर्टरूम भरा हुआ था और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी।
16 साल की सजा पाए दो अपराधी
हमलावर के दोस्तों, 22 वर्षीय नाइम बौदाउद और 23 वर्षीय आजिम एप्सिर्खानोव को हत्या में भागीदारी के आरोप में 16-16 साल की सजा सुनाई गई। बौदाउद पर हमलावर को स्कूल तक ले जाने का आरोप था, जबकि एप्सिर्खानोव पर उसे हथियार खरीदने में मदद करने का आरोप था।
ब्राहिम चनीना की 13 साल की सजा
ब्राहिम चनीना (52) उस मुस्लिम लड़की के पिता हैं, जिनकी झूठी बातों ने पैटी की हत्या का कारण बनी। ब्राहिम को आतंकवादी संगठन से जुड़ने के आरोप में 13 साल की सजा सुनाई गई।
मुख्य गवाह बनीं ब्राहिम की 13 साल की बेटी
ब्राहिम की बेटी 13 साल की थी जब पैटी की हत्या हुई। उसने दावा किया था कि जब पैटी ने 5 अक्टूबर 2020 को कार्टून दिखाए थे, तो उसे कक्षा से बाहर निकाल लिया गया था। ब्राहिम ने अपने परिचितों को कई संदेश भेजे थे जिसमें उन्होंने पैटी की निंदा की और कहा था कि पैटी को उनकी नौकरी से निकाल देना चाहिए। साथ ही उन्होंने पैटी के स्कूल का पता भी इन संदेशों में भेजा था, जबकि हकीकत यह थी कि ब्राहिम की बेटी ने झूठ बोला था और वह उस कक्षा में नहीं गई थी जहां कार्टून दिखाए गए थे। पैटी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चर्चा करते हुए यह कार्टून दिखाए थे और कहा था कि जो छात्र इसे नहीं देखना चाहते थे, वे कुछ समय के लिए कक्षा से बाहर जा सकते थे। इसके बाद, ब्राहिम ने ऑनलाइन अभियान चलाया और 11 दिन बाद अब्दुल्लाख अबुयेजिदोविच अन्ज़ोरोव ने पैटी की हत्या कर दी।
फ्रांस में इस हत्या के मामले में 8 आरोपियों को दोषी ठहराए जाने के बाद, यह स्पष्ट है कि यह मामला केवल एक शिक्षक की हत्या का नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती धार्मिक कट्टरता और नफरत का प्रतीक बन चुका है। इस घटना ने यह साबित किया कि आतंकवाद और चरमपंथ से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इस कृत्य ने न केवल फ्रांस बल्कि पूरी दुनिया में एक गहरी छाप छोड़ी है।